मन मस्त हुआ तब क्यों बोले लिरिक्स Man Mast Hua Tab Kyo Bole Lyrics Kabir Bhajan Lyrics with Hindi Meaning, Kabir Bhajan
Bhajan Meaning भजन मीनिंग : मन मस्त हो गया है प्रेम रस में, अब वह परिपूर्ण है। वह तृप्त है इसलिए इन्द्रियों का कोई महत्त्व नहीं रह गया है। अभिव्यक्ति भी शून्य हो गई है। चारों तरफ सन्नाटा है लेकिन भी अनहद संगीत बज रहा है जिसे कोई प्रेमी ही सुन सकता है। यह अनुभूति का विषय है, जिसे वर्णन नहीं किया जा सकता है। हीरा पाया है, अब इसे खोलकर क्या देखें, और क्यों देखें। अब मन मस्त हो चूका है बोलने को कुछ शेष रहा ही नहीं। जब मानसरोवर मिल गया तो छोटे छीलर (तैलया) में कौन डोले। सम्पूर्ण हो जाने का भाव है की प्रेम रस को बिना तौले ही पी लिया गया है। तात्विक और शास्त्रीय ज्ञान का दम्भ भरने वालों पर व्यंग्य है की "साहिब" तो तिल के पीछे छिपा हुआ मिल गया है, तुम कहाँ व्यर्थ में उसे जंगल पहाड़, तप और जटिल क्रियाओं में ढूंढ रहे हो -सत श्री साहेब।
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
हीरा पायो, गाँठ गठियायो,
बार बार वाको,क्यों खोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
हल्की थी तब चढ़ी तराजू,
पूरी भई तब क्यों तौले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
सुरति कलारी भई मतवारी,
मदवा पी गई बिन तौले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
हँसा पाय मानसरोवर,
ताल तलैया क्यों डोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
तेरा साहेब है घट में,
बाहर नैना क्यों खोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
साहेब मिल गए तिल ओले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
हीरा पायो, गाँठ गठियायो,
बार बार वाको,क्यों खोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
हल्की थी तब चढ़ी तराजू,
पूरी भई तब क्यों तौले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
सुरति कलारी भई मतवारी,
मदवा पी गई बिन तौले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
हँसा पाय मानसरोवर,
ताल तलैया क्यों डोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
तेरा साहेब है घट में,
बाहर नैना क्यों खोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
साहेब मिल गए तिल ओले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले,
मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले।
मन मस्त हुआ तब क्यो बोले । Sadguru Kabir Bhajan | विहंगम योग
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole,Heera Paayo, Gaanth Gathiyaayo,
Baar Baar Vaako,kyon Khole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole,
Halkee Thee Tab Chadhee Taraajoo,
Pooree Bhee Tab Kyon Taule,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole.
Surati Kalaaree Bhee Matavaaree,
Madava Pee Gaee Bin Taule,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole.
Hansa Paay Maanasarovar,
Taal Talaiya Kyon Dole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole.
Tera Saaheb Hai Ghat Mein,
Baahar Naina Kyon Khole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole.
Kahe Kabeer Suno Bhaee Saadho,
Saaheb Mil Gae Til Ole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole,
Man Mast Hua, Tab Kyon Bole.
मन मस्त हुआ तब क्यों बोले ... I Pujya Prembhushanji Maharaj I New Bhajan
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