ओढ भरम रो भाखलियो भजन लिरिक्स हिंदी मीनिंग Odh Bharam Ro Bhakaliyo Lyrics Meaning

ओढ भरम रो भाखलियो भजन लिरिक्स Odh Bharam Ro Bhakaliyo Lyrics Meaning, Rajsthani Bhajan Hindi Meaning Chetawani Bhajan by Raam Niwas Raav



Latest Bhajan Lyrics

रामनिवास राव जी के स्वर में यह एक राजस्थानी चेतावनी भजन है जिसका हिंदी अर्थ/मीनिंग निचे दिया गया है।
नर गाफल काई सुतो जी,
ओढ भरम रो भाखलियो,
ईश्वर गुण गावत गावत,
मालिक रा गुण गावत गावत,
एड़ो काई आयो थाने थाकलियो,
नर गाफल काई सुतो जी,
ओढ भरम रो भाखलियो।

सत री संगत में कबहुँ नहीं बैठे,
मूरख में मन में नी टेंटें,
ज्यूं ज्यूं पाप पुरबला चेंटें,
सांझ पड़ी घर सो रहियो रै,
सोय ने फाड़ियो बाकलियो,
नर गाफल काई सुतो जी,
ओढ भरम रो भाखलियो।

मूरख मन में राजी बाजी,
हँस हँस बातां बणावे ताजी,
जनम दियो रे माता थारी लाजी,
हार गया रै तू जीतोड़ि बाजी,
स्वर्गपुरी ने छोड़ ने, बंदा,
नरकपुरी घोडो हाँकलियो,
ओढ भरम रो भाखलियो,
ईश्वर गुण गावत गावत,
ईश्वर गुण गावत गावत,
मालिक रा गुण गावत गावत,
एड़ो काई आयो थाने थाकलियो,
नर गाफल काई सुतो जी,
ओढ भरम रो भाखलियो।

स्वार्थ काज दसों दिस भटकें,
पुन्न री बेला पइसो अटके,
ओहि सवाल म्हारे कालजे में खटके,
साधु देखत लारे रटके,
अमृत ने छोड़ ने बंदा,
जहर हळाहळ चाख लियो,
ओढ भरम रो भाखलियो
ओढ भरम रो भाखलियो,
ईश्वर गुण गावत गावत,
ईश्वर गुण गावत गावत,
मालिक रा गुण गावत गावत,
एड़ो काई आयो थाने थाकलियो,
नर गाफल काई सुतो जी,
ओढ भरम रो भाखलियो।

बैल रो भाई, पशु रो साथी,
सींग पूंछ क्यारों नहीं टाकी,
चीजा चार घटे थारे बाकी,
नाथ मोरी और बांधनियों
खूटें ने नाखियो खाखलियो,
ओढ भरम रो भाखलियो,
नर गाफल काई सुतो जी,
ईश्वर गुण गावत गावत,
मालिक रा गुण गावत गावत,
एड़ो काई आयो थाने थाकलियो,
नर गाफल काई सुतो जी,
ओढ भरम रो भाखलियो।

कहे दानाराम सुणो मोरे प्यारे,
मालिक हिसाब लेवे न्यारे न्यारे,
होठ कंठ चिप ज्याई रै थारे,
ईश्वर रे तू सन्मुख हुवेला,
कीकर बतावेला नाकलियो,
ओढ भरम रो भाखलियो,
नर गाफल काई सुतो जी,
ईश्वर गुण गावत गावत,
मालिक रा गुण गावत गावत,
एड़ो काई आयो थाने थाकलियो,
नर गाफल काई सुतो जी,
ओढ भरम रो भाखलियो। 

