अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे घटक उपयोग सेवन विधि

अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे अविपत्तिकर चूर्ण के घटक और उपयोग

वर्तमान समय में घटते शारीरिक श्रम और बैठे रहकर ज्यादा कार्य करने की आदतों के कारण पाचन तंत्र के विकार शुरू होने लगते हैं। कब्ज के अतिरिक्त वर्तमान में अम्ल पित्त (एसिडिटी-गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज' (GERD) ), खट्टी डकार, भोजन के उपरान्त एकदम से भारीपन का आना अम्ल पित्त के ही सूचक हैं। जठराग्नि में उत्पन्न विकृति / विकार ही अम्ल पित्त के रूप में सामने आती है।
 
अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे घटक उपयोग Avipattikar Churna Benefits Ayurvedic Medicine for Acidity

अम्ल पित्त : अविपत्तिकर चूर्ण अम्ल पित्त विकार में सबसे अधिक उपयोगी होता है। अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से अम्ल पित्त तथा अम्ल पित्त के कारण से होने वाले उदर शूल, अग्निमांद्य, वातनाड़ियां में उत्पन्न दर्द, अर्श, प्रमेह, मूत्रघात, मूत्राश्मरी का नाश होता है। शीघ्र लाभ के लिए केवल दूध और हल्का भोजन लेना चाहिए। अम्ल पित्त  विकार में छाती में जलन और भारीपन उत्पन्न हो जाता है। अम्ल पित्त के बढ़ जाने पर जी घबराना, मतलाई आना और उल्टी जैसा महसूस होने लगता है। वमन अत्यंत खट्टी और कंठ में जलन पैदा करने वाली होती है। 

अविपत्तिकर चूर्ण एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसका उल्लेख रस तंत्र सार और आयुर्वेदा सार संग्रह ग्रन्थ से प्राप्त होता है। यह चूर्ण मुख्य रूप से एसिडिटी, बदहजमी, खट्टी डकारें और पाचन तंत्र के विकारों को दूर करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में मुताबिक़ अविपत्तिकर चूर्ण (Avipattikar Churna) अम्लपित्त (Acidity), शूल (पेट दर्द), अर्श (Piles), प्रमेह, मूत्राघात (पेसाबकी उत्पत्ति कम होना) और मूत्रास्मरी (पथरी) विकारों में लाभदाई होता है। यह औषधि अपच ,कब्ज, पेट दर्द ,गैस इत्यादि समस्याओं में उपयोगी है।

एसिडिटी (अम्ल पित्त) से बचने के उपाय : How To Avoid Acidity

एसिडिटी से बचने के लिए आप निम्न चरणों/बातों  का पालन कर सकते हैं। 
  • गरिष्ट भोजन का सेवन नित्य नहीं करे। हल्का फुल्का और स्वास्थ्यवर्धक भोजन का सेवन करें। भोजन के उपरान्त कुछ मात्रा में सौंफ अवश्य खाएं। भोजन के सेवन के तुरंत बाद पानी नहीं पीएं।
  • भोजन के उपरान्त सोये नहीं हल्का फुल्का टहल लें। 
  • माँसाहारी भोजन के स्थान पर शाकाहारी भोजन करें। मांसाहारी भोजन अधिक तैलीय होता है और मिर्च मसाले भी अधिक होते हैं। 
  • मानसिक तनाव और चिंता से दूर रहें। 
  • सिगरेट और शराब और तम्बाखू का सेवन नहीं करें। 
  • सम्भव हो तो जैविक गेहूं और सब्जियों का उपयोग करें। कीटनाशक से उत्पन्न खाद्यान्न रोगों का घर हैं। 
  • चाय और कॉफी का सेवन अधिक नहीं करें। 
  • भोजन में खीरा, तरबूज आदि ऐसे फलों और सब्जियों को शामिल करें जिनमे प्राकृतिक रूप से जल की प्रधानता होती है। 
  • सम्भव हो तो खाली पेट नारियल के पानी का सेवन करें। 
  • भोजन के उपरान्त थोड़ा गुड़ खाएं। 
  • अपनी दिनचर्या में शारीरिक मेहनत को शामिल करें। सुबह शाम टहलने जाएँ, व्यायाम और योग को अपनाएँ।

अविपत्तिकर चूर्ण के घटक Avipattikar Churna ingredients Hindi. Best Ayurvedic Medicine for Acidity.

