रंग भरयो लाला ने रंगीली प्यारी राधा
रंग भरयो लाला ने रंगीली प्यारी राधा
नमो नमो जय श्री वृन्दावन,
अरे रस बरसत घनघोर,
नमो नमो जय कुञ्ज महल नित,
नमो नमो ये में सुख होरी,
नमो नमो श्री कुञ्ज बिहारी नाम,
नमो नमो प्रीतम चित चोरी,
नमो नमो श्री हरिदासी,
नमो नमो इनकी जोड़ी॥
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा राधा,
रंगीली प्यारी राधा,
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा......
तीरथ सुता के पग पग पे प्रयाग जहाँ,
केशव के केलकुञ्ज कोटि कोटि काशी,
यमुना में जगन्नाथ रेणुका में रामेश्वर,
तरु तरु में बसत जहाँ अयोध्या निवासी है,
गोपिन के द्वार द्वार द्वार पे है हरिद्वार,
बद्री केदारनाथ बसे दास दासी है,
स्वर्ग अपबर्ग व्यथा लेकर करेंगे क्या,
जानते नहीं हो हम वृन्दावन वासी हैं,
जानते नहीं हो हम वृन्दावन वासी हैं,
रंगीली प्यारी राधा, रंगीली प्यारी राधा,
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा......
एक बार अयोध्या जाओ दो बार हरिद्वार,
तीन बार जाकर त्रिवेणी में नहाओगे,
चार बार चित्रकूट नौबार नाशिक में,
बार बार जाके बद्रीनाथ घूम आओगे,
कोटि बार केदारनाथ काशी रामेश्वर,
गया जगन्नाथ आदि चाहे जहाँ जाओगे,
होंगे प्रत्यक्ष दर्श यहाँ श्याम श्यामा श्याम के,
वृन्दावन सा कहीं आनंद नहीं पाओगे,
वृन्दावन सा कहीं आनंद नहीं पाओगे,
रंगीली प्यारी राधा, रंगीली प्यारी राधा,
रँग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा......
मोर जो बनाओ तो बनाओ वृन्दावन को,
नाच नाच तोक तोक तुम्ही को रिझाऊंगा,
बन्दर बनाओ तो बनाओ श्री वृन्दावन को,
कूद कूद फांद अच्छी दौड़न दिखाऊंगा,
भिक्षुक बनाओ तो बनाओ ब्रज मंडल को,
टूक हरि भक्तन से मांग मांग खाऊंगा,
आठो याम श्याम श्यामा श्याम वहाँ गाऊंगा,
आठो याम श्याम श्यामा श्याम वहाँ गाऊंगा,
रंगीली प्यारी राधा, रंगीली प्यारी राधा,
रँग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा.....
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा राधा,
रंगीली प्यारी राधा,
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा......
अरे रस बरसत घनघोर,
नमो नमो जय कुञ्ज महल नित,
नमो नमो ये में सुख होरी,
नमो नमो श्री कुञ्ज बिहारी नाम,
नमो नमो प्रीतम चित चोरी,
नमो नमो श्री हरिदासी,
नमो नमो इनकी जोड़ी॥
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा राधा,
रंगीली प्यारी राधा,
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा......
तीरथ सुता के पग पग पे प्रयाग जहाँ,
केशव के केलकुञ्ज कोटि कोटि काशी,
यमुना में जगन्नाथ रेणुका में रामेश्वर,
तरु तरु में बसत जहाँ अयोध्या निवासी है,
गोपिन के द्वार द्वार द्वार पे है हरिद्वार,
बद्री केदारनाथ बसे दास दासी है,
स्वर्ग अपबर्ग व्यथा लेकर करेंगे क्या,
जानते नहीं हो हम वृन्दावन वासी हैं,
जानते नहीं हो हम वृन्दावन वासी हैं,
रंगीली प्यारी राधा, रंगीली प्यारी राधा,
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा......
एक बार अयोध्या जाओ दो बार हरिद्वार,
तीन बार जाकर त्रिवेणी में नहाओगे,
चार बार चित्रकूट नौबार नाशिक में,
बार बार जाके बद्रीनाथ घूम आओगे,
कोटि बार केदारनाथ काशी रामेश्वर,
गया जगन्नाथ आदि चाहे जहाँ जाओगे,
होंगे प्रत्यक्ष दर्श यहाँ श्याम श्यामा श्याम के,
वृन्दावन सा कहीं आनंद नहीं पाओगे,
वृन्दावन सा कहीं आनंद नहीं पाओगे,
रंगीली प्यारी राधा, रंगीली प्यारी राधा,
रँग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा......
मोर जो बनाओ तो बनाओ वृन्दावन को,
नाच नाच तोक तोक तुम्ही को रिझाऊंगा,
बन्दर बनाओ तो बनाओ श्री वृन्दावन को,
कूद कूद फांद अच्छी दौड़न दिखाऊंगा,
भिक्षुक बनाओ तो बनाओ ब्रज मंडल को,
टूक हरि भक्तन से मांग मांग खाऊंगा,
आठो याम श्याम श्यामा श्याम वहाँ गाऊंगा,
आठो याम श्याम श्यामा श्याम वहाँ गाऊंगा,
रंगीली प्यारी राधा, रंगीली प्यारी राधा,
रँग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा.....
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा राधा,
रंगीली प्यारी राधा,
रंग भरयो लाला ने,
रंगीली प्यारी राधा......
रंगीली प्यारी राधा | रंग भरयो लाला ने | Rangeeli Pyari Radha | राधाकृष्ण भजन
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Author - Saroj Jangir
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