अचिंत्‍य नाम का मतलब, अर्थ, राशि

अचिंत्‍य नाम का मतलब, अर्थ, राशि Achintya Meaning Hindi

अचिंत्‍य नाम का अर्थ होता है अज्ञेय और अचिंतनीय होता है. इस प्रकार अचिंत्य का मतलब जिसका चिंतन ना किया जा सके, जो चिंता का विषय ना हो, जिसका अनुमान ना लगाया जा सके होता है. इस प्रकार अचिंत्य का मतलब जिसका चिंतन ना किया जा सके, जो चिंता का विषय ना हो, (Beyond Comprehension) जिसका अनुमान ना लगाया जा सके होता है. अचिंत्य से ही अचिन्तयत् संस्कृत बना है जिसका अर्थ विचार करना, चिंता करना, आदि होता है. 
 
अचिंत्‍य नाम का मतलब, अर्थ, राशि

अथ एतच्छ्रुत्वा सिहं अचिन्तयत्-
"नूनमेषा गुहा स्वामिनः सदा समाह्वानं करोति ।
परंतु मद्भयात् न किञि्चत् वदति ।"
अथवा साध्विदम् उच्यते-
भयसन्त्रस्तमनसां हस्तपादादिकाः क्रियाः ।
प्रवर्तन्ते न वाणी च वेपथुश्चाधिको भवते्।।
 
अचिंत्‍य नाम का हिंदी में अर्थ/मतलब होता है जो अज्ञेय हो और जो अचिंतनीय हो। इस प्रकार अचिंत्य का हिंदी में मतलब जिसका चिंतन ना किया जा सके, जो चिंता का विषय ना हो या चिंता से परे हो, जिसका अनुमान ना लगाया जा सके होता है आदि। अचिंत्‍य नाम लड़कों (पु) का होता है, मतलब की यह नाम लड़कों का रखा जाता है। यदि आप यह नाम अपने शिशु का रखने जा रहें हैं तो किसी ज्योतिषी से सम्पूर्ण राय प्राप्त कर लेंवे। 
 
अचिंत्‍य के नाम की राशि Mesh/मेष Aries (zodiac sign ) होती है। राशि चक्र में मेष राशि प्रथम राशि होती है। मेष राशि का चिन्ह मेंढा/ पुरुष भेड़ होता है। मेष राशि का सम्बद्ध पूर्व दिशा से होता है और मेष राशि का स्वामी गृह 'मंगल' होता है। मेष राशि का तत्व 'अग्नि' होता है।
मेष जातकों का शुभ अंक : 9
मेष जातकों का शुभ रंग : सफ़ेद
मेष जातकों का शुभ दिन : मंगलवार
मेष जातकों का शुभ रत्न : मूँगा
 
अचिंत्‍य नाम की मित्र राशि मिथुन और सिंह होती है। अचिंत्‍य मेष राशि से सबंधित नाम है। मेष राशि के लोग कार्य को फुर्ती/तेजी से करते हैं। मेष राशि से सबंध रखने के कारण अचिंत्‍य नाम के व्यक्ति आशावादी और आत्मकेंद्रित होते हैं। अचिंत्‍य के नाम के व्यक्ति निडर और झुझारू स्वभाव के होते हैं और शीघ्र हार नहीं मानते हैं। अचिंत्‍य नाम के व्यक्ति चूँकि मेष राशि से सबंधित होते हैं इसलिए ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी, जिंदादिल होते हैं। 
 
मेष राशि के लोग जहाँ उपरोक्त गुणों को धारण करते हैं वहीँ पर अचिंत्‍य नाम के व्यक्ति मेष राशि के प्रभाव के कारण ज़िद्दी, अनुशासन को कम मानने वाले और दूसरों से अधिक अपेक्षा रखने वाले होते हैं।
अचिंत्‍य नाम के व्यक्ति गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। अचिंत्‍य नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8 अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं। 
 
भगवान शिव आसानी से अपने भक्तों पर दया करते हैं, और इनकी पूजा अर्चना भी क्लिष्ट नहीं होती है। वैसे जन्म के लग्न के मुताबिक़ यह तय होता है की आपको किस देव की पूजा करनी चाहिए। लेकिन वृहद स्तर पर ॐ नम: शिवाय’ मन्त्र मेष राशि के व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। 20 मार्च से 18 अप्रैल के मध्य जन्म लेने वाले मेष राशि से सबंधित व्यक्तियों के लिए ॐ गं गणाधिपतये नत:’ मन्त्र शुभ रहता है। इस प्रकार मेष राशि के व्यक्तियों को अपने मूलाक्षर, जन्मतिथि के अनुसार श्री गणेश, श्री शिव एवं श्री विष्णु जी की पूजा करके अभीष्ट को प्राप्त करना हितकर होता है।
 
