श्री श्याम प्रभु की जिस घर में यह ज्योत जगाई लिरिक्स Shri Shyam Prabhu Ki Jis Ghar Me Lyrics
ॐ श्री श्याम देवाय नमः,
ओम श्री श्याम देवायन मः,
श्री श्याम प्रभु की जिस घर में,
यह ज्योत जगाई जाती है,
श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम,
श्री श्याम प्रभु की जिस घर में,
यह ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
जो रोज सबेरे उठ करके,
मेरे श्याम को शीश नवाते हैं,
जो नाम श्याम का लेकर के ही,
घर से बाहर जाते हैं,
ज्योति की भभूति श्रद्धा से,
ज्योति की भभूति श्रद्धा से,
माथेँ पे लगाई जाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
जिस घर में श्याम को भोग लगा,
भोजन को परोसा जाता है,
उस भोजन को अमृत समझो,
वो श्याम प्रसाद बन जाता है,
जहा भोजन के हर कोर में,
महिमा श्याम की गाई जाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
जिस के घर में श्री श्याम भजन,
सुनते है और सुनाते है,
जो श्याम प्रभु के चरणों में,
तन मन की सुध बिसराते है,
जिस के घर में माँ बच्चो को,
श्री श्याम श्री श्याम जपवाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
ऐसे प्रेमी के घर "बिन्नू",
मेरे श्याम प्रभु बस जाते हैं,
उस घर परिवार पे "लख्खा" श्याम धणी,
सुख अमृत बरसाते है,
वो घर मंदिर बन जाये जहाँ,
फूलो सी खुशबु आती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
श्री श्याम प्रभु की जिस घर में,
हाँ यह ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
ओम श्री श्याम देवायन मः,
श्री श्याम प्रभु की जिस घर में,
यह ज्योत जगाई जाती है,
श्री श्याम, श्री श्याम,
जय श्री श्याम,
श्री श्याम प्रभु की जिस घर में,
यह ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
जो रोज सबेरे उठ करके,
मेरे श्याम को शीश नवाते हैं,
जो नाम श्याम का लेकर के ही,
घर से बाहर जाते हैं,
ज्योति की भभूति श्रद्धा से,
ज्योति की भभूति श्रद्धा से,
माथेँ पे लगाई जाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
जिस घर में श्याम को भोग लगा,
भोजन को परोसा जाता है,
उस भोजन को अमृत समझो,
वो श्याम प्रसाद बन जाता है,
जहा भोजन के हर कोर में,
महिमा श्याम की गाई जाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
जिस के घर में श्री श्याम भजन,
सुनते है और सुनाते है,
जो श्याम प्रभु के चरणों में,
तन मन की सुध बिसराते है,
जिस के घर में माँ बच्चो को,
श्री श्याम श्री श्याम जपवाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
ऐसे प्रेमी के घर "बिन्नू",
मेरे श्याम प्रभु बस जाते हैं,
उस घर परिवार पे "लख्खा" श्याम धणी,
सुख अमृत बरसाते है,
वो घर मंदिर बन जाये जहाँ,
फूलो सी खुशबु आती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
श्री श्याम प्रभु की जिस घर में,
हाँ यह ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भक्तो क्या कहना,
हर ख़ुशियाँ पाई जाती हैं,
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Album - Main Wari Jaaun
Song - Shree Shyam Prabhu Ki Jis Ghar Me
Singer - Lakhbir Singh Lakkha
Music - SHYAAM SUNDER,BINNU JI,PAPPU
Lyrics - DURGA -NATRAAJ
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Singer - Lakhbir Singh Lakkha
Music - SHYAAM SUNDER,BINNU JI,PAPPU
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