भगति भजन हरि नाँव है मीनिंग कबीर के दोहे

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भगति भजन हरि नाँव है, दूजा दुक्ख अपार।
मनसा वाचा क्रमनाँ, कबीर सुमिरण सार॥

Bhagati Bhajan Hari Naanv Hai, Dooja Dukkh Apaar.
Manasa Nivaas Kramana, Kabeer Sumiran Saar.

भगति भजन हरि नाँव है मीनिंग Bhagati Bhajan Hari Naanv Hai Meaning

कबीर दोहा शब्दार्थ Word Meaning of Kabir Doha

भगति भजन-भक्ति और भजन.
हरि-इश्वर.
नाँव है-नाम है.
मनसा -मन/हृदय.
वाचा -वचन.
दूजा-दूसरा.
दुक्ख -दुःख.
क्रमनाँ-कर्म से.
अपार-बहुत.

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग : Kabir Doha Hindi Meaning

भक्ति, भजन और हरी के नाम का सुमिरण ही सर्वोच्च महत्त्व रखता है। भक्ति और भजन ही सार तत्व रखते हैं इसलिए मन वचन और कर्मों से ईश्वर के नाम का सुमिरण करना चाहिए। हरी सुमिरण को छोड़ कर संसार के समस्त अन्य मायाजनित कार्य एंव व्यवहार दुखों के कारण हैं। 
 
प्रस्तुत साखी में कबीर साहेब ने हरी नाम के सुमिरण का महत्त्व बताया है। साखी में रूपक एंव अनुप्रास अलंकार की व्यंजना हुई है। उल्लेखनीय है की कबीर साहेब ने अनेकों स्थान पर बताया है की केवल मात्र हरी सुमिरण से ही समस्त दुखों से मुक्ति पाई जा सकती है। भक्ति के लिए किसी तपस्या, तीर्थ और कर्मकांड की कोई आवश्यकता नहीं है। मात्र हरी सुमिरण ही प्रयाप्त है। 

Kabir Doha (Couplet) Meaning : Devotion, bhajan and the name of Hari have the highest importance. Devotion and hymns are the essence, so the name of God must be chanted.

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