माया हमसों यों कह्या तू मति दे रे पूठि मीनिंग Maya Hamso Yo Kahya Meaning Kabir Ke Dohe

माया हमसों यों कह्या तू मति दे रे पूठि मीनिंग Maya Hamso Yo Kahya Meaning Kabir Ke Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Meaning (Kabir Ke Dohe Hindi Bhavarth / Hindi Arth Sahit Kabir Dohe)

माया हमसों यों कह्या, तू मति दे रे पूठि।
और हमारा हम बलू गया कबीरा रूठि॥
Maaya Hamgo Yo Kahya, Tu Mati De Re Puthi,
Aur Hamara Hum Balu Gaya Kabir Ruthi.

माया हमसों यों कह्या : माया ने हमसे ऐसे कहा.
तू मति दे रे पूठि : तुम मुझे विस्मृत मत करो, मुझसे दूर मत हटो.
और हमारा हम : हम हमारे बलबूते हैं.
बलू गया कबीरा : अपने बलबूते के सहारे.
रूठि : रूठ गया है.
माया : सांसारिक मोह और माया.
हमसों : हमसे/मुझसे.
यों कह्या : ऐसे कहा.
तू : तुम (जीवात्मा)
मति दे रे : मत दो.
पूठि : पीठ देना, अप्रसन्न होना.
और हमारा हम बलू : स्वंय के आत्मबल से, स्वंय के बलबूते.
गया कबीरा रूठि : कबीर साहेब विमुख हो गए हैं, रूठ गए हैं.
कबीर साहेब की वाणी है की माया जीवात्मा को अपने पाश में रखने के जतन करती रहती है. वह कहती है की तुम मुझसे विमुख क्यों होते हो. ऐसा कहकर माया विविध जतन करके जीवात्मा को अपनी तरफ आकर्षित करती है. वह कहती है की तुम मुझसे पीठ देकर क्यों बैठ गए हो, मुझसे विमुख कैसे हो गए हो. इस कबीर साहेब कहते हैं की यह मेरा आत्म बल है की मैं माया से विछिन्न हो गया हूँ. आत्मबल के प्रबल होने पर माया जीव को प्रभावित नहीं कर पाती है.
भाव है की यदि आत्मबल पैदा कर लिया जाए तो जीवात्मा अवश्य ही माया से प्रथक हो सकती है.
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