माया महा ठगिनी हम जानी हिंदी मीनिंग Maya Maha Thagini Hum Jaani Hindi Meaning

माया महा ठगिनी हम जानी हिंदी मीनिंग Maya Maha Thagini Hum Jaani Hindi Meaning

 
माया महा ठगिनी हम जानी हिंदी मीनिंग Maya Maha Thagini Hum Jaani Hindi Meaning

कबीर साहेब ने माया का बहुत ही सूक्ष्म विश्लेषण और जाँच परख के उपरान्त इसे महाठगिनी कहा। जिसके फाँस से कोई बिरला ही गुरु की कृपा उपरान्त बच सका है, अन्यथा सभी को माया ने अपने जाल में फंसा लिया है। माया त्रिगुण -सत, रज और तम को लिए अपना शिकार ढूंढ़ती फिरती है। माया जीवात्मा को अपना शिकार बनाने के लिए त्रिगुण साथ लेकर चलती/ डोलती रहती लेकिन इसकी वाणी मधुर होती है। माया अंदर से जहाँ जीवात्मा को अपने शिकार के रूप में देखती है, वहीँ मधुरता का आवरण ओढ़े रखती है। 

माया महाठगिनी है क्योंकि इसने किसी को भी छोड़ा नहीं है। यह माया ही जो भगवान विष्णु जी कमला (लक्ष्मी) के रूप में के रूप में बैठी है, वहीँ भगवान शिव के पार्वती के रूप में बैठी है। माया इतनी बड़ी ठगिनी है की इसने भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी, किसी को भी नहीं छोड़ा है। जहां विष्णु जी घर कमला के रूप में बैठी है वहीँ पर भगवान शिव जी के घर पर पार्वती के रूप में भी माया ही है।

पंडा और पुजारी के घर पर माया मूर्ति के रूप में बैठी है। मूर्ति के रूप में माया के बैठने से भाव है की मूर्ति पूजा के दौरान पण्डे का पूर्ण ध्यान ईश्वर में नहीं अपितु चढ़ावे में आने वाले धन (माया) पर ही केंद्रित रहता है। यह माया ही है जो उसे ईश्वर की मूर्ति में ध्यान नहीं लगाने देती है। तीर्थ जैसे गंगा जी स्नान आदि में माया पानी के रूप में है क्योंकि तीर्थ में स्नान करने के उपरान्त लोग समझते हैं की उनके पाप नष्ट हो गए हैं, जबकि यह सत्य नहीं है। पानी के रूप में माया ही छलावा करती है। योगी के घर माया योगिनी के रूप में और राजा के घर रानी के रूप में माया ही विराजमान रहती है। अत्यंत ही सूक्ष्म बात है ये।

धनवान के घर अमूल्य हीरे के रूप में और निर्धन के फूटी कौड़ी के रूप में माया ही बैठी है। इसलिए कबीर साहेब कहते हैं की यह माया महाठगिनी है जो हर जगह पर बैठी है इसके रूप पृथक हो सकते हैं। इसलिए माया को समझने की आवश्यकता है। माया के इतने रूप हैं की इसकी कहानी कहना सम्भव नहीं है। 
 
माया महा ठगिनी हम जानी लिरिक्स Maya Maha Thagini Hum Jaani Lyrics
 

माया माया सब कहे,
माया चीन्हे नहीं कोय,
जो मन से ना उतरे,
माया कहावे सोय,

माया के ग़ुलाम गीदड़,
क्या जाने तू बंदगी,
वहाँ से आया नाम भजन को,
और यहां लगाता फंदगी,
केसर जैसी क्यारी बोई,
बीज लगाता गंदगी,
ना साधू का संत का,
तुनालक तेरी जिंदगी,

महा ठगनी हम जानी,
माया महा ठगिनी, हम जानी,
महा ठगनी हम जानी,
तिरगुन फांस लिए कर डोले,
बोले मधुरी बानी।
महा ठगनी हम जानी,
माया महा ठगिनी, हम जानी,
महा ठगनी हम जाणी।

केसव के कमला वे बैठी,
शिव के भवन भवानी,
पंडा के मूरत वे बैठी,
तीरथ हूँ मैं पाणी,
महा ठगनी हम जानी,
माया महा ठगिनी, हम जानी,
महा ठगनी हम जाणी।

जोगी के जोगिन वे बैठी,
राजा के घर राणी,
काहुँ के हीरा होय बैठी,
काहुँ के कौड़ी काणि,
महा ठगनी हम जानी,
माया महा ठगिनी, हम जानी,
महा ठगनी हम जाणी।

भक्तों की भगतिन होय बैठी
बृह्मा के बृह्माणी,
कहे कबीर सुनो भई साधो,
यह सब अकथ कहाणी,
महा ठगनी हम जानी,
माया महा ठगिनी, हम जानी,
महा ठगनी हम जाणी।

