अच्‍युत नाम का मतलब, अर्थ, राशि

अच्‍युत नाम का मतलब, अर्थ, राशि Achyut Meaning Hindi

अच्‍युत नाम का मतलब भगवान श्री कृष्ण होता है क्योंकि श्री कृष्ण भगवान विष्णु जी के आठवें अवतार हैं। अच्‍युत श्री विष्णु जी को कहा जाता है और विष्णु अवतारी होने के कारण श्री कृष्ण को भी अच्‍युत नाम से जाना जाता है.  
 
अच्‍युत नाम का मतलब, अर्थ, राशि

अच्‍युत का शाब्दिक अर्थ/मतलब होता है जिसका कभी नाश न हो, सदा स्थाई बने रहने वाला. इसके अतिरिक्त अच्‍युत का हिंदी में अर्थ अपने स्थान पर अटल रहने वाला, अटल आदि। अच्‍युत शब्द के अन्य अर्थों में वैमानिक श्रेणी के कल्पभव देवताओं का एक भेद, एक पादप  का नाम, आर्यावर्त राजा आदि प्रमुख हैं.
अच्‍युत नाम का शाब्दिक अर्थ अटल, निश्चल, अविनाशी, जिसने कोई भूल या त्रुटि न की हो, भगवान श्री विष्णु जी का एक नाम, जैन सम्प्रदाय के एक देवता. जो अपने स्थान पर सदा अटल रहता हो, अपने स्थान से हटता ना हो उसे भी अच्‍युत कहा जाता है. किसी व्यक्त के नाम के रूप में अच्युत से भाव अटल, निडर, श्रेष्ठ और गुणवान होता है.
अच्‍युत शब्द के प्रमुख अर्थ निम्न प्रकार से हैं -
१. जो गिरा न हो, अपने स्थान पर स्थापित रहने वाला.
२. दृढ़ अटल, स्थिर, सदा बने रहने वाला.
३. नित्य, अमर, अविनाशी, जिसका नाश ना हो.
४. जो कभी चुके नहीं.
५. जो त्रुटि न करे, गुणों से संपन्न.
६ निडर, जो विचलित न हो ।
७  जो चूने या टपकने वाला नहीं हो.
८  विष्णु और उनके अवतारों में से एक.
९ . वासु देव, श्री कृष्ण जी का एक नाम.
१०. जैनियों के चार श्रेणी के देवताओं में चौथी अर्थात् बैमानिक श्रेणी के कल्यभव नामक देवताओं का एक भेद भी होता है, इसका वर्णन सिद्धांत कोष से प्राप्त होता है.
११ . एक पादप/पौधे  का नाम ।
१२ . एक प्रकार की पद्य रचना जिसमें १२ बंध होते हैं.
१३. क़ायम, अटल, मुस्तहकम , ग़ैर फ़ानी.
अच्युत चरन तरंगिनी, सिव सिर मालति माल। 
हरि न बनाओ सुरसरी, कीजौ इंदव-भाल।।
गीता के अनेकों स्थान पर अर्जुन के द्वारा भगवान् श्री कृष्ण को अच्युत के नाम से संबोधित किया गया है. भगवान् श्री विष्णु के सहस्रनाम नाम में भी अच्युत! का उल्लेख है. अच्युत का  अर्थ इस प्रकार से अपने स्वरुप पर सदा स्थाई, अटल रहने वाला होता है.
हृषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते।
सेनयोरुभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेऽच्युत।।

हे अच्युत, दोनों सेनाओं के मध्य में मेरे रथ को आप तब तक खड़ा कर दीजिए. तब तक मैं युद्धक्षेत्र में खड़े हुए इन युद्ध की इच्छा करने वालों को देख न लूँ कि इस युद्धरूप उद्योग में मुझे
किन किन के साथ युद्ध करना है।
 
अच्‍युत अपने स्वरुप पर सदा स्थाई, अटल रहने वाला होता है। अच्युत से आशय समान, तटस्थ रहने वाला भी होता है। इस प्रकार से अच्युत का अर्थ आपको बताया गया है, आप अच्युत नाम रखने से पूर्व अपने स्तर पर पूर्ण जांच कर लें।
 
अच्‍युत नाम लड़कों (पु) का होता है, मतलब की यह नाम लड़को का रखा जाता है। वर्तमान में अच्युत को अधिकतर अभिभावकों के द्वारा रखा जा रहा है, जिसे काफी अच्छा माना जाता है।
 
अच्‍युत के नाम की राशि Mesh/मेष Aries (zodiac sign ) होती है। राशि चक्र में मेष राशि प्रथम राशि होती है। मेष राशि का चिन्ह मेंढा/ पुरुष भेड़ होता है। मेष राशि का सम्बद्ध पूर्व दिशा से होता है और मेष राशि का स्वामी गृह 'मंगल' होता है। मेष राशि का तत्व 'अग्नि' होता है।
मेष जातकों का शुभ अंक : 9
मेष जातकों का शुभ रंग : सफ़ेद
मेष जातकों का शुभ दिन : मंगलवार
मेष जातकों का शुभ रत्न : मूँगा (Munga Ratn)
 
अच्‍युत नाम की मित्र राशि मिथुन और सिंह होती है। इस सुचना को राशिफल के आधार पर लिखा गया है।
 
