पाचँ पहर धन्धे गया तीन पहर गया सोय हिंदी मीनिंग
पाचँ पहर धन्धे गया, तीन पहर गया सोय।
एक पहर हरी नाम बिन, मृत्यु कैसे होय॥
Panch Pahar Dhandhe Gaya, Teen Pahara Gaya Soy,
Ek Pahar Hari Naam Bin, Mrityu Kaise Hoy.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
इस दोहे में संत कबीर दास जी ने लोगों की सांसारिकता पर व्यंग्य किया है। वे कहते हैं कि लोग अपने जीवन कबीर साहेब की वाणी/सन्देश है की पांच पहर व्यक्ति काम पर जाता है, धंधे में व्यस्त रहता है। तीन पहर वह सोकर बीता देता है और एक पहर भी हरी का नाम नहीं लेता है। ऐसे में कैसे वह मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।के अधिकांश समय को काम और नींद में बिता देते हैं। उनके पास ईश्वर के लिए समय नहीं होता है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
|