नर चेत गुमानी माया ना संग चले लिरिक्स Nar Chet Gumaani Maya Na Sang Chale Lyrics
नर चेत गुमानी माया ना संग चले लिरिक्स Nar Chet Gumaani Maya Na Sang Chale Lyrics Kabir Bhajan
कबीर साहेब के इस भजन में जीवात्मा को सन्देश है की तुम सचेत हो जाओ क्योंकि जिस माया को जोड़ने के चक्कर में तुम रात दिन लगे रहते हो, वह तुम्हारे साथ नहीं जायेगी। 'गुमानी' से आशय घमंडी से है। बचपन (दस से सोलह) तक वह अपना समय खेलने में व्यतीत कर देता है और चालीस तक वह नारी के मोह में पड़ा रहता है। पचपन का होने पर हाथ मलता है क्योंकि अमूल्य समय तो उसने व्यर्थ ही गँवा दिया। अमूल्य समय से आशय है हरी नाम के सुमिरण से। इन्द्रियों के साथ देने तक हरी के नाम का सुमिरण ना किया तो बुढ़ापे में सिवाय पछतावे के कुछ भी हाथ नहीं लगता है। इसलिए अज्ञान की निंद्रा को छोड़ कर हरी के नाम का भजन करो।
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले,
माया ना साथ चले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
दस से सोलह गए खेल में,
बीस गए तेरे मन के मैल में,
चालीस गए तेरे नारी के फेर में,
पचपन हाथ मले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
अब तो जाग पड़ा क्यों सोवै,
सोने से तेरा काम ना होवै,
हर मन की तू कहाँ तक ढोवै,
टाले ना ही टले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
भजन करे तो हर सुख पावै,
धन दौलत तेरे काम ना आवै,
काया भी तेरे साथ ना जावै,
अगनी (अग्नि ) बीच जले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
सुमिरन ध्यान लगा ले प्राणी,
हो नहीं तेरी कुछ भी हानि,
कहत कबीर सुनो अज्ञानी,
कर ले करम (कर्म) तू भले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले,
माया ना साथ चले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
दस से सोलह गए खेल में,
बीस गए तेरे मन के मैल में,
चालीस गए तेरे नारी के फेर में,
पचपन हाथ मले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
अब तो जाग पड़ा क्यों सोवै,
सोने से तेरा काम ना होवै,
हर मन की तू कहाँ तक ढोवै,
टाले ना ही टले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
भजन करे तो हर सुख पावै,
धन दौलत तेरे काम ना आवै,
काया भी तेरे साथ ना जावै,
अगनी (अग्नि ) बीच जले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
सुमिरन ध्यान लगा ले प्राणी,
हो नहीं तेरी कुछ भी हानि,
कहत कबीर सुनो अज्ञानी,
कर ले करम (कर्म) तू भले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
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Nar Chet Le Gumaanee, Maaya Na Saath Chale,
Maaya Na Saath Chale,
Nar Chet Gumaanee, Maaya Na Sang Chale,
Nar Chet Le Gumaanee, Maaya Na Saath Chale.
Das Se Solah Chala Gaya Khel,
Bees Gae Tera Man Ke Mail Mein,
Vaar Gae Teree Naaree Ke Pher Mein,
Pachapan Haath Maleshiya,
Nar Chet Gumaanee, Maaya Na Sang Chale,
Nar Chet Le Gumaanee, Maaya Na Saath Chale.
Ab To Ja Ke Paas Sov Kyon Tha,
Sone Se Tera Kaam Na Hovai,
Har Man Kee Baat Kahaan Tak dhoe,
Tale Na Hee Tale,
Nar Chet Gumaanee, Maaya Na Sang Chale,
Nar Chet Le Gumaanee, Maaya Na Saath Chale.
Bhajan Kare To Har Sukh Paavai,
Dhan Daulat Te Kaam Na Aavai,
Kaaya Bhee Too Saath Na Jaav,
Aganee (Agni) Beech Jale,
Nar Chet Gumaanee, Maaya Na Sang Chale,
Nar Chet Le Gumaanee, Maaya Na Saath Chale.
Sumiran Dhyaan Laga Le Praanee,
Ho Na Ho Teree Kuchh Bhee Haani,
Kahat Kabeer Suno Agyaanee,
Kar Le Karam (Karm) Too Bhee,
Nar Chet Gumaanee, Maaya Na Sang Chale,
Nar Chet Le Gumaanee, Maaya Na Saath Chale.