आयुर्वेदिक ग्रंथों के यथा रस तंत्र सार / रसेन्द्र चिंतामणि के अनुसार अविपत्तिकर चूर्ण के निम्न घटक होते हैं -
  • Sounth सौंठ जिंजिबर ऑफ़िसिनेल / Zingiber officinale
  • Kali Mirch काली मिर्च (Piper nigrum)
  • Pippal पिप्पल Piper longum
  • Harad हरड़ Haritaki Terminalia chebula
  • Baheda भरड़ Bibhitaka Terminalia bellirica
  • Amla आँवलाAmalaki Phyllanthus emblica
  • Nagarmotha नागरमोथा Musta Cyperus rotundus
  • Vid Namak विडनमक/नौसादर
  • VaiVidang बाय विडंग Embelia Ribes
  • Laghu Ela छोटी एला (Sukshmaila API) Eletteria cardamomum
  • Tej Patra तेजपत्र Cinnamomum tamala, Indian bay leaf
  • Lavang लौंगLavang (Syzgium aromaticum)
  • Nisoth निशोथ
  • Mishri मिश्री

अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे Avipattikar Churna Benefits Hindi

  • अम्ल पित्त : अविपत्तिकर चूर्ण हायपर एसिडिटी (अम्ल पित्त ) के विकार को दूर करने के लिए लाभदाई ओषधि है। अम्ल पित्त के होने पर छाती में जलन, छाती में भारीपन और उल्टी (वमन) जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अम्ल पित्त के अतिरिक्त आमवात, सन्धिवात ,पक्षाघात, उदरशूल, पित्त प्रकोप, उन्माद आदि विकारों में भी अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से लाभ मिलता है।
  • क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस को दूर करने के लिए पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण लाभदाई है।
  • खाने के उपरान्त इसका सेवन करने से बढ़ा हुआ पित्त शांत होता है।
  • पेट में बढ़ी हुई गैस को दूर करने में अविपत्तिकर चूर्ण लाभदाई होता है।
  • इसके सेवन से कब्ज दूर होता है, पाचन क्रिया सुधरती है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से भोजन के पाचन में सुधार होता है, अस्वस्थ, असंतुलित आहार और गतिहीन जीवनशैली अक्सर पाचन से संबंधित समस्याओं का कारण बनती हैं। निशोथ के कारण इस चूर्ण में विरेचन का गुण भी सम्मिलित हो जाता है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण का एक लाभ यह भी होता है की यह अम्ल की बढ़ी हुई मात्रा जो वात नाड़ियों तक पहुँच जाती को शांत करता है जिससे नसों में खिंचाव शुरू हो जाता है।ऐसी स्थिति में निश्चित ही अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से लाभ मिलता है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण मंदाग्नि को दूर करने लाभदाई होता है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण पित्त नाशक होता है। त्रिफला, लौंग, निशोथ, नागरमोथा बड़े हुए पित्त को संतुलित करते हैं।
  • मूत्र में विष का बढ़ जाना, मूत्र में जलन आदि विकारों में भी यह चूर्ण लाभदाई होता है। पित्त की अधिकता से आये मूत्र विकार में भी अविपत्तिकर चूर्ण लाभदाई होता है।
  • इस ओषधि के सेवन से पेट में अल्सर नहीं बनता है। 
  • अविपत्तिकर चूर्ण में निशोथ मिलाने का प्रावधान भी है जिससे इसमें कुछ गुण विरेचन के भी प्राप्त होते हैं।

अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन कैसे करें Doses of Avipattikar Churna

सामान्य परिस्थितियों में अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन आप खाने के पूर्व ३ से ६ ग्राम तक शीतल जल के साथ कर सकते हैं। यद्यपि यह एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं फिर भी आप इसके सेवन से पूर्व वैद्य से सलाह अवश्य प्राप्त कर लें। रोग की जटिलता के आधार पर इसकी मात्रा और अन्य ओषधियों का योग होता है। वैद्य के परामर्श के उपरान्त ७ से २१ दिनों तक इसका सेवन किया जा सकता है। इसे शीतल जल या फिर नारियल के पानी के साथ लेना चाहिए। आँतों में शोथ होने पर सामान्य रूप से इसका सेवन नहीं करना चाहिए या फिर आवश्यक ही हो तो घी या शहद के साथ इसका सेवन करना चाहिए। 

