मेवाड़ी राणा जी भजना सूं लागे मीरा मीठी Mewadi Raana Ji Bhajana Su Laage

मेवाड़ी राणा जी भजना सूं लागे मीरा मीठी लिरिक्स Mewadi Raana Ji Bhajana Su Laage Meera Bai Bhajan Meaning

यह एक पारम्परिक मीरा बाई का भजन है जिसमे मीरा बाई अपने पति को हरि सुमिरण का महत्त्व समझाते हुए कहती हैं की भजनों के कारण ही मीरा सभी को मीठी लगती हैं। इस भजन का हिंदी अर्थ निचे दिया गया है।  
 
मेवाड़ी राणा जी भजना सूं लागे मीरा मीठी लिरिक्स Mewadi Raana Ji Bhajana Su Laage Meera Bai Bhajan Meaning

भजना सूं लागे मीरा मीठी,
मेवाड़ी राणा जी,
भजना सूं लागे मीरा मीठी,
मेवाड़ी रे राणा जी,
भजना सूं लागे मीरा मीठी।

का तो मीरा तेरा रमईयो बता दे,
नी तो बता रे सारी झूठ,
मेवाड़ी रे राणा जी,
भजना सूं लागे मीरा मीठी।

म्हारो तो रमियो रे,
घट घट बसे,
थारी हिये री क्यों फूटि,
मेवाड़ी रे राणा जी,
भजना सूं लागे मीरा मीठी।

म्हारो तो रमियो रे,
सिर के रो सेवरो,
तू तो कर री अँगूठी,
मेवाड़ी रे राणा जी,
भजना सूं लागे मीरा मीठी।

संकड़ी गली मैं,
राणा जी मिलियो,
मीरा फिर गी अपूठी,
मेवाड़ी रे राणा जी,
भजना सूं लागे मीरा मीठी।

कह मीरा बाई प्रभु,
गिरधर नागर,
हर चरणा की दासी,
मेवाड़ी रे राणा जी,
भजना सूं लागे मीरा मीठी। 


Bhajno Su Laage Meera Meethi I Antar Khan I Meera Bhajan I Rajasthan Kabir Yatra

Bhajana Su Laage Meera Mithi,
Mevaadee Raana Jee,
Bhajana Su Laage Meera Mithi,
Mevaadee Re Raana Jee,
Bhajana Su Laage Meera Mithi.

Ka To Meera Tera Rameeyo Bata De,
Nee To Bata Re Saaree Jhooth,
Mevaadee Re Raana Jee,
Bhajana Su Laage Meera Mithi.

Mhaaro To Ramiyo Re,
Ghat Ghat Base,
Thaaree Hiye Ree Kyon Phooti,
Mevaadee Re Raana Jee,
Bhajana Su Laage Meera Mithi.

Mhaaro To Ramiyo Re,
Sir Ke Ro Sevaro,
Too To Kar Ree Angoothee,
Mevaadee Re Raana Jee,
Bhajana Su Laage Meera Mithi.

Sankadee Galee Main,
Raana Jee Miliyo,
Meera Phir Gee Apoothee,
Mevaadee Re Raana Jee,
Bhajana Su Laage Meera Mithi.

Kah Meera Baee Prabhu,
Giradhar Naagar,
Har Charana Kee Daasee,
Mevaadee Re Raana Jee,
Bhajana Su Laage Meera Mithi.

मेवाड़ी राणा जी भजना सूं लागे मीरा मीठी हिंदी मीनिंग
 
भजना सूं लागे मीरा मीठी : भजनों के कारण ही मीरा मीठी लगती है। ईश्वर भक्ति का महत्त्व है की मीरा बाई सभी को प्रिय लगती हैं। यह कथन मीरा बाई अपने पति को समझाते हुए कहती हैं।
मेवाड़ी राणा जी : हे मेवाड़ के राणा जी।
का तो मीरा तेरा रमईयो बता दे : मीरा बाई से उनके पति कहते हैं की या तो तुम अपने ईश्वर (रमईयो) को प्रत्यक्ष रूप से दिखा दो।
नी तो बता रे सारी झूठ : नहीं तो तुम्हारी सारी बातें/भजन झूठ हैं।
म्हारो तो रमियो रे घट घट बसे : मेरे ईश्वर तो घट घट (सभी के हृदय) में बसते हैं, रहते हैं।
थारी हिये री क्यों फूटि, मेवाड़ी रे राणा जी : मेवाड़ के राणा जी आपके हृदय की आँखें क्यों फूटी हुई हैं। आपको अपने हृदय में ईश्वर क्यों नहीं दिखाई देते हैं।
सिर के रो सेवरो, तू तो कर री अँगूठी : मेरे ईश्वर तो सरमौर (सेवरो) हैं और आप हाथों की अंगूठी हैं।
संकड़ी गली मैं, राणा जी मिलियो, मीरा फिर गी अपूठी : संकरी गली में राणा जी मिल गए। इस पर मीरा बाई मुड़ गई। भाव है की मीरा बाई राणा जी कोई रूचि नहीं लेती हैं।
कह मीरा बाई प्रभु, गिरधर नागर हर चरणा की दासी: मीरा बाई कहती हैं की उनके प्रभु तो गिरधर नागर हैं। और वे हरी चरणों की दासी हैं।
 
Singer & Harmonium : Antar Khan, Pugal
Tabla : Naval Shrimali
Manjira : Mir Basu Barkat Khan
Camera: Puneet Jajra
 
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