मेहनत की कमाई को ऐसे ना लुटाना तू

मेहनत की कमाई को ऐसे ना लुटाना तू

मेहनत की कमाई को,
ऐसे ना लुटाना तू,
खर्चों को घटाकर के,
सेवा में लगाना तू।।

राई से राई मिले,
पर्वत बन जाता है,
जब बूँद से बूँद मिले,
सागर बन जाता है,
खुद को समर्थ करके,
दुनिया को दिखाना तू,
खर्चों को घटाकर के,
सेवा में लगाना तू।।

महँगाई के युग में,
पैसे का ही खेला है,
जिसने दौलत जोड़ी,
यहाँ उसका रेला है,
यूँ व्यर्थ गँवा करके,
पीछे पछताना तू,
खर्चों को घटाकर के,
सेवा में लगाना तू।।

जो खर्च ही करना है,
इंसान पे खर्च करो,
दीनों की मदद करो,
दुखियों के दर्द हरो,
ऐ ‘हर्ष’ तेरी माया,
नेकी में लगाना तू,
खर्चों को घटाकर के,
सेवा में लगाना तू।।

मेहनत की कमाई को,
ऐसे ना लुटाना तू,
खर्चों को घटाकर के,
सेवा में लगाना तू।।


मेहनत की कमाई ऐसे ना लुटाना रे | Best चेतावनी भजन | Mehnat Ki Kamaai Aise Na Lutana | Mukesh Bagda

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

 
यह भजन भी देखिये
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post