खेतेश्वर को जपले प्राणी मैं समझावु

खेतेश्वर को जपले प्राणी मैं समझावु घडी घडी


खेतेश्वर थाने विनती,
दिन में सौ-सौ बार।
बालक जान दया कर दीजो,
दाता कीजो भव सागर पार।

आम की डाली कोयल बोले,
बात बतावे खरी-खरी।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी,
मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।

ब्रह्मधाम आशोतरा में,
नर-नारी रो मेलो है।
खेतेश्वर को ध्यान धरो,
हर दम थारे भेलो है।
गाँव-गाँव और नगर-नगर में,
धूम मची है गली-गली।।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी,
मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।

धन-दौलत सब उम्र कमाओं,
दोई घड़ी शुभ काम करो।
ऐडो अवसर हाथ न आवे,
चाहे जतन तमाम करो।
तन, मन, धन सब अर्पण कर लो,
ब्रह्मधाम के आप धणी।।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी,
मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।

आप बसे वैकुंठ धाम अब,
भक्त पे आये मेहर करो।
ज्ञान-ध्यान के तुम हो सागर,
सुखी नदिया नीर भरो।
प्यासी बगिया मेर से भर दो,
हो जावे वे हरी-भरी।।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी,
मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।

ब्रह्मस्वरूपी महावैरागी,
खेतेश्वर तपधारी है।
आप की शरणे जो कोई आया,
नैया पार उतारी है।
दास हीरा पर कृपा कर दो,
भजन बनाई कड़ी-कड़ी।।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी,
मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।


Kheteshwar ko jap le prani

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

You may also like
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post