म्हारा सतगुरु बणिया भेदिया लिरिक्स Mhara Satguru Baniya Bhediya Lyrics

म्हारा सतगुरु बणिया भेदिया लिरिक्स Mhara Satguru Baniya Bhediya Lyrics Satguru Dev Bhajan (Guru Bhajan)

ओ म्हारा सतगुरु बणिया भेदिया है,
ओ म्हारी नाड़ी रे पकड़ी हाथ,
म्हारां धिन गुरु बणिया भेदिया है,
उण नाड़ी में लहार उपजे
हियो हिलोडो खाय,
गुरु म्हाने ज्ञान दई ग्या
ओ म्हारा तन बिच दीन्यो लखाय,
सुमिरण चेतन करी ग्या

ओ म्हारा सतगुरु आंगण रुखड़ी रे,
लीज्यो रे सब कोय,
ओ म्हारा सतगुरु आंगण रुखड़ी है,
लीज्यो रे सब कोय,
अवगुण ऊपर गुण करे,
वा अवगुण ऊपर गुण करे,
म्हारा सभी पाप झड़ जाय
गुरु म्हाने ज्ञान दई ग्या
ओ म्हारा तन बिच दीन्यो लखाय,
सुमिरण चेतन करी ग्या।

म्हारा सतगुरु सोना सोलमो रे,
वामे रति ना लागे दाग,
म्हारा धन गुरु सोना सोलमो रे,
वामे रति ना लागे दाग,
सतगुरु भाला रोपिया,
म्हारा सतगुरु भाला रोपिया,
म्हाने लाग्या कलेजा रे माय,
ओ म्हारा तन बिच दीन्यो लखाय,
सुमिरण चेतन करी ग्या।

ऐजी भाव रूप फैले घणो रे,
और फैली रयो चौफेर
भरी सभा में बाटज्यो,
म्हारी आनंद सभा में बाटज्यो,
बाट्या घडेला होय,
गुरु म्हाने घायल कर गया,
ओ म्हारा तन बिच दीन्यो लखाय,
सुमिरण चेतन करी ग्या।

यो मन मोयलो चोरलो रे,
इणी सुरता रो कर लो तार,
सेवा गुरु अमृत को प्यालो,
सेवा गुरु अमृत रो प्यालो,
पियो थे म्हाने पिलाय
गुरु म्हाने घायल कर गया,
ओ म्हारा तन बिच दीन्यो लखाय,
सुमिरण चेतन करी ग्या।

ओ म्हारा सतगुरु बणिया भेदिया है,
ओ म्हारी नाड़ी रे पकड़ी हाथ,
म्हारां धिन गुरु बणिया भेदिया है,
उण नाड़ी में लहार उपजे
हियो हिलोडो खाय,
गुरु म्हाने ज्ञान दई ग्या
ओ म्हारा तन बिच दीन्यो लखाय,
सुमिरण चेतन करी गया।

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