पासा पकड़या प्रेम का हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

पासा पकड़या प्रेम का हिंदी मीनिंग Paasa Pakadiya Prem Ka Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit, Kabir Ke Dohe Hindi Me

पासा पकड़या प्रेम का, सारी किया सरीर।
सतगुर दावा बताइया, खेलै दास कबीर॥

Paasa Pakada Prem Ka, Sab Kiya Sareer.
Satagur Daava Bataiya, Khelai Daas Kabeer.
 
पासा पकड़या प्रेम का, सारी किया सरीर। सतगुर दावा बताइया, खेलै दास कबीर॥
 

कबीर के दोहे के शब्दार्थ Word Meaning of Kabir Doha (Copulet)

पासा पकड़या प्रेम का-हरी भक्त ने शरीर रूपी चौपड पर खेल प्रारंभ कर दिया है.
सारी किया सरीर-शरीर रूपी चौपड़.
सतगुर दावा बताइया-सतगुरु ने रहस्यमय दाव बता दिए हैं. 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग Hindi Meaning of Kabir Doha कबीर साहेब की वाणी है की शरीर रूपी चौपड़ पर साधक ने गुरु के मार्गदर्शन पर खेल प्रारंभ कर दिया है और गुरु उसे दाव पेच बताते हैं। भाव है की गुरु के मार्गदर्शन में साधक ने योग साधना शुरू कर दी है। योग साधना में गुरु के सानिध्य की और कबीर साहेब ने ध्यान आकृष्ट करवाया है जैसे पूर्व में साहेब ने बताया है की 

चौपड़ि माँडी चौहटै, अरध उरध बाजार।
कहै कबीरा राम जन, खेलौ संत विचार॥
 
योग साधना ने गुरु के सानिध्य में ही शिष्य खेल को खेलता है। कबीर साहेब की इस वाणी में कहा गया है कि साधक ने गुरु के मार्गदर्शन में शरीर को चौपड़ मानकर खेलना प्रारंभ कर दिया है। इस खेल का अर्थ है कि साधक ने प्रेम और भक्ति का अनुभव करना शुरू कर दिया है। सतगुरु ने उसे दाव-पेच (अर्थात, मार्गदर्शन और योग साधना के रहस्य) सिखाए हैं।
इस दोहे का भाव है कि जब साधक गुरु के सानिध्य में योग साधना करने लगता है, तब वह अपने शरीर और मन को प्रेम के मार्ग पर चलाने की कोशिश करता है। कबीर साहेब साधक को यह समझाते हैं कि जीवन एक खेल है, जिसमें गुरु का मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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