कबीर सूता क्या करै उठि न रोवै दुक्ख हिंदी मीनिंग Kabir Suta Kya Kare Uthi Na Rove Dukh Meaning

कबीर सूता क्या करै उठि न रोवै दुक्ख हिंदी मीनिंग Kabir Suta Kya Kare Uthi Na Rove Dukh Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit, Kabir Ke Dohe Hindi Bhavarth

कबीर सूता क्या करै उठि न रोवै दुक्ख।
जाका बासा गोर मैं, सो क्यूँ सोवै सुक्ख॥
Kabeer Soota Kya Karai Uthi Na Rov Dukkh.
Jaaka Baasa Gor Main, So Kyoon Sovi Sukkh.

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Word Meaning of Kabir Doha
कबीर सूता क्या करै-जीवात्मा अज्ञान की निंद्रा में क्यों सो रहा है।
उठि न-उठकर (सचेत होकर/ज्ञान को प्राप्त करके )
रोवै-खेद प्रकट करना।
दुक्ख-दुःख (विषय विकार रूपी अग्नि)
जाका-जिसका।
बासा-निवास।
गोर मैं-कब्र में।
सो-वह।
क्यूँ-क्यों।
सोवै सुक्ख-सुख की निंद्रा (निश्चिंत होकर सोना )।
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग : जीवात्मा को सम्बोधित करते हुए कबीर साहेब कह रहे हैं की वह निर्भय होकर कैसे सो सकती है। तुम अज्ञान की निंद्रा में क्यों पड़े हो, उठो और अपने दुःख के प्रति खेद प्रकट करो। जिसका वास ही कब्र में हो वह कैसे बेपरवाह हो सकता है। 

कबीर साहेब जीवात्मा को चेताते हुए कहते हैं की तुम अज्ञान की निंद्रा में क्यों पड़े हो और क्यों नहीं तुम सचेत होकर अपने दुःख को पहचानों। दुःख है की जीवात्मा जनम मरण के फेर में पड़ी है और अपने मालिक को विस्मृत कर चुकी है। ज्ञान को प्राप्त करके वह अपने आवागमन को मिटा सकती है। 

Kabir Doha (Couplet) Meaning in English : While addressing the soul, Kabir Saheb says how can you sleep fearlessly. Why are you falling asleep in ignorance, get up and apologize for your grief. How can a person who lives in the grave be careless. So get up and remember (Chant) Hari's name. Kaal (Death) is always on your head.
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