अविपत्तिकर चूर्ण को घर पर कैसे बनाएं How To Make Avipattikar Churna at Home

अविपत्तिकर चूर्ण को आप आसानी से अपने घर पर ही तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको संदर्भित ग्रन्थ के मुताबिक़ निम्न ओषधियों की आवश्यकता है।
  • कालीमिर्च – 1 भाग
  • सोंठ – 1 भाग
  • पिप्पली – 1 भाग
  • आंवला (आमलकी) – 1 भाग
  • बहेड़ा (विभितकी) – 1 भाग
  • हरड (हरीतकी) – 1 भाग
  • नागर मोथा – 1 भाग
  • वायविडंग – 1 भाग
  • विड लवण – 1 भाग
  • इलायची – 1 भाग
  • तेजपत्र – 1 भाग
  • लौंग – 10 भाग
  • निशोथ – 40 भाग
  • मिश्री – 60 भाग
उपरोक्त सभी ओषधियों को साफ़ करके अच्छे से धूप में सूखा दें जिससे इनकी नमी निकल जाए। अब निश्चित मात्रा में ली गई घटक सामग्री को कूट लें और दरदरा होने पर मिक्सी में महीन चूर्ण बना लें। सावधानी रखें की इस चूर्ण को आप काँच की हवाबंद डिब्बे में रखें जिससे इसके प्राकृतिक तेल उड़े नहीं। प्राकृतिक तेल उड़नशील होते हैं। चूर्ण बनाने से पूर्व सामग्री की शुद्धता की जाँच अवश्य कर लेनी चाहिए। 
 
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अविपत्तिकर चूर्ण के दुष्परिणाम Side effects of Avipattikar Churna

अविपत्तिकर चूर्ण एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसके कोई ज्ञात दुष्परिणाम नहीं है फिर भी आप इसके सेवन से पूर्व वैद्य की सलाह लेंवे। आँतों में सूजन हो जाने पर, आँतों को ऊपर से दबाने पर यदि दर्द हो तो इसका सेवन प्रायः नहीं करना चाहिए। निश्चित मात्रा से अधिक मात्रा और वैद्य द्वारा बताए गए समय से अधिक/लम्बे समय तक अविपत्तिकर चूर्ण का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। 

डाबर अविपत्तिकर चूर्ण 
Indication:Hyperacidity, Heart burn Constipation ,Indigestion Urinary retenstion, and resultant diseases,Also recommended in Diabetes and Piles.
Dose:¼ to ½ teaspoonful(1-3gm) twice aday with honey or milk or as directed by the physician.
Packing:60gm and 100 gm pack. 
डाबर अविपत्तिकर चूर्ण आपको मुख्य आयुर्वेदिक औषधियों की दूकान से प्राप्त हो जाता हैं। आप चाहें तो इसे ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं। डाबर की अधिकृत वेबसाइट का लिंक निचे दिया  गया है। 
https://www.dabur.com/daburmediclub/products/churna/avipattikar-churna.html
बैद्यनाथ अविपत्तिकर चूर्ण 
Baidyanath Avipattikar Churna is a highly effective solution for indigestion and bowel problems. It is an indicated remedy for hyperacidity, constipation, heart burn, acidity and similar other diseases. Baidyanath Avipattikar Churna is mainly known as its carminative properties which basically help as the remedy of vomiting and dropsy.
बैद्यनाथ अविपत्तिकर चूर्ण ऑनलाइन खरीदने के लिए निचे दिए गए अधिकृत लिंक पर विजिट करें।
https://www.baidyanath.com/product/avipattikar-churna/
साधना अविपत्तिकर चूर्ण
Avipattikar Churna Description: Used in the treatment of constipation. It also helps to relieve gastritis very quickly.
साधना अविपत्तिकर चूर्ण के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अधिकृत लिंक पर विजिट करें।

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण Patanjali Avipattikar Churna Patanjali Medicine for Acidity.

पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण आपको आयुर्वेदिक ओषधियों की दूकान से या फिर पतंजलि चिकित्सालय में उपलब्ध हो जाता है। यदि आप इसे ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो पतंजलि आयुर्वेदा की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें जिसका लिंक निचे दिया गया है।
https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/churna/avipattikar-churna/23
पतंजलि आयुर्वेदा का अविपत्तिकर चूर्ण के विषय में कथन
Avipattikar Churna is a very effective cure for acidity, indigestion and constipation. Unhealthy, unbalanced diet and sedentary lifestyle often leads to digestion-related problems. Avipattikar Churna is a combination of herbs and natural extracts which reduces acidity in stomach, relieves heartburn and discomfort. It reduces gas formation and induces intestinal movements thus relieving you of constipation. Avipattikar Churna stimulates the production of digestive enzymes and helps in the absorption of nutrients. Take Avipattikar Churna for a complete recovery from digestive ailments. It brings to you immediate and lasting relief.
 
Reference सन्दर्भ : 

The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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