इबके भोळे काम चला ले हैंड पंप के पानी ते भजन

इबके भोळे काम चला ले हैंड पंप के पानी ते Ibake Bhole Kaam Chala Le Hand Pump Lyrics

 
इबके भोळे काम चला ले हैंड पंप के पानी ते लिरिक्स Ibake Bhole Kaam Chala Le Hand Pump Lyrics

चारों तरफ लोकडाउन है,बंद सिटी और बंद टाउन है
पुलिस खड़ी और सील है बोडर,गोरमेंट का सख्त है ओडर,
हरिद्वार मैं जा नही सकता, ज्यादा भीड़ लगा नही सकता,
इतना रिस्क उठा नहीं सकता,
सौ बातां की इक बात, इबके थारी कावड ल्या नहीं सकता,
अच्छी तरह वाक़िफ़ है अपने बच्या की कहाणी ते,
इबके भोळे काम चला ले, हैंड पंप के पानी ते,
इबके भोळे काम चला ले, हैंड पंप के पानी ते,

हलवा खा ले, चूरमा खा ले, बूरा शक़्कर भे दे दयूंगा,
चिलम भरा ले, भांग घुटा ले, जान माँग ले दे दयुन्गा,
थोड़ा सा गंगा जल निकल्या, पीपी इक पुराणी ते,
इब के भोले काम चला ले हैंडपंप के पानी ते,

दादी जावन से ते नाटे से, दादा छ्छर छांटे से,
साँच बताऊँ भोले बाबा, मेरा भी मन घाटे से
सिंहपुरिया बाहर नही जा सकता, कदे अपनी बंटी श्याणी ते,
इब के भोले काम चला ले हैंड पंप के पानी से,
इबके भोळे काम चला ले, हैंड पंप के पानी ते,
इबके भोळे काम चला ले, हैंड पंप के पानी ते,


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Singer - Rajesh Singhpuria
Artist - Rajesh Singhpuria
Lyrics - Rajesh Singhpuria
Music - Hovi Sharma

भगवान शिव को "भोलेनाथ" क्यों कहा जाता है, यह सवाल वास्तव में बहुत गहरा और दिलचस्प है। भगवान शिव का स्वभाव बहुत ही सरल और उदार है। वह किसी भी भक्त से भेदभाव नहीं करते, चाहे वह देवता हो, दैत्य हो, या मनुष्य। उनकी इस विशेषता को ही "भोलेनाथ" कहा जाता है, क्योंकि वह बिना किसी लालच या शर्त के सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

भस्मासुर की कथा हमें भगवान शिव के भोलेपन को समझाने में मदद करती है। भस्मासुर ने भगवान शिव से एक बहुत बड़ा वरदान मांगा, जिसमें उसने यह इच्छा जताई कि वह जिस किसी के सिर पर हाथ रखेगा, वह व्यक्ति तुरंत भस्म हो जाएगा। भगवान शिव ने उसे यह वरदान दे दिया, हालांकि वह जानते थे कि इस वरदान का दुरुपयोग सृष्टि के विनाश के लिए किया जा सकता है। फिर भी भगवान शिव ने बिना किसी शर्त के उसे वरदान दिया, क्योंकि वह अपने भक्त के प्रति अत्यंत उदार थे।

जब भस्मासुर ने भगवान शिव पर ही यह वरदान प्रयोग करने की कोशिश की, तो भगवान शिव ने अपनी जान बचाने के लिए भगवान विष्णु की सहायता ली। भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया और भस्मासुर को अपने आकर्षण में फंसाकर उसे अपने ही हाथों से नष्ट कर दिया। इस पूरी घटना में भगवान शिव का भोलेपन और उनका अपनी सृष्टि से निस्वार्थ प्रेम दिखाई देता है।

इसलिए भगवान शिव को "भोलेनाथ" कहा जाता है, क्योंकि वह बिना किसी मोह के सच्चे दिल से पूजा करने वाले भक्तों की इच्छाओं को पूरा करते हैं, भले ही वह कोई भी हो।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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