ੴ सतनाम करता पुरख मीनिंग Japji sahib Mool Mantar Mool Mantra Meaning.
ੴ सतनाम करता पुरख लिरिक्स Japji sahib Mool Mantar Mool Mantra Lyrics
पवित्र गुरु ग्रन्थ साहिब का मूल मन्त्र जो की गुरु ग्रन्थ साहिब का सर्वप्रथम छंद भी है, अत्यंत ही पवित्र छंद है, जिसे मूल मंतर कहा जाता है। सपूर्ण गुरु ग्रन्थ साहिब में यह मन्त्र लगभग सो से भी अधिक स्थानों पर उपयोग में लिया गया है। इस मूल मंत्र का वैसे तो अत्यंत ही विशाल अर्थ है लेकिन सामान्य रूप से इसका अर्थ निचे दिया गया है।
ੴ सतनाम, करता पुरख,
निरभउ निरवैर, अकाल मूरत,
अजूनी सैभं, गुरप्रसादि।
निरभउ निरवैर, अकाल मूरत,
अजूनी सैभं, गुरप्रसादि।
Ik Onkaar Satnaam Karata Purakh,
Nirbhaie Nirvair Akaal Murat,
Ajuni Sabhen Gurprasaadi.
ੴ ਸਤਿਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ
ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥
आदि सच, जुगाद सच।
ਆਦਿ ਸਚੁ ਜੁਗਾਦਿ ਸਚੁ.
Aadi Sach, Jugaad Sach
है भी सच नानक होसी भी सच।
ਹੈ ਭੀ ਸਚੁ ਨਾਨਕ ਹੋਸੀ ਭੀ ਸਚੁ.
ੴ ਸਤਿਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ
ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥
आदि सच, जुगाद सच।
ਆਦਿ ਸਚੁ ਜੁਗਾਦਿ ਸਚੁ.
Aadi Sach, Jugaad Sach
है भी सच नानक होसी भी सच।
ਹੈ ਭੀ ਸਚੁ ਨਾਨਕ ਹੋਸੀ ਭੀ ਸਚੁ.
Hai Bhi Sach, Naanak Hosi Bhi Sach.
ੴ सतनाम करता पुरख मीनिंग Japji sahib Mool Mantar Mool Mantra Meaning.
ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ (इक्क ओंकार सत नाम) : पूर्ण परमात्मा (ईश्वर) एक है जो सत्य है/जिसका नाम सत्य है।
ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ (करता पुरख) : वही सृजन करता है।
ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ (निरभऊ निरबैर) : वह निर्भय और द्वेष भावना से रहित है।
ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ (अकाल मूरत) : वह सनातन अकाल मूर्त है।
ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ (अजूनी सैभं) : वह अजन्मा और स्वयंभू है।
ਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ (गुर प्रसाद ) : गुरु का प्रसाद, गुरु की कृपा।
ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ (करता पुरख) : वही सृजन करता है।
ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ (निरभऊ निरबैर) : वह निर्भय और द्वेष भावना से रहित है।
ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ (अकाल मूरत) : वह सनातन अकाल मूर्त है।
ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ (अजूनी सैभं) : वह अजन्मा और स्वयंभू है।
ਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ (गुर प्रसाद ) : गुरु का प्रसाद, गुरु की कृपा।
हिंदी मीनिंग : पूर्ण परमात्मा एक है जो सम्पूर्ण सत्य है। वह समस्त जगत का सृजन करने वाला है, उसी से सम्पूर्ण जगत और ब्रह्माण्ड का सृजन हुआ है। वह किसी से द्वेष की भावना नहीं रखता है। वह अकाल मूर्त है, सनातन है। वह अजन्मा है, जन्म मृत्यु के बंधन से परे है। भाव है की वह अविनाशी और शाश्वत है। अजूनि से आशय है की वह कोई योनि धारण नहीं करता है। वह स्वंय में प्रकाशित है और उसे गुरु के प्रसाद, गुरु की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है।
आदि सच, जुगाद सच
ਆਦਿ ਸਚੁ ਜੁਗਾਦਿ ਸਚੁ.
हिंदी अर्थ : पूर्ण सत्य रूपी अकाल पुरुष, ईश्वर सनातन सत्य है, आदि काल से सत्य है। युगों युगों से वह पूर्ण सत्य है। उसका अस्तित्व श्रष्टि की रचना से भी पूर्व का है, सत्य है। भाव है की पूर्ण परमेश्वर समय से परे और सदा अस्तित्व रखने वाला है।
है भी सच नानक होसी भी सच।
ਹੈ ਭੀ ਸਚੁ ਨਾਨਕ ਹੋਸੀ ਭੀ ਸਚੁ.
हिंदी अर्थ : वर्तमान में भी उसका अस्तित्व सत्य है। गुरु नानक देव जी का कथन है की आने वाले भविष्य में भी उसका अस्तित्व होगा जो सत्य है। भाव है की पूर्ण परमात्मा श्रष्टि की रचना से पूर्व भी अस्तित्व में था, वर्तमान में भी उसका ही अस्तित्व है और आने वाले समय में भी उसी का अस्तित्व रहेगा जो सत्य है।
ਆਦਿ ਸਚੁ ਜੁਗਾਦਿ ਸਚੁ.
हिंदी अर्थ : पूर्ण सत्य रूपी अकाल पुरुष, ईश्वर सनातन सत्य है, आदि काल से सत्य है। युगों युगों से वह पूर्ण सत्य है। उसका अस्तित्व श्रष्टि की रचना से भी पूर्व का है, सत्य है। भाव है की पूर्ण परमेश्वर समय से परे और सदा अस्तित्व रखने वाला है।
है भी सच नानक होसी भी सच।
ਹੈ ਭੀ ਸਚੁ ਨਾਨਕ ਹੋਸੀ ਭੀ ਸਚੁ.
हिंदी अर्थ : वर्तमान में भी उसका अस्तित्व सत्य है। गुरु नानक देव जी का कथन है की आने वाले भविष्य में भी उसका अस्तित्व होगा जो सत्य है। भाव है की पूर्ण परमात्मा श्रष्टि की रचना से पूर्व भी अस्तित्व में था, वर्तमान में भी उसका ही अस्तित्व है और आने वाले समय में भी उसी का अस्तित्व रहेगा जो सत्य है।