यहु ऐसा संसार है जैसा सैबल फूल मीनिंग
यहु ऐसा संसार है जैसा सैबल फूल।
दिन दस के व्योहार को, झूठै रंगि न भूल॥
Yahu Aisa Sansaar Hai, Jaisa Saibal Phool,
Din Das Ke Vyovhaar Ko, Jhuthe Rangi Naa Bhool,
यहु ऐसा संसार है : यह संसार/जगत ऐसा है.
जैसा सैबल फूल : जैसे की सेमल का फूल.
दिन दस के व्योहार को : अल्प समय के लिए.
व्योहार : सांसारिक क्रियाएं, माया जनित व्यवहार।
झूठै रंगि न भूल : झूठे रंग में रंगकर, इश्वर को भूलो मत.
रंगि : माया के भरम का शिकार हो जाना।
यहु ऐसा संसार है जैसा सैबल फूल मीनिंग कबीर दोहा हिंदी मीनिंग
यह संसार एक तरह का छलावा है, छाद्मावरण है. यह संसार सेमल के फूल की तरह से है. जैसे सेमल का फूल देखने में, बाहर से तो बड़ा ही आकर्षक और सुन्दर दिखाई देता है लेकिन तोता जब उसके अन्दर चोंच मारता है तो कुछ भी खाने के लिए प्राप्त नहीं कर पाता है क्योंकि उसमे कोई तत्व ही नहीं होता है. ऐसे ही यह संसार है जो बाहर से तो बड़ा ही आकर्षक दिखाई देता है, सभी को लुभाता है लेकिन यथार्थ में इसमें कोई तत्व नहीं होता है. प्रस्तुत साखी में उपमा अलंकार की व्यंजना हुई है. भाव है की संसार एक छलावा है, जीवात्मा को सजग होकर अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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