माया महा ठगिनी हम जानी लिरिक्स Maya Maha Thagini Hum Jaani Lyrics
माया महा ठगनी हम जानी
तिरगुन फांस लिए कर डोले बोले मधुरे बानी
केसव के कमला वे बैठी शिव के भवन भवानी
पंडा के मूरत वे बैठीं तीरथ में भई पानी
योगी के योगन वे बैठी राजा के घर रानी
काहू के हीरा वे बैठी काहू के कौड़ी कानी
भगतन की भगतिन वे बैठी ब्रह्मा के ब्रह्माणी
कहे कबीर सुनो भई साधो यह सब अकथ कहानी 
 
Maaya Maha Thaganee Ham Jaanee
Tiragun Phaans Lie Kar Dole Bole Madhure Baanee
Kesav Ke Kamala Ve Baithee Shiv Ke Bhavan Bhavaanee
Panda Ke Moorat Ve Baitheen Teerath Mein Bhee Paanee
Yogee Ke Yogan Ve Baithee Raaja Ke Ghar Raanee
Kaahoo Ke Heera Ve Baithee Kaahoo Ke Kaudee Kaanee
Bhagatan Kee Bhagatin Ve Baithee Brahma Ke Brahmaanee
Kahe Kabeer Suno Bhee Saadho Yah Sab Akath Kahaanee
Maya Maha Thagini Hum Jaani Lyrics 
 Maaya Maaya Sab Kahe,
Maaya Cheenhe Nahin Koy,
Jo Man Se Na Utare,
Maaya Kahaave Soy,

Maaya Ke Gulaam Geedad,
Kya Jaane Too Bandagee,
Vahaan Se Aaya Naam Bhajan Ko,
Aur Yahaan Lagaata Phandagee,
Kesar Jaisee Kyaaree Boee,
Beej Lagaata Gandagee,
Na Saadhoo Ka Sant Ka,
Tunaalak Teree Jindagee,

Maha Thaganee Ham Jaanee,
Maaya Maha Thaginee, Ham Jaanee,
Maha Thaganee Ham Jaanee,
Tiragun Phaans Lie Kar Dole,
Bole Madhuree Baanee.
Maha Thaganee Ham Jaanee,
Maaya Maha Thaginee, Ham Jaanee,
Maha Thaganee Ham Jaanee.

Kesav Ke Kamala Ve Baithee,
Shiv Ke Bhavan Bhavaanee,
Panda Ke Moorat Ve Baithee,
Teerath Hoon Main Paanee,
Maha Thaganee Ham Jaanee,
Maaya Maha Thaginee, Ham Jaanee,
Maha Thaganee Ham Jaanee.

Jogee Ke Jogin Ve Baithee,
Raaja Ke Ghar Raanee,
Kaahun Ke Heera Hoy Baithee,
Kaahun Ke Kaudee Kaani,
Maha Thaganee Ham Jaanee,
Maaya Maha Thaginee, Ham Jaanee,
Maha Thaganee Ham Jaanee.

Bhakton Kee Bhagatin Hoy Baithee
Brhma Ke Brhmaanee,
Kahe Kabeer Suno Bhee Saadho,
Yah Sab Akath Kahaanee,
Maha Thaganee Ham Jaanee,
Maaya Maha Thaginee, Ham Jaanee,
Maha Thaganee Ham Jaanee.
 
रेकता— माया के गुलाम गीदड़ क्या जाने तू बंदगी 
वहाँ से आया नाम भजन को और यहाँ लगाता फंदगी 
केसर जेसी क्यारी बोई और बीज लगाता गंदगी 
न साधु का न संत का तो नहालक तेरी जिंदगी ।।
 सखी — माया माया सब कहे, माया चिन्हे नहीं कोय ।
 जो मन से ना उतरे, माया कहावे सोय।।

 
भजन—
महा ठगणी हम जानी रे,
माया महा ठगणी हम जानी ।
तिरगुण फांस लिये कर डोले
 बोले मधुरी बाणी ।।
1.केशव के कमला हुई बैठी,
 शिव के भवन भवानी ।
 पंडा के मूरत हुई बैठी,
 तीरथ हूँ में पाणी ।।
 
2.योगी के योगिन हुई बैठी,
 राजा के घर रानी ।
 कहू के हीरा हुई बैठी,
 काहू के कौड़ी काणी ।।
3.भक्तों के भक्तिन हुई बैठी,
 ब्रह्मा के ब्राह्मणी।
 कहै कबीर सुणो भाई साधो,
 ये सब अकथ कहानी।। 
 
माया महा ठगणी हम जाणी || Maya Maha Thagani Hum Jaani || Kabir Bhanaj || By Prahlad Singh TipanyaBhajan by : Sant Kabir
Singer and Tambur : Padmashri Prahlad Singh Tipanya
Audio and Video editing :- Mayank Tipaniya

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1 टिप्पणी

  1. Sant Kabir ji ke ek ek vichar bhagwan Ki anubhuti karvata h .jai ho