खेतेश्वर थाने विनती, दिन में सौ-सौ बार। बालक जान दया कर दीजो, दाता कीजो भव सागर पार।
आम की डाली कोयल बोले, बात बतावे खरी-खरी। खेतेश्वर को जप ले प्राणी, मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।
ब्रह्मधाम आशोतरा में, नर-नारी रो मेलो है। खेतेश्वर को ध्यान धरो, हर दम थारे भेलो है। गाँव-गाँव और नगर-नगर में, धूम मची है गली-गली।। खेतेश्वर को जप ले प्राणी, मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।
धन-दौलत सब उम्र कमाओं, दोई घड़ी शुभ काम करो। ऐडो अवसर हाथ न आवे, चाहे जतन तमाम करो।
Rajasthani Bhajan Lyrics Hindi
तन, मन, धन सब अर्पण कर लो, ब्रह्मधाम के आप धणी।। खेतेश्वर को जप ले प्राणी, मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।
आप बसे वैकुंठ धाम अब, भक्त पे आये मेहर करो। ज्ञान-ध्यान के तुम हो सागर, सुखी नदिया नीर भरो। प्यासी बगिया मेर से भर दो, हो जावे वे हरी-भरी।। खेतेश्वर को जप ले प्राणी, मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।
ब्रह्मस्वरूपी महावैरागी, खेतेश्वर तपधारी है। आप की शरणे जो कोई आया, नैया पार उतारी है। दास हीरा पर कृपा कर दो, भजन बनाई कड़ी-कड़ी।। खेतेश्वर को जप ले प्राणी, मैं समझावूं घड़ी-घड़ी।।
Kheteshwar ko jap le prani
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