अच्‍युत मेष राशि से सबंधित नाम है। मेष राशि के लोग कार्य को फुर्ती/तेजी से करते हैं। मेष राशि से सबंध रखने के कारण अच्‍युत नाम के व्यक्ति आशावादी और आत्मकेंद्रित होते हैं। अच्‍युत के नाम के व्यक्ति निडर और झुझारू स्वभाव के होते हैं और शीघ्र हार नहीं मानते हैं। अच्‍युत नाम के व्यक्ति चूँकि मेष राशि से सबंधित होते हैं इसलिए ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी, जिंदादिल होते हैं। 
 
मेष राशि के लोग जहाँ उपरोक्त गुणों को धारण करते हैं वहीँ पर अच्‍युत नाम के व्यक्ति मेष राशि के प्रभाव के कारण ज़िद्दी, अनुशासन को कम मानने वाले और दूसरों से अधिक अपेक्षा रखने वाले होते हैं।
अच्‍युत नाम के व्यक्ति गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। अच्‍युत नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8 अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं, उल्ल्खनीय हैं की भगवान शिव को आदि देव कहा जाता है।
 
भगवान शिव आसानी से अपने भक्तों पर दया करते हैं, और इनकी पूजा अर्चना भी क्लिष्ट नहीं होती है। वैसे जन्म के लग्न के मुताबिक़ यह तय होता है की आपको किस देव की पूजा करनी चाहिए। लेकिन वृहद स्तर पर ॐ नम: शिवाय’ मन्त्र मेष राशि के व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। 20 मार्च से 18 अप्रैल के मध्य जन्म लेने वाले मेष राशि से सबंधित व्यक्तियों के लिए ॐ गं गणाधिपतये नत:’ मन्त्र शुभ रहता है। इस प्रकार मेष राशि के व्यक्तियों को अपने मूलाक्षर, जन्मतिथि के अनुसार श्री गणेश, श्री शिव एवं श्री विष्णु जी की पूजा करके अभीष्ट को प्राप्त करना हितकर होता है।
 
साधारण रूप से मेष राशि के व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है। जैसा की ऊपर बताया गया है मेष राशि की व्यक्ति अधिक ऊर्जावान और किसी भी कार्य को करने की शक्ति रखते हैं और अन्य से अधिक सक्रीय रूप से कार्य करते हैं ऐसे में उनका शरीर अधिक कार्य करने के कारण निढाल बन सकता है। शरीर के रोगों से लड़ने के शक्ति बेहतर होती है। उल्लेखनीय है की मेष राशि के व्यक्तियों को सरदर्द और पाचन की बीमारिया प्रायः अधिक होती हैं, इसलिए उन्हें अपने पाचन को बेहतर करने के लिए स्वास्थ्यवर्धक जीवन शैली का पालन करना चाहिए। अपने शरीर को विश्राम देना भी मेष राशि के लिए अधिक महत्त्व रखता है।

अच्‍युत के नाम का अंक त्योतिष का अनुसार शुभ अंक (Supportive Numbers) ०७/०९ होता है। अच्‍युत के नाम का शुभ रंग लाल सफ़ेद और पीला होता है, जिनमे सफ़ेद अधिक महत्त्व रखता है। अच्‍युत नाम का शुभदिन मंगलवार होता है। अच्‍युत नाम (अच्‍युत Name Swami Grah, Planet) अच्‍युत के नाम का स्वामी मंगल ग्रह होता है जो जातक के उत्साह और कार्य करने की क्षमता के लिए महत्त्व रखता है।

अच्‍युत नाम का शुभ रत्न मूंगा रत्न/कोरल जेम होता है। जातक की कुंडली में यदि मंगल कमजोर है तो मूंगा धारण करने से जातक को साहस और आत्मविश्वाश पैदा होता है। अच्‍युत का नक्षत्र कृतिका (Nakshatra: Krithika ) होता है। अच्‍युत नाम हिन्दू धर्म से सबंध रखता है। अच्‍युत नाम रखने से पूर्व सावधानियाँ : यदि आप अच्‍युत अपने शिशु का नाम रखना चाहते हैं तो जन्म पत्री को किसी ज्योतिषि को दिखाकर शास्त्र सम्मत तरीके से और पूर्ण विधान के साथ ही नाम रखें। व्यक्ति के लिए नाम सामजिक पहचान से भी अधिक व्यक्तिगत भी होता है, इसलिए नाम रखने में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करें। सोलह संस्कारों में नामकरण संस्कार भी है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। नाम रखने से पूर्व ध्यान रखें की नामकरण हेतु जन्म समय, जन्म स्थान आदि का विशेष महत्त्व होता है। वैदिक विधि से नामकरण नक्षत्र नाम, गुप्त नाम, व्यावहारिक नाम याज्ञिक नाम आदि के आधार पर रखा जाता रहा है। यहाँ पर दी गई जानकारी सामान्य जानकारी है, नाम रखने से पूर्व हिन्दू मान्यता के आधार पर योग्य ज्योतिषी से सम्पूर्ण गणना के उपरान्त ही शिशु का नामकरण करें। 
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1 टिप्पणी

  1. Bahut hi vadhiya 😊