कबीर देख्या एक अंग महिमा कही न जाइ हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

कबीर देख्या एक अंग महिमा कही न जाइ मीनिंग Kabir Dekhya Ek Ang Kabir Ke Dohe

कबीर देख्या एक अंग, महिमा कही न जाइ।
तेज पुंज पारस धणों, नैनूँ रहा समाइ॥

Kabir Dekhya Ek Ang, Mahima Kahi Na Jaai,
Tej Punj Paras Dhano, Nainu Raha Samaai.
 
कबीर देख्या एक अंग, महिमा कही न जाइ। तेज पुंज पारस धणों, नैनूँ रहा समाइ॥

 
कबीर दोहा/साखी हिंदी शब्दार्थ मीनिंग Kabir Doha/Sakhi Hindi Shabdaarth Meaning
  • देख्या एक अंग -पूर्ण ब्रह्म को एक अंग की भाँती देखना।
  • महिमा कही न जाइ - जिसकी महिमा को कहा नहीं जा सकता है।
  • तेज पुंज : प्रकाश का पुंज, प्रकाश का समूह।
  • पारस - पारस पत्थर।
  • धणों - खूब।
  • नैनूँ  - आखों से।
  • रहा समाइ-समां गया है।

कबीर दोहा/साखी हिंदी मीनिंग Kabir Doha/Sakhi Hindi Meaning
 
पूर्ण ब्रह्म की महिमा को देखा लेकिन उसकी महिमा के विषय में वर्णन नहीं किया जा सकता है। वह अमित और प्रकाशवान है जिसकी महिमा का वर्णन कर पाना सम्भव नहीं होता है। ऐसा पूर्ण परम ब्रह्म प्रकाश के पुंज और पारस की भाँती से है जिसे समझ पाना सम्भव नहीं है। वह अपने प्रभाव से ही साधक को स्वर्ण में तब्दील कर देता है। ऐसा पूर्ण ब्रह्म मेरे नयन में समां चूका है। 
 
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