नर गाफल काई सुतो जी : जीवात्मा से संवाद है की नर, तुम ग़ाफ़िल (बेफिक्र) होकर क्या सो रहे हो ?
ओढ भरम रो भाखलियो : तुमने भ्रम का भाखालिया ओढ़ लिया है। भाखालिया ऊंट के बालों से निर्मित मोटा चददर नुमा एक कंबल होता है जो इतना मोटा होता है की वह वायुरोधी और पानिरोधी भी होता है।
ईश्वर गुण गावत गावत, एड़ो काई आयो थाने थाकलियो : ईश्वर के ऐसे तुमने कितने/कैसे गुण गा लिए की तुम थक गए हो। भाव है की ईश्वर के गुण गाने में तुम थक क्यों गए हो।
नर गाफल काई सुतो जी : नर तुम गाफिल होकर क्यों सो रहे हो।
सत री संगत में कबहुँ नहीं बैठे : तुम सत्य/सत्संगत में कभी नहीं बैठे हो।
मूरख में मन में नी टेंटें : तुम मूर्खों की भाँती मन ही मन अपने कपट को रखते हो। टेटे से आशय व्यर्थ की बातें होती हैं।
ज्यूं ज्यूं पाप पुरबला चेंटें, सांझ पड़ी घर सो रहियो रै : जीवात्मा पुण्य कमाने आई थी लेकिन पूर्व के कर्मों का फल कुकर्मों के कारण अधिकता से पुनः इसके चिपक जाते हैं। सांझ / सांय होने पर वह पुनः घर पर सोता है।
सोय ने फाड़ियो बाकलियो : सोकर उसने वस्त्र को फाड़ दिया है।
मूरख मन में राजी बाजी, हँस हँस बातां बणावे ताजी : जीवात्मा अपनी मूर्खता के कारण मन ही मन में राजी होता है और वास्तविकता से दूर भागता है। वह मन ही मन में राजी होकर तरह तरह की बातें बनाता है।
जनम दियो रे माता थारी लाजी, हार गया रै तू जीतोड़ि बाजी : जिस माता ने तुमको जनम दिया है वह लाज मरती है, शर्मशार होती है। इस प्रकार ईश्वर से दूर जाकर तुमने जीती हुई बाजी भी हार ली है।
स्वर्गपुरी ने छोड़ ने, बंदा, नरकपुरी घोडो हाँकलियो : तुमने स्वर्ग की राह को छोड़कर नरक की तरफ अपना घोडा हाँक लिया है।
स्वार्थ काज दसों दिस भटकें, पुन्न री बेला पइसो अटके : माया के भरम में पड़कर, अपने स्वार्थ से वशीभूत होकर वह दसो दिशाओं में भटकता  रहता है। पुण्य करने के वक़्त पैसों पे आकर अटक जाता है, पैसे खर्च नहीं होते हैं तुमसे धार्मिक कार्यों में।
ओहि सवाल म्हारे कालजे में खटके : यही सवाल तुम्हारे हृदय में खटकता रहता है की कहीं पैसे धेले खर्च ना हो जाएं।
साधु देखत लारे रटके, अमृत ने छोड़ ने बंदा : साधू को देखकर वह पीछे की तरफ हट जाता है। राम रूपी अमृत को छोड़कर वह।
जहर हळाहळ चाख लियो : जहर का प्याला ग्रहण करता है। सरेआम/निर्भीक होकर, बेधड़क होकर जहर का प्याला पिता है।
बैल रो भाई, पशु रो साथी,  सींग पूंछ क्यारों नहीं टाकी : ऐसे में प्रश्न है की तुम्हारे और पशु में क्या अंतर रह गया है, कुछ नहीं तुम बैल के भाई और पशुओं के ही संगी साथी लगते हो। आश्चर्य है की ईश्वर ने तुम्हारे सींग और पूंछ क्यों नहीं टांग दी।
चीजा चार घटे थारे बाकी,  नाथ मोरी और बांधनियों : चार वस्तुओं का ही अभाव है नहीं तो तुम पूर्ण पशु ही हो। जानवर के नाक में नाथ, नियन्त्र हेतु लकड़ी की नाथ, मोरी-नाथ से बंधी रस्सी जिसे खींच कर पशु को नियंत्रण में रखा जाता है और खूंटा (बांधनिया) .
खूटें ने नाखियो खाखलियो : और क्यों नहीं तुमको खूंटे पर बांधकर खाखलियो (चारा, सूखा चारा जो पशु खाते हैं )
कहे दानाराम सुणो मोरे प्यारे : दाना राम जी भक्त कहते हैं की मेरे प्रिय सुनो।
मालिक हिसाब लेवे न्यारे न्यारे : ईश्वर सभी से उनके कर्मों का व्यक्तिगत रूप से हिसाब लेता है।
होठ कंठ चिप ज्याई रै थारे : बुढ़ापे में तुम्हारे होंठ और कंठ/गला सूख कर चिपक जाएंगे।
ईश्वर रे तू सन्मुख हुवेला : एक रोज तुमको ईश्वर के सन्मुख होना पड़ेगा।
कीकर बतावेला नाकलियो कैसे/कीकर तुम अपने नाक को दिखाओगे। नाक दिखाना से आशय है की तुम वहां पर कैसे स्वंय का मुखड़ा दिखाओगे। नाक स्वाभिमान का भी प्रतीक है तो तुम कैसे उसका सामना कर पाओगे।  

