कबीर दिल स्याबति भया मीनिंग Kabir Dil Syabit Bhaya Meaning
कबीर दिल स्याबति भया, पाया फल सम्रथ्थ।
सायर माँहि ढंढोलताँ, हीरै पड़ि गया हथ्थ॥
सायर माँहि ढंढोलताँ, हीरै पड़ि गया हथ्थ॥
Kabir Dil Syabit Bhaya, Paaya Phal Samrath,
Sayar Mahi Dhindholta, Heere Padi Gaya Hathh
- दिल - हृदय, चित्त।
- स्याबति - साबुत, पूर्ण।
- भया - हुआ।
- पाया -प्राप्त किया।
- सम्रथ्थ - समर्थ, अनुपम, अद्भुद।
- सायर -सागर, जगत, भवसागर।
- माँहि - के अंदर।
- ढंढोलताँ - ढूंढते हुए।
- हीरै - अनमोल रतन
- पड़ि गया - हाथ लग गया।
- हथ्थ -हाथ, हाथ लगने/प्राप्त होने के भाव में।
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग
साधक भक्ति में पूर्ण हो गया है, भक्ति रूपी रत्न को पाकर वह आनंदित हो उठा है। वह तो जगत में ऐसे ही व्यर्थ की खोजबीन में व्यस्त था लेकिन ईश्वर नाम रूपी अमूल्य रत्न उसके हाथों में पड़ गया।
उल्लेखनीय है की कबीर साहेब मानते हैं की जगत में रहकर भी उस पूर्ण परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है। पूर्ण समर्थ ब्रह्म रूपी रत्न जगत में रहते हुए ही साधक के हाथ लग गया है। अब साधक को किसी अन्य वस्तु की आवश्यकता समाप्त हो गई है। वह जगत में रहते हुए भी जगत से अलगाव की मुद्रा में है जो फकीरी है। इस दोहे में रूपकातिश्योक्ति अलंकार की सफल व्यंजना हुई है।
उल्लेखनीय है की कबीर साहेब मानते हैं की जगत में रहकर भी उस पूर्ण परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है। पूर्ण समर्थ ब्रह्म रूपी रत्न जगत में रहते हुए ही साधक के हाथ लग गया है। अब साधक को किसी अन्य वस्तु की आवश्यकता समाप्त हो गई है। वह जगत में रहते हुए भी जगत से अलगाव की मुद्रा में है जो फकीरी है। इस दोहे में रूपकातिश्योक्ति अलंकार की सफल व्यंजना हुई है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- पाचँ पहर धन्धे गया तीन पहर गया सोय हिंदी मीनिंग Panch Pahar Dhandhe Gaya
- कबीर हमारा कोई नहीं हम काहू के नाहिं हिंदी मीनिंग Kabir Hamara Koi Nahi
- कोइ एक राखै सावधां चेतनि पहरै जागि हिंदी मीनिंग Koi Ek Rakhe Savadha
- मन के हारे हार है मन के जीते जीत हिंदी मीनिंग Man Ke Hare Haar Hai
- जो घट प्रेम न संचरे जो घट जान मसान हिंदी मीनिंग Jo Ghat Prem Na Sanchre
- मन जाणे सब बात जाणत ही औगुण करै हिंदी मीनिंग Man Jane Sab Baat