'साम्ब' या 'साम्बा' का हिंदी में अर्थ होता है माता अम्बा के साथ भगवान शिव। इस प्रकार से शक्ति रूप में शिव के अर्थ को ही 'साम्ब' कहा जाता है।
साम्ब शब्द निम्न प्रकार से शब्दों के योग से बना है - सा-साथ में/सह अम्बे-माता अम्बे/ सा + अम्बा = साम्ब (With Amba/माता अम्बा)
इस प्रकार से साम्ब शब्द का अर्थ माता अम्बे के साथ रहने वाले भगवान श्री शिव जी. भगवान् शिव को शक्ति रूप (माता दुर्गा) के साथ प्रदर्शित करने के लिए लिए 'साम्ब' (Samb / Saamba) शब्द का उपयोग किया जाता है। साम्ब शब्द का उपयोग 'लिंगपुराण' और 'शिव पुराण' में किया गया है.
स्कन्द पुराण में 'साम्ब' शब्द का उपयोग निम्न प्रकार से हुआ है - एवमुक्त्वा महादेवः साम्बः संसारमोचक । सत्य ज्ञान परानन्दस्तत्रैवान्तरधीयत ।।
सर्व शास्त्र संग्रता , सुता संहिता; स्कंद पुराण में 'साम्ब' शब्द का उपयोग - सर्वैश्वर्यैण संपन्न: सर्वेश सर्व कारणम् । शंभुरेव सदा साम्बो न विष्णुर्न प्रजापति ।।
शिवंकरत्वं संपूर्णं शिवस्यैव परात्मन: । साम्बमूर्तिधरस्यास्य जगतः कारणस्य हि ।।
आदि शंकराचार्य जी द्वारा रचित 'शिव स्वर्णमाला स्तुति' में 'साम्ब' शब्द का उपयोग - ईशगिरीश नरेश परेश महेश बिलेशय भूषण भो। साम्ब सदाशिव शम्भो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम्॥
सदाशिव मीनिंग Meaning of Sadashiva : सदाशिव शब्द का उपयोग भगवान शिव जी के लिए किया जाता है जो सर्वोच्च शक्ति हैं. सदाशिव के रूप में शिव जी पांच मुख लिए हैं और साथ ही दस हाथों के साथ हैं. सदाशिव शुद्धता और पूर्णता की सर्वोच्च स्थिति है. सदाशिव के पांच मुख/चेहरे पंचभूत को प्रदर्शित करते हैं . सदा का अर्थ शास्वत और शिव का अर्थ शुद्धतम रूप से है।
श्री शिव ही आदि शक्ति, आदि योगी हैं इसलिए वे सदाशिव हैं. शिव का शाब्दिक अर्थ विस्तृत है जिसमे प्रमुख है की शिव शुद्धतम हैं, शिव पवित्र हैं, शिव पूर्ण हैं. हरेक जीवात्मा के हृदय की गहराइयों में शिव का वास है जिसे वह चाहे तो जाग्रत कर सकता है और अनंत शांति और सुख को प्राप्त कर सकता है. यह जरा सूक्ष्म विषय है. आपका स्वास्थ्य (शारीरिक) गहराई से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है.
साम्ब सदाशिव मीनिंग Meaning of Samb Sadashiva : साम्ब सदाशिव से आशय भगवान् शिव से है जो शक्ति रूप में है और सदैव (सदा) ही उच्चतम रूप से पवित्र और शुद्ध हैं।
श्रीसाम्बसदाशिव अक्षरमाला
श्रीपरेश्वर मातृकावर्णमालास्तोत्रम् च अथ श्री सांब सदाशिव अक्षरमालास्तवः सांब सदाशिव सांब सदाशिव । सांब सदाशिव सांब शिव ॥ अद्भुतविग्रह अमराधीश्वर अगणित गुणगण अमृत शिव - हर - सांब आनन्दामृत आश्रितरक्षक आत्मानन्द महेश शिव - हर - सांब इन्दुकलादर इन्द्रादिप्रिय सुन्दररूप सुरेश शिव - हर - सांब ईश सुरेश महेश जनप्रिय केशव सेवित कीर्ति शिव - हर - सांब उरगादिप्रिय उरगविभूषण नरकविनाश नतेश शिव - हर - सांब ऊर्जितदान वनाश परात्पर आर्जितपापविनाश शिव - हर - सांब ऋग्वेदश्रुति मौलि विभूषण रवि चन्द्राग्नित्रिनेत्र शिव - हर - सांब ॠपनामादि प्रपञ्चविलक्षण तापनिवारण तत्व शिव - हर - सांब ऌल्लिस्वरूप सहस्रकरोत्तम वागीश्वर वरदेश शिव - हर - सांब ॡताधीश्वर रूपप्रिय हर वेदान्तप्रिय वेद्य शिव - हर - सांब एकानेक स्वरूप सदाशिव भोगादिप्रिय पूर्ण शिव - हर - सांब ऐश्वर्याश्रय चिन्मय चिद्घन सच्चिदानन्द सुरेश शिव - हर - सांब ओङ्कारप्रिय उरगविभूषण ह्रींङ्कारप्रिय ईश शिव - हर - सांब औरसलालित अन्तकनाशन गौरिसमेत गिरीश शिव - हर - सांब अंबरवास चिदंबर नायक तुंबुरु नारद सेव्य शिव - हर - सांब आहारप्रिय अष्ट दिगीश्वर योगिहृदि प्रियवास शिव - हर - सांब कमलापूजित कैलासप्रिय करुणासागर काशि शिव - हर - सांब खड्गशूल मृग टङ्कधनुर्धर विक्रमरूप विश्वेश शिव - हर - सांब गंगा गिरिसुत वल्लभ शङ्कर गणहित सर्वजनेश शिव - हर - सांब घातकभंजन पातकनाशन दीनजनप्रिय दीप्ति शिव - हर - सांब ङान्तास्वरूपानन्द जनाश्रय वेदस्वरूप वेद्य शिव - हर - सांब चण्डविनाशन सकलजनप्रिय मण्डलाधीश महेश शिव - हर - सांब छत्रकिरीट सुकुण्डल शोभित पुत्रप्रिय भुवनेश शिव - हर - सांब जन्मजरा मृत्य्वादि विनाशन कल्मषरहित काशि शिव - हर - सांब झङ्कारप्रिय भृंगिरिटप्रिय ओङ्कारेश्वर विश्वेश शिव - हर - सांब ज्ञानाज्ञान विनाशन निर्मल दीनजनप्रिय दीप्ति शिव - हर - सांब टङ्कस्वरूप सहस्रकरोत्तम वागीश्वर वरदेश शिव - हर - सांब ठक्काद्यायुध सेवित सुरगण लावण्यामृत लसित शिव - हर - सांब डंभविनाशन डिण्डिमभूषण अंबरवास चिदेक शिव - हर - सांब ढंढंडमरुक धरणीनिश्चल ढुंढिविनायक सेव्य शिव - हर - सांब णाणामणिगण भूषणनिर्गुण नतजनपूत सनाथ शिव - हर - सांब तत्वमस्यादि वाक्यार्थ स्वरूप नित्यस्वरूप निजेश शिव - हर - सांब स्थावरजंगम भुवनविलक्षण तापनिवारण तत्व शिव - हर - सांब दन्तिविनाशन दलितमनोभव चन्दन लेपित चरण शिव - हर - सांब धरणीधरशुभ धवलविभासित धनदादिप्रिय दान शिव - हर - सांब नलिनविलोचन नटनमनोहर अलिकुलभूषण अमृत शिव - हर - सांब पार्वतिनायक पन्नगभूषण परमानन्द परेश शिव - हर - शांब फालविलोचन भानुकोटिप्रभ हालाहलधर अमृत शिव - हर - सांब बन्धविमोचन बृहतीपावन स्कन्दादिप्रिय कनक शिव - हर - सांब भस्मविलेपन भवभयमोचन विस्मयरूप विश्वेश शिव - हर - सांब मन्मथनाशन मधुरानायक मन्दरपर्वतवास शिव - हर - सांब यतिजन हृदयाधिनिवास विधिविष्ण्वादि सुरेश शिव - हर - सांब लङ्काधीश्वर सुरगण सेवित लावण्यामृत लसित शिव - हर - सांब वरदाभयकर वासुकिभूषण वनमालादि विभूष शिव - हर - सांब शान्ति स्वरूपातिप्रिय सुन्दर वागीश्वर वरदेश शिव - हर - सांब षण्मुखजनक सुरेन्द्रमुनिप्रिय षाड्गुण्यादि समेत शिव - हर - सांब संसारार्णव नाशन शाश्वत साधुजन प्रियवास शिव - हर - सांब हरपुरुषोत्तम अद्वैतामृत मुररिपुसेव्य मृदेश शिव - हर - सांब लालित भक्तजनेश निजेश्वर कालिनटेश्वर काम शिव - हर - सांब क्षररूपाभि प्रियान्वित सुन्दर साक्षात् स्वामिन्नंबा समेत शिव - हर - सांब सांब सदाशिव सांब सदाशिव