मत बांधो गठरिया अपजश के लिरिक्स Mat Bandho Gathariya Apjash Ke
अपजश के हो अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
अपजश के हो अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
धरम छोड़ी अधर्म को ध्यायो,
धरम छोड़ी अधर्म को ध्यायों,
नैया डुबायो जनम भर की,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
भाई बंधू परिवार कुटुंब सब,
भाई बंधू परिवार कुटुंब सब,
ये सब अपने मतलब के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
जानी युवा घटा गहरानी,
जानी युवा घटा गहरानी,
हुवे बदनामी जनम भर की,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
कहत कबीर सुनों भाई साधो,
कहत कबीर सुनों भाई साधो,
निकला साँस नहीं बस के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
अपजश के हो अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
अपजश के हो अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
अपजश के हो अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
धरम छोड़ी अधर्म को ध्यायो,
धरम छोड़ी अधर्म को ध्यायों,
नैया डुबायो जनम भर की,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
भाई बंधू परिवार कुटुंब सब,
भाई बंधू परिवार कुटुंब सब,
ये सब अपने मतलब के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
जानी युवा घटा गहरानी,
जानी युवा घटा गहरानी,
हुवे बदनामी जनम भर की,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
कहत कबीर सुनों भाई साधो,
कहत कबीर सुनों भाई साधो,
निकला साँस नहीं बस के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
अपजश के हो अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
अपजश के हो अपजश के,
मत बांधो गठरिया अपजश के,
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Author - Saroj Jangir
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