बदरा रे तू जल भरी ले आयो लिरिक्स Badara Re Tu Jal Bhar Le Aayo Lyrics

बदरा रे तू जल भरी ले आयो लिरिक्स Badara Re Tu Jal Bhar Le Aayo Lyrics Meera Bhai Bhajan/Padawali Lyrics

 
बदरा रे तू जल भरी ले आयो लिरिक्स Badara Re Tu Jal Bhar Le Aayo Lyrics Meera Bhai Bhajan/Padawali Lyrics

बदरा रे तू, जल भरी ले आयो,
छोटी छोटी बूंदें बरसन लागे,
कोयल शबद सुणायो,
बदरा रे तू, जल भरी ले आयो।
 
गाजे बाजे पवन मधुरिया,
अंबर बदरा छायो,
ओ बदरा, रे बदरा,
बदरा रे तू, जल भरी ले आयो।
बदरा रे तू, जल भरी ले आयो।
 
तेज सवारी, बदरा पिया घर आए,
हिलमिल मंगल गायो,
ओ बदरा, रे बदरा,
मीरा के प्रभु हरी अविनाशी,
हरी अविनासी,
बाग़ भयो जिण पायो,
ओ बदरा, रे बदरा,
बदरा रे तू, जल भरी ले आयो,
छोटी छोटी बूंदें बरसन लागे,
कोयल शबद सुणायो,
बदरा रे तू, जल भरी ले आयो।
 

Badara Re Tu Jal Bhari Le Aayo | Meera Bhajan | Gansaraswati Kishori Amonkar

Badara Re Too, Jal Bharee Le Aayo,
Chhotee Chhotee Boonden Barasan Laage,
Koyal Shabad Sunaayo,
Badara Re Too, Jal Bharee Le Aayo.

 
Gaaje Baaje Pavan Madhuriya,
Ambar Badara Chhaayo,
O Badara, Re Badara,
Badara Re Too, Jal Bharee Le Aayo.
Badara Re Too, Jal Bharee Le Aayo.
 
Tej Savaaree, Badara Piya Ghar Aae,
Hilamil Mangal Gaayo,
O Badara, Re Badara,
Meera Ke Prabhu Haree Avinaashee,
Haree Avinaasee,
Baag Bhayo Jin Paayo,
O Badara, Re Badara,
Badara Re Too, Jal Bharee Le Aayo,
Chhotee Chhotee Boonden Barasan Laage,
Koyal Shabad Sunaayo,
Badara Re Too, Jal Bharee Le Aayo.
मीरा बाई के अन्य पद -
सुमन आयो बदरा। श्यामबिना सुमन आयो बदरा॥ध्रु०॥
सोबत सपनमों देखत शामकू। भरायो नयन निकल गयो कचरा॥१॥
मथुरा नगरकी चतुरा मालन। शामकू हार हमकू गजरा॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। समय गयो पिछे मीट गया झगरा॥३॥
 
तेरो कोई नहिं रोकणहार, मगन होइ मीरा चली।।
लाज सरम कुल की मरजादा, सिरसै दूर करी।
मान-अपमान दोऊ धर पटके, निकसी ग्यान गली।।
ऊँची अटरिया लाल किंवड़िया, निरगुण-सेज बिछी।
पंचरंगी झालर सुभ सोहै, फूलन फूल कली।
बाजूबंद कडूला सोहै, सिंदूर मांग भरी।
सुमिरण थाल हाथ में लीन्हों, सौभा अधिक खरी।।
सेज सुखमणा मीरा सौहै, सुभ है आज घरी।
तुम जाओ राणा घर अपणे, मेरी थांरी नांहि सरी।। 
 
मीरा बाई की कृष्ण भक्ति अद्वितीय और अनुपम थी। उनका जीवन भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और प्रेम में पूरी तरह समर्पित था। मीरा ने अपने बचपन से ही कृष्ण को अपना आराध्य और सखा मान लिया था और उनके प्रति उनकी भक्ति इतनी गहरी थी कि उन्होंने सामाजिक बंधनों, पारिवारिक दायित्वों और राजसी वैभव को त्याग दिया। मीरा ने कृष्ण को अपना प्रियतम और पति मानकर जीवन जीया, और उनके प्रेम में उन्होंने समाज के बंधनों की भी परवाह नहीं की।

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