मेरे मालिक के दरबार में है सबका खाता लिरिक्स Mere Malik Ke Darbaar Me Lyrics

मेरे मालिक के दरबार में है सबका खाता लिरिक्स Mere Malik Ke Darbaar Me Lyrics, Nath Ji Bhajan Lyrics Hindi by Shree Navratan giri Maharaj

 
मेरे मालिक के दरबार में है सबका खाता लिरिक्स Mere Malik Ke Darbaar Me Lyrics

मेरे दाता के दरबार में,
है सब का खाता
जितना जिसके लिखा भाग्य में,
वो उतना ही पाता
रे पाता मेरे मालिक के दरबार में रै,
मेरे दाता के दरबार में।

क्या साधू क्या संत गृहस्थी,
क्या राजा क्या रानी,
प्रभु की पुस्तक में लिखी है,
सब की कर्म कहानी,
वही सभी के जमा खरच का,
सही हिसाब लगाता, लगाता,
मेरे मालिक के दरबार में रै,
मेरे दाता के दरबार में,
जितना जिसके लिखा भाग्य में,
वो उतना ही पाता।

बड़े कड़े कानून पभु के,
बड़ी कड़ी मर्यादा,
किसी को कौड़ी कम नही देता,
किसी को दमड़ी ज्यादा
इसलिए वो इस दुनिया का,
नगर सेठ कहलाता, कहलाता,
मेरे मालिक के दरबार में रै,
मेरे दाता के दरबार में,
जितना जिसके लिखा भाग्य में,
वो उतना ही पाता।

करते हैं इन्साफ फ़ैसले,
प्रभु आकर के डट के,
इनका फैसला कभी ना बदले,
लाख कोई सर पटके,
समझदार तो चुप रहता हैं,
मूरख़ शोर मचाता, मचाता,
मेरे मालिक के दरबार में रै,
मेरे दाता के दरबार में,
जितना जिसके लिखा भाग्य में,
वो उतना ही पाता।

आछि करनी करो चतुरजन,
कर्म ना करियो काळा,
हज़ार आंख से देख रहा है,
तुझे देखने वाला,
सूरदासजी यूँह कहते है,
समय गुजरता जाता, रे जाता,
मेरे मालिक के दरबार में रै,
मेरे मालिक के दरबार में रै,
मेरे दाता के दरबार में,
जितना जिसके लिखा भाग्य में,
वो उतना ही पाता। 
 

Mere Malik ke Darbar Mai khasolidham by Shree Navratan giri Maharaj

मेरे दाता के दरबार में,
सब लोगो का खाता,
जो कोई जैसी करनी करता,
वैसा ही फल पाता,

क्या साधू क्या संत गृहस्थी,
क्या राजा क्या रानी,
प्रभू की पुस्तक में लिक्खी है,
सबकी कर्म कहानी,
अन्तर्यामी अन्दर बैठा,
सबका हिसाब लगाता,
मेरे दाता के दरबार में.....

बड़े बड़े कानून प्रभू के,
बड़ी बड़ी मर्यादा,
किसी को कौड़ी कम नहीं मिलती,
मिले न पाई ज्यादा,
इसीलिए तो वह दुनियाँ का
जगतपति कहलाता,
मेरे दाता के दरबार में......

चले न उसके आगे रिश्वत,
चले नहीं चालाकी,
उसकी लेन देन की बन्दे,
रीति बड़ी है बाँकी,
समझदार तो चुप रहता है,
मूरख शोर मचाता,
मेरे दाता के दरबार में.....

उजली करनी करले बन्दे,
करम न करियो काला,
लाख आँख से देख रहा है,
तुझे देखने वाला,
उसकी तेज नज़र से बन्दे,
कोई नहीं बच पाता,
मेरे दाता के दरबार में.....

मेरे दाता के दरबार में,
सब लोगो का खाता
मेरे मालिक के दरबार में है सबका खाता लिरिक्स Mere Malik Ke Darbaar Me Lyrics
Mere Daata Ke Darabaar Mein,
Hai Sab Ka Khaata
Jitana Jisake Likha Bhaagy Mein,
Wo Utana Hi Paata
Re Paata Mere Maalik Ke Darabaar Mein Re,
Mere Daata Ke Darabaar Mein.

Kya Saadhoo Kya Sant GrhastHi,
Kya Raaja Kya Raanee,
Prabhu Kee Pustak Mein LikHi Hai,
Sab Kee Karm Kahaanee,
VaHi SabHi Ke Jama Kharach Ka,
SaHi Hisaab Lagaata, Lagaata,
Mere Maalik Ke Darabaar Mein Re,
Mere Daata Ke Darabaar Mein,
Jitana Jisake Likha Bhaagy Mein,
Wo Utana Hi Paata.

Bade Kade Kaanoon Pabhu Ke,
Badee Kadee Maryaada,
Kisee Ko Kaudee Kam NaHi Deta,
Kisee Ko Damadee Jyaada
Isalie Wo Is Duniya Ka,
Nagar Seth Kahalaata, Kahalaata,
Mere Maalik Ke Darabaar Mein Re,
Mere Daata Ke Darabaar Mein,
Jitana Jisake Likha Bhaagy Mein,
Wo Utana Hi Paata.

Karate Hain Insaaph Faisale,
Prabhu Aakar Ke Dat Ke,
Inaka Phaisala KabHi Na Badale,
Laakh Koee Sar Patake,
Samajhadaar To Chup Rahata Hain,
Moorakh Shor Machaata, Machaata,
Mere Maalik Ke Darabaar Mein Re,
Mere Daata Ke Darabaar Mein,
Jitana Jisake Likha Bhaagy Mein,
Wo Utana Hi Paata.

Aachhi Karanee Karo Chaturajan,
Karm Na Kariyo Kaala,
Hazaar Aankh Se Dekh Raha Hai,
Tujhe Dekhane Vaala,
Sooradaasajee Yoonh Kahate Hai,
Samay Gujarata Jaata, Re Jaata,
Mere Maalik Ke Darabaar Mein Re,
Mere Maalik Ke Darabaar Mein Re,
Mere Daata Ke Darabaar Mein,
Jitana Jisake Likha Bhaagy Mein,
Wo Utana Hi Paata. 

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