नैना अंतरि आचरूँ मीनिंग Naina Antari Aachru Meaning

नैना अंतरि आचरूँ मीनिंग Naina Antari Aachru Meaning Kabir Doha, Kabir Ke Dohe Hindi Meaning (Hindi Arth Sahit)

नैना अंतरि आचरूँ, निस दिन निरषौं तोहि।
कब हरि दरसन देहुगे सो दिन आवै मोंहि॥

Naina Antari Aachru, Nis Din Nirkho Tohi,
kab Hari Darshan Dehuge So Din Aave Mohi.
 
नैना अंतरि आचरूँ, निस दिन निरषौं तोहि। कब हरि दरसन देहुगे सो दिन आवै मोंहि॥
 

Kabir Doha Word Meaning Hindi कबीर दोहा हिंदी मीनिंग

नैना - नयन।
अंतरि-अंदर।
आचरूँ-वास कर लूँ, बसा लूँ।
निस दिन-रोज, दिन रात।
निरषौं तोहि-आपके दर्शन करूँ, आपको निरखूं।
कब हरि-हरी के कब (दर्शन).
दरसन-दर्शन।
देहुगे-दोगे।
सो दिन- वह दिन।
आवै मोंहि-वह दिन मुझे (कब प्राप्त होगा)

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग

जीवात्मा इश्वर से निवेदन करती है की वह उसके नैनों में आकर बस जाए, जिससे वह रात दिन अपने इश्वर का दर्शन कर सके. जीवात्मा के मिलन की उत्कंठा है की वह उस दिन की प्रतीक्षा में रहती है जब इश्वर उसे आकर दर्शन देंगे. जीवात्मा दिन और रात हरी के ही दर्शन को व्याकुल रहती है. 

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1 टिप्पणी

  1. Naina Antar acharu nishidin nirkhau tohi. Kavi Hari darshan deyang sha din aav mohi prasang vyakhaya