साधारण रूप से मेष राशि के व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है। जैसा की ऊपर बताया गया है मेष राशि की व्यक्ति अधिक ऊर्जावान और किसी भी कार्य को करने की शक्ति रखते हैं और अन्य से अधिक सक्रीय रूप से कार्य करते हैं ऐसे में उनका शरीर अधिक कार्य करने के कारण निढाल बन सकता है। शरीर के रोगों से लड़ने के शक्ति बेहतर होती है। उल्लेखनीय है की मेष राशि के व्यक्तियों को सरदर्द और पाचन की बीमारिया प्रायः अधिक होती हैं, इसलिए उन्हें अपने पाचन को बेहतर करने के लिए स्वास्थ्यवर्धक जीवन शैली का पालन करना चाहिए। अपने शरीर को विश्राम देना भी मेष राशि के लिए अधिक महत्त्व रखता है।
 
अचिंत्‍य के नाम का शुभ अंक (Supportive Numbers) ०९ होता है। शुभ अंक के सबंध में आप ज्योतिषी से उचित मार्गदर्शन अवश्य ही प्राप्त कर लेवें। जन्म समय और स्थान और ग्रहों की स्थिति का शुभ अंक पर अधिक प्रभाव पड़ता है। 
 
अचिंत्‍य के नाम का शुभ रंग लाल सफ़ेद और पीला होता है, जिनमे सफ़ेद अधिक महत्त्व रखता है।
 
अचिंत्‍य नाम का शुभदिन मंगलवार होता है।
अचिंत्‍य नाम (Achintya Name Swami Grah, Planet) Achintya के नाम का स्वामी मंगल ग्रह होता है जो जातक के उत्साह और कार्य करने की क्षमता के लिए महत्त्व रखता है।
 
अचिंत्‍य नाम का शुभ रत्न मूंगा रत्न/कोरल जेम होता है। जातक की कुंडली में यदि मंगल कमजोर है तो मूंगा धारण करने से जातक को साहस और आत्मविश्वाश पैदा होता है।
 
अचिंत्‍य का नक्षत्र कृतिका (Nakshatra: Krithika ) होता है। अचिंत्‍य नाम हिन्दू धर्म से सबंध रखता है। हिन्दू धर्म के मतावलम्बी इस नाम को रखते हैं।

अचिंत्‍य नाम रखने से पूर्व सावधानियाँ : यदि आप अचिंत्‍य अपने शिशु का नाम रखना चाहते हैं तो जन्म पत्री को किसी ज्योतिषि को दिखाकर शास्त्र सम्मत तरीके से और पूर्ण विधान के साथ ही नाम रखें। व्यक्ति के लिए नाम सामजिक पहचान से भी अधिक व्यक्तिगत भी होता है, इसलिए नाम रखने में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करें। सोलह संस्कारों में नामकरण संस्कार भी है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। नाम रखने से पूर्व ध्यान रखें की नामकरण हेतु जन्म समय, जन्म स्थान आदि का विशेष महत्त्व होता है। वैदिक विधि से नामकरण नक्षत्र नाम, गुप्त नाम, व्यावहारिक नाम याज्ञिक नाम आदि के आधार पर रखा जाता रहा है। यहाँ पर दी गई जानकारी सामान्य जानकारी है, नाम रखने से पूर्व हिन्दू मान्यता के आधार पर योग्य ज्योतिषी से सम्पूर्ण गणना के उपरान्त ही शिशु का नामकरण करें।

यदि आप अपने शिशु का नाम अचिंत्‍य रखने जा रहे हैं तो नामकरण से पूर्व ध्यान रखें -

  • अचिंत्‍य नाम रखने से पूर्व ज्योतिषी की अवश्य राय लेवें।
  • अचिंत्‍य नाम रखने से पूर्व ज्योतिषी के माध्यम यह सुनिश्चित कर लेवे की अचिंत्‍य नाम शिशु के लिए उचित है।
  • अचिंत्‍य नाम रखने से पूर्व राशिफल, ग्रहनक्षत्रों का विशेष ध्यान रखें।
  • अचिंत्‍य नाम के व्यक्ति को (मेष राशि के लोगों को) किस भगवान की पूजा अधिक लाभदाई होती है ?
  • अचिंत्‍य नाम मेष राशि से सबंधित है इसलिए ऐसे जातक को मंगल को मजबूत करने के लिए भगवान श्री हनुमान जी पूजा करें। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ लाभदाई होता है।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं

+

एक टिप्पणी भेजें