सोई आँसू सजणाँ मीनिंग
सोई आँसू सजणाँ, सोई लोक बिड़ाँहि।
जे लोइण लोंहीं चुवै, तौ जाँणों हेत हियाँहि॥
Soi Aanshu Sajana, Soi Lok Bihadi,
Je Loin Lohi Chuve, To Jaana Het Hiyahi.
कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ : Kabir Doha Hindi Word Meaning.
आँसू-आसूँ.
सजणाँ-सगे, सबंधी, स्वजन.
सोई-वही.
लोक-लोग.
बिड़ाँहि-दुष्ट जनों के.
जे-जो.
लोइण-आखें.
लोंहीं-खून, लहू.
चुवै-रिसता.
तौ जाँणों-तो जानो, समझो.
हेत-प्रेम.
हियाँहि-हृदय.
कबीर दोहा/साखी हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi Meaning
महज आसुंओं से प्रेम भाव का पता नहीं लगाया जा सकता है। आँसू तो सज्जन और दुर्जन व्यक्ति के समान रूप से बहते हैं। दुःख और सुख की स्थितियों में समान रूप से आँशु बहते हैं। यदि हृदय से ईश्वर की भक्ति सच्ची नेत्रों से रक्त के आंसू गिरे तो ही सच्ची भक्ति होती है।
इस साखी में बिड़ोही से भाव दुष्टजन और विपरीत परिस्थिति दोनों के रूप में लिया जाता है। भाव के अनुसार आंसू आँसू में भेद को स्पष्ट किया गया है। वही आंसू हरी भक्ति को प्रदर्शित कर सकते हैं, जिनमे हृदय का सच्चा भाव हो, यथा आखों से रक्त का बहना हो। यही सच्ची भक्ति होती है। इस साखी में भक्ति को सांकेतिक रूप से समझाने का प्रयत्न किया है।
ऐसी भक्ति जो महज दिखावे के लिए हो, और एक ऐसी भक्ति जो सच्चे हृदय से हो, दोनों में महत्वपूर्ण भेद होता है। दिखावे की भक्ति में साधक कर्मकांड, बाह्य आचरण, पूजा पाठ आदि का काम करने के अतिरिक्त शास्त्र सम्मत कार्यों में ही व्यस्त रहता है। कबीर साहेब के मुताबिक़ यह सच्ची भक्ति नहीं होती है। सच्ची भक्ति के लिए हृदय से समर्पण आवश्यक होता है जिसे व्यक्त करने के लिए साहेब ने रक्त के आशुं को उपयोग में लिया है।
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