सुरति समाँणो निरति मैं अजपा माँहै जाप मीनिंग Surati Samano Nirati Me Kabir Dohe Hindi Meaning

सुरति समाँणो निरति मैं अजपा माँहै जाप मीनिंग Surati Samano Nirati Me Kabir Dohe Hindi Meaning

सुरति समाँणो निरति मैं, अजपा माँहै जाप।
लेख समाँणाँ अलेख मैं, यूँ आपा माँहै आप॥
Surati Samano Nirati Me, Ajapa Mahe Jaap,
Lekh Samano Alekh Main, Yu Aapa Mahe Aap.

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Word Meaning.

सुरति : आत्मा, चित्त की प्रवृति.
समाँणो : समा गई है.
निरति मैं : संसार से अलगाव.
अजपा : बिना जाप का, जिसका जाप नहीं किया गया है, मौन ध्यान.
लेख : प्रत्यक्ष और साकार.
समाँणाँ : समा गया है.
अलेख मैं : निराकार में.
आपा : ब्रह्म, पूर्ण परम ब्रह्म.
माँहै : के अन्दर.

कबीर दोहा/साखी हिंदी मीनिंग kabir Doha/Sakhi Hindi Meaning.

इस दोहे का भाव है की इंगला और पिंगला एक हो गई हैं और नाम जाप की वृति अब मौन में बदल चुकी है. इस अवस्था में साकार और निराकार एक हो गए हैं, अब केवल निराकार ही शेष रह गया है. अब राम नाम जाप अब सतत और निरंतर सुमिरण होकर स्थाई हो गया है. इस प्रकार से आत्मा और पूर्ण परमात्मा एकाकार हो गए हैं. इस अवस्था में मौखिक जाप का कोई महत्त्व शेष नहीं रह जाता है.

यह चित्त में समां जाता है और यही सहज भक्ति का रूप भी है, जहाँ पर किसी बाह्य और भौतिक क्रियाओं का कोई महत्त्व शेष नहीं रह जाता है. बगैर राम जपे ही जाप संपन्न हो जाता है, यही भक्ति की सर्वोच्च अवस्था है. ऐसी स्थिति में उसके स्वांस स्वांस में राम व्याप हो जाता है, अंग अंग में राम व्याप्त हो जाता है. भौतिक जगत में रहकर भी वह इस जगत से प्रथक हो जाता है. लेख अलेख में समा जाता है.
+

एक टिप्पणी भेजें