मैं तो उण रे संता रो हूँ दास लिरिक्स

मैं तो उण रे संता रो हूँ दास लिरिक्स

मैं तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया,
ओ म्हे तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया,
मार लिया, मनड़ा मार लिया,
मैं तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया।

मन मारीयां तन वश किया,
भई भरमना दूर,
बाहर तो कुछ दिखत नाहीं,
अरे बाहर तो कुछ दिखत नाहीं,
भीतर बरसे नूर,
जिन्होंने मन मार लिया,
मैं तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया।

आपा मार जगत में बैठा,
नहीं किसी से काम,
आपा मार जगत में बैठा,
नहीं किसी से काम,
उन में तो कुछ अंतर नाहीं,
संत कहो चाहे राम,
जिन्होंने मन मार लिया,
मैं तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया।

प्याला पाया प्रेम का,
छोड़ जगत मोह,
प्याला पाया प्रेम रा,
छोड़ जगत मोह,
म्हानें सतगुरु ऐसा मिलया,
म्हाने सतगुरु ऐसा मिलिया,
सहजे मुक्ति होय,
जिन्होंने मन मार लिया,
मैं तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया।

नरसी जी रा सतगुरु स्वामी,
दिया अमी रस पाय,
नरसी जी रा सतगुरु स्वामी,
दिया अमी रस पाय,
एक बूंद सागर में मिलगी,
क्या तो करे जमदूत,
जिन्होंने मन मार लिया,
मैं तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया।

मैं तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया,
ओ म्हे तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया,
मार लिया, मनड़ा मार लिया,
मैं तो उण रे संता रो हूँ दास,
जिन्होंने मन मार लिया।

बोहत ही सूंदर गुरु महिमा - उन रे संता रो मनड़ा मार लिया | मारवाड़ी देसी भजन 2019 - सुनकर आनंद आजायेगा

Main To Un Vo (Re) Saadha Vaalo Daas (Santa Ro Hun Daas
Jinhonne Man Maar Liya,
O Meto Un Re Santa Ro Hun Daas,
Jinhonne Man Maar Liya,
Are Maar Liya Manada Maar Liya,
Maar Liya Manada Maar Liya,
O Meto Un Re Santa Ro Hun Daas,
Jinhonne Man Maar Liya..
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post