रामनिवास राव न्यू भजन ओढ़ भरम रो भाकलियो Odh Bharam Ro Bhakliyo Ramniwas Rao रामनिवास राव भजन 2020

Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo,
ishvar Gun Gaavat Gaavat,
Maalik Ra Gun Gaavat Gaavat,
Edo Kai Aayo Thaane Thaakaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo.

Sat Ri Sangat Mein Kabahun Nahin Baithe,
Murakh Mein Man Mein Ni Tenten,
Jyun Jyun Paap Purabala Chenten,
Saanjh Padi Ghar So Rahiyo Rai,
Soy Ne Phaadiyo Baakaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo.

Murakh Man Mein Raaji Baaji,
Hans Hans Baataan Banaave Taaji,
Janam Diyo Re Maata Thaari Laaji,
Haar Gaya Rai Tu Jitodi Baaji,
Svargapuri Ne Chhod Ne, Banda,
Narakapuri Ghodo Haankaliyo,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo,
ishvar Gun Gaavat Gaavat,
ishvar Gun Gaavat Gaavat,
Maalik Ra Gun Gaavat Gaavat,
Edo Kai Aayo Thaane Thaakaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo.

Svaarth Kaaj Dason Dis Bhataken,
Punn Ri Bela Paiso Atake,
Ohi Savaal Mhaare Kaalaje Mein Khatake,
Saadhu Dekhat Laare Ratake,
Amrt Ne Chhod Ne Banda,
Jahar Halaahal Chaakh Liyo,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo,
ishvar Gun Gaavat Gaavat,
ishvar Gun Gaavat Gaavat,
Maalik Ra Gun Gaavat Gaavat,
Edo Kai Aayo Thaane Thaakaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo.

Matalab Kaaj Dashon Dish Bhatake,
Uth Parabhaate Jaave Jhatake,
Pun Ri Vela Paiso Atake ,
Saanjh Padyaan So Jaay Re ,
Thu Phaad Munde Ro Baakaliyo .
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
ishvar Gun Gaavat Gaavat,
Maalik Ra Gun Gaavat Gaavat,
Edo Kai Aayo Thaane Thaakaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo.

Bail Ro Bhai, Pashu Ro Saathi,
Sing Punchh Kyaaron Nahin Taaki,
Chija Chaar Ghate Thaare Baaki,
Naath Mori Aur Baandhaniyon
Khuten Ne Naakhiyo Khaakhaliyo,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
ishvar Gun Gaavat Gaavat,
Maalik Ra Gun Gaavat Gaavat,
Edo Kai Aayo Thaane Thaakaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo.

Kahe Daanaaraam Suno More Pyaare,
Maalik Hisaab Leve Nyaare Nyaare,
Hoth Kanth Chip Jyai Rai Thaare,
ishvar Re Tu Sanmukh Huvela,
Kikar Bataavela Naakaliyo,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
ishvar Gun Gaavat Gaavat,
Maalik Ra Gun Gaavat Gaavat,
Edo Kai Aayo Thaane Thaakaliyo,
Nar Gaaphal Kai Suto Ji,
Odh Bharam Ro Bhaakhaliyo.
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