हरी मैं तेरी दास हो गई दास हो गई

हरी मैं तेरी दास हो गई दास हो गई भजन


हो हो हो हरी, मैं तेरी दास हो गई,
दास हो गई, मैं तेरे पास हो गई।
हो हो हो हरी, मैं तेरी दास हो गई।

तू है ठाकुर, तो मैं हूं पुजारी,
तू है दाता, तो मैं हूं भिखारी।
मेरी झोली तो भर, मुझको किसका है डर?
हो हो हो हरी, मैं तेरी दास हो गई।

तू है चंदा, तो मैं हूं चकोरी,
तू है फूल, तो मैं खुशबू तेरी।
मुखड़ा देखूं तेरा, चंचल हो मन मेरा,
हो हो हो हरी, मैं तेरी दास हो गई।

तू है सागर, तो मैं लहर तेरी,
कैसे डूबेगी अब नैया मेरी?
श्याम, जल्दी से आ, आके पार लगा,
हो हो हो हरी, मैं तेरी दास हो गई।

तू है सूरज, तो मैं किरण तेरी,
अब प्रीत निभेगी तेरी मेरी।
तू मुझमें समा, मैं तुझमें समा,
हो हो हो हरी, मैं तेरी दास हो गई।


कृष्ण भजन | हरी मैं तेरी दास हो गई | Hari Main Teri Das Ho Gayi | Hari Bhajan | Rekha Garg

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Krishan Ji Bhajan Video - HARI MAIN TERI DAAS HO GAYI
Bhajan Info : -
Title : Hari Main Teri Dasi Ho Gayi Bhajan
Singer - Rekha Garg
Lyrics & Composition - Traditional
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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