कर कमाण सर साँधि करि मीनिंग Kar Kamaan Sar Sadhi Hindi Meaning Kabir Ke Dohe

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कर कमाण सर साँधि करि, खैचि जू मार्‌या माँहि।
भीतरि भिद्या सुमार ह्नै जीवै कि जीवै नाँहि॥
Kar Kamaan Sar Saandhi Kari, Khenchi Jyu Mariya Mahi,
Bhitari Bhidya Sumar Hane, Jeeve Ki Jeeve Nahin.

कबीर के दोहे के शब्दार्थ : Kabir Doha Hindi Word Meaning

कर-हाथों में/हाथ में।
कमाण-तीर कमान।
साँधि करि-साधकर।
खैचि-खींचकर।
जू- जैसे।
मार्‌या- मारा।
माँहि- अंदर।
भीतरि-अंदर तक/ हृदय तक।
भिद्या-भेद दिया।
सुमार-गहरा, गंभीर घाव।
जीवै कि जीवै नाँहि- जिए की जिए नाहीं।

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi Meaning

सतगुरु ने हाथों में धनुष बाण को धारण करके तीर चलाया। सतगुरु दे द्वारा चलाया गया प्रेम का बाण हृदय को पार करके चला गया। सतगुरु के तीर का असर ऐसा हुआ की शिष्य के अंदर तक प्रवेश कर गया है। अब शिष्य जियेगा या नहीं यह शंशय बना हुआ है। सतगुरु ने साधक को ज्ञान का बाण पूर्ण शक्ति से मारा है, अब यह तय नहीं है की वह जीवित रहेगा या मर जाएगा। प्रस्तुत साखी में संदेह और अनुप्रास अलंकार, अन्योक्ति अलंकार की व्यंजना हुई है।
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