
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
Kabir Doha Word Meaning Hindi कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग
विरह की अग्नि में दग्ध जीवात्मा इश्वर से निवेदन कर रही है की या तो वह उसे मार दे या फिर सामने आकर उसे स्वंय का दर्शन दे. आठों पहर की विरह अग्नि जीवात्मा से सहन नहीं होती है. भाव है की जीवात्मा इश्वर के दर्शन करने को व्याकुल रहती है. इस साखी में विरह की अग्नि में दग्ध जीवात्मा अब अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है और वर्णन करती है की उससे अब अधिक समय तक विरह की अग्नि को सहा नहीं जाएगा। अब वह चाहती है की या तो उसे पूर्णता में मिला लिया जाए या फिर नष्ट कर दिया जाए।