अबंर कुँजाँ कुरलियाँ मीनिंग कबीर के दोहे

अबंर कुँजाँ कुरलियाँ मीनिंग Ambar Kunja Kurliya Meaning Kabir Ke Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.

अबंर कुँजाँ कुरलियाँ, गरिज भरे सब ताल।
जिनि थे गोविंद बीछुटे, तिनके कौण हवाल॥

Ambar Kunja Kurliya, Garij Bhare Sab Taal,
Jini The Govind Bichhute, Tinake Koun Havaal.
 
अबंर कुँजाँ कुरलियाँ, गरिज भरे सब ताल। जिनि थे गोविंद बीछुटे, तिनके कौण हवाल॥

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Word meaning

अबंर-आकाश।
कुँजाँ- क्रौंच पक्षी।
कुरलियाँ-क्रंदन किया।
गरिज-गरज कर।
भरे-परिपूर्ण हो चुके हैं।
सब-सभी।
ताल- तालाब।
जिनि थे-जिनके।
गोविंद- ईश्वर।
बीछुटे- बिछड़ गए हैं।
तिनके-उनके।
कौण-कौन।
हवाल-हाल / दशा । 

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग

क्रोंच पक्षी ने क्रंदन किया जिससे आसमान में बादलों ने गरज कर बरसना शुरू कर दिया। बादलों ने गरज कर सभी जलाशयों को भरना शुरू कर दिया। जो गोविन्द से विमुख हो गए हैं उनका क्या हाल होगा। भाव है की ईश्वर से विमुख हो चुके जीवात्मा का कोई ठौर ठिकाना नहीं है। क्रौंच पक्षी के बिरह के परिणाम स्वरुप बादलों ने गरज कर बरसाना शुरू कर दिया है और तालाबों को भर दिया है। लेकिन यदि कोई जीवात्मा ईश्वर से विमुख हो चुकी है तब उसके प्रति कौन संवेदना रखेगा। 

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