पिंजर प्रेम प्रकासिया हिंदी मीनिंग Pinjar Prem Prakasiya Meaning Kabir Doha

पिंजर प्रेम प्रकासिया हिंदी मीनिंग Pinjar Prem Prakasiya Meaning Kabir Doha, Kabir Ke Dohe Hindi Me, Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.

पिंजर प्रेम प्रकासिया, जाग्या जोग अनंत।
संसा खूटा सुख भया,  मिल्या पियारा कंत॥

Pinjar Prem Prakasiya, Jagya Jog Anant,
Sansa Khuta Sukh Bhaya, Milya Piyaara Kant.
 
पिंजर प्रेम प्रकासिया हिंदी मीनिंग Pinjar Prem Prakasiya Meaning Kabir Doha
 

कबीर दोहा/साखी हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha/ Sakhi Hindi Word Meaning.

पिंजर : मानव देह, शरीर.
प्रेम : भक्ति.
प्रकासिया : उदय होना, जाग्रत होना.
जोग : योग, भक्ति.
अनंत : असीमित,
संसा : संशय, भ्रम.
खूटा : समाप्त होना.
सुख भया : सुख मिला, सुख की प्राप्ति हुई.
पियारा कंत : प्रिय प्रेमी,

कबीर दोहा/साखी हिंदी मीनिंग Kabir Doha/ Sakhi Hindi Meaning.

कबीर की इस साखी का भाव है की अन्तः करण, शरीर की आत्मा में, भक्ति का प्रकाश उत्पन्न हो गया है, इससे सम्पूर्ण भाग प्रकाशित हो चूका है और इससे अनंत भक्ति का योग उत्पन्न हो गया है. इस संसार की सभी शंकाएं मिट चुकी हैं और भ्रम समाप्त हो गया है.
योग के द्वारा, शरीर में अनंत जोग/योग उत्पन्न हुआ है. संशय के समाप्त हो जाने पर पांच तत्वों के पिंजरे से भय समाप्त हो गया है. संशय के समाप्त हो जाने पर अनंत प्रेम की प्राप्ति हो जाने पर पूर्ण ब्रह्म की प्राप्ति सम्भव हो पाई है. प्रस्तुत साखी में रूपकतिश्योक्ति अलंकार का विधान हुआ है. शंशय क्या है ? शंशय है दोयम का भाव. यह संशय जब मिट जाता है तब पूर्ण इश्वर की प्राप्ति संभव हो पाती है. 
 
इस साखी में, संत कबीर भक्ति और योग के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति की बात कर रहे हैं। वे कहते हैं कि जब भक्ति का प्रकाश आत्मा में प्रकट होता है, तो मनुष्य का संपूर्ण जीवन प्रकाशित हो जाता है। भक्ति के द्वारा मनुष्य के अंदर अनंत योग का जन्म होता है। योग के द्वारा मनुष्य के अंदर की सभी शंकाएं और भ्रम समाप्त हो जाते हैं।

संत कबीर कहते हैं कि जब मनुष्य के अंदर की सभी शंकाएं और भ्रम समाप्त हो जाते हैं, तो उसे संसार के प्रति मोह और भय समाप्त हो जाता है। वह अपने मूल स्वभाव में वापस लौट जाता है। वह अपने प्रियतम से मिल जाता है, जिसका अर्थ है कि वह ईश्वर को प्राप्त कर लेता है।

इस साखी में, संत कबीर ने रूपक अलंकार का प्रयोग किया है। उन्होंने पिंजर को संसार और प्रेम को प्रकाश के रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा है कि जब मनुष्य के अंदर प्रेम का प्रकाश प्रकट होता है, तो वह संसार के बंधनों से मुक्त हो जाता है। संशय मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति से रोकता है। जब मनुष्य के अंदर संशय समाप्त हो जाता है, तो वह ईश्वर को प्राप्त कर सकता है।

इस साखी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि भक्ति और योग के माध्यम से हम मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। हमें अपने अंदर की शंकाओं और भ्रमों को दूर करना चाहिए। जब हम इनसे मुक्त हो जाते हैं, तो हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।
 
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
  1. झूठे को झूठा मिलै दूणाँ बधै सनेह मीनिंग Jhuthe Ko Jhutha Mile Meaning Kabir Dohe
  2. खूब खाँड है खिंचडी माहीं पड़ै दुक लूँण मीनिंग Khub Khand Hai Khichadi Meaning Kabir Dohe
  3. कबीर लज्या लोक की सुमिरै नाँही साच मीनिंग Kabir Lajya Lok Ki Meaning Kabir Dohe
  4. कबीर जिनि जिनि जाँणियाँ मीनिंग Kabir Jini Jini Janiya Meaning Kabir Dohe
  5. पापी पूजा बैसि करि भषै माँस मद दोइ मीनिंग Papi Puja Besi Kare Meaning Kabir Dohe
  6. सकल बरण एकत्र व्हे सकति पूजि मीनिंग Sakal Baran Ekatra Meaning Kabir Dohe

1 टिप्पणी

  1. बढ़िया