बहुत दिनन की जोवती मीनिंग

बहुत दिनन की जोवती मीनिंग

बहुत दिनन की जोवती, बाट तुम्हारी राम।
जिव तरसै तुझ मिलन कूँ, मनि नाहीं विश्राम॥

Bahut Dinan Ki Jovati, Baat Tumhari Raam,
Jeev Tarase Tujh Milan Ku, Mani Nahi Vishram.
 
बहुत दिनन की जोवती, बाट तुम्हारी राम। जिव तरसै तुझ मिलन कूँ, मनि नाहीं विश्राम॥

कबीर दोहा शब्दार्थ Kabir Doha (Couplet) Word Meaning

बहुत दिनन -बहुत समय से।
जोवती-इन्तजार करना, बाट देखना।
बाट-राह देखना।
तुम्हारी राम- राम की/ईश्वर।
जिव-जीव।
तरसै-तरसती है।
तुझ मिलन कूँ-राम से मिलन को।
मनि-मन में।
नाहीं-नहीं।
विश्राम-विश्राम नहीं है। 

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग

विरह की अग्नि में दग्ध जीवात्मा अत्यंत ही व्याकुल हो चुकी है। हृदय राम मिलन को तरस रहा है और मन में उसे विश्राम नहीं मिल पा रहा है। चित्त हरी दर्शन के लिए व्याकुल है। ईश्वर की प्राप्ति की लगन जब आत्मा को लग जाती है तब वह हर प्रयत्न करती है पूर्ण परम ब्रह्म से मिलने को। 

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