तत तिलक तिहूँ लोक मैं राम नाँव निज सार मीनिंग कबीर के दोहे

तत तिलक तिहूँ लोक मैं राम नाँव निज सार मीनिंग Tat Tilak Tihu Lok Me Raam Naanv Meaning, Kabir Dohe Hindi Meaning.

तत तिलक तिहूँ लोक मैं, राम नाँव निज सार।
जब कबीर मस्तक दिया सोभा अधिक अपार॥
 
तत तिलक तिहूँ लोक मैं, राम नाँव निज सार। जब कबीर मस्तक दिया सोभा अधिक अपार॥
 
Tat Tilak Tihoon Lok Main, Raam Naanv Nij Saar.
Jab Kabeer Mastak Diya Sobha Adhik Apaar.

कबीर दोहा शब्दार्थ हिंदी Tat Tilak Tihu Lok Kabir Doha Word Meaning

तत -तत्व ज्ञान.
मैं-में.
तिहूँ लोक मैं- तीनों लोकों में.
राम नाँव निज सार-राम का नाम ही सार तत्व है।
सोभा-शोभा.
अधिक अपार-अत्यंत अधिक.

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग : तीनों लोकों में राम नाम श्रेष्ठ है और तत्व सार है। राम का नाम अपार शोभा सहित है, सर्वश्रेष्ठ है। राम नाम का तिलक लगाने से मस्तक अधिक शोभित होता है। राम राम को कबीर साहेब ने मस्तक पर धारण किया है।
तिलक की भाँती राम का नाम अधिक शोभा देता है। जैसे मस्तक में तिलक शोभा देता है वैसे ही यदि सुमिरण को मस्तक में स्थान दिया जाए तो वह अधिक महत्त्व रखता है। राम नाम के सुमिरण की महत्ता के बारे में कबीर साहेब ने इसकी तुलना तिलक से की है। कबीर साहेब ने इस दोहे में राम नाम (राम नाम सुमिरण ) के महत्त्व को प्रकट किया है। 

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