
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Word Meaning
जौ रोऊँ – जो मैं रोता हूँकबीर दोहा हिंदी मीनिंग
विरह की स्थिति का चित्रण करते हुए कबीर साहेब की वाणी है की विरह की अग्नि में दग्ध होकर जब जीवात्मा रोती है तो शारीरिक बल घटता है और विषय वासनाओं में हंसने पर इश्वर रुष्ट हो जाते हैं। ऐसी अवस्था में जीवात्मा मन ही मन घुटती रहती है और यह चिन्तन उसे घुन की भाँती अंदर ही अंदर खाता रहता है। जीवात्मा की अजीब स्थिति बन गई है, लौकिक आनंद में व्यस्त रहने पर इश्वर से दूरी बढती है।