कबीर हसणाँ दूरि करि हिंदी मीनिंग
कबीर हसणाँ दूरि करि, करि रोवण सौं चित्त।
बिन रोयाँ क्यूँ पाइये, प्रेम पियारा मित्त॥
Kabir Hasana Duri kari, Kari Rovan Sou Chitt,
Bin Roya Kyu Paaiye, Prem Piyaara Mitt.
कबीर के दोहे के शब्दार्थ Kabir Doha Word Meaning
हसणाँ दूरि करि-हास और मनोरंजन से दूर रहो।
करि रोवण सौं चित्त- हृदय में संताप भर लो।
बिन रोयाँ- बिना रोए।
क्यूँ पाइये-कैसे पाओगे।
प्रेम पियारा-हरी/ईश्वर।
मित्त- मित्र/प्रियतम।
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi meaning.
विषय वासना के भ्रम में फ़ांसी जीवात्मा को कबीर साहेब का सन्देश है की वह ऐसी झूठी हंसी को छोड़ दे। हरी की प्राप्ति के लिए सच्ची भक्ति को धारण करके विरह में शोक संतप्त हो जाओ। बगैर विरह अनुभूति के तुम कैसे हरी के भक्त बन सकते हो, हरी को प्राप्त कर सकते हो।
कबीर की इस साखी का गूढ़ अर्थ है की इश्वर की प्राप्ति के लिए विरह का होना अत्यंत ही आवश्यक है। विरह की अग्नि में जले बिना हरी की प्राप्ति संभव नहीं हो सकती है। लोकिक (इन्द्रियजनित) सुखो का त्याग करके इश्वर से मिलन का प्रयत्न करने पर ही मालिक की प्राप्ति हो सकती है। हृदयगत विरहानुभूति को ग्रहण करे बिना कोई कैसे उस प्रभु को प्राप्त कर सकता है। बगैर रुदन किए, विरह की अग्नि में जले बिना ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं हो सकती है, यही इस साखी का मूल भाव है।
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