बाकी तेग कबीर की, अणि पड़े जो दो टूक, मारा मीर महाबली, ऐसी मूठ अचूक, बाक़ा गढ़का काम का, ना बाकी गढ़ की पोल काछ कबीरा निकसा जम सिर घाली रौल वांका गढ वाँका मता बाँकी गढ की पौलि । काछि कवीरा नीकसा जम सिर घाली रौलि । आशा तो एक नाम की, दूजी एक आस निरास, पाणी के माहीं घर करे, तो भी मरे पियास।
बांऊ अगाडी म्हारां वासा, धरमी, मैं तो सायब ने समझ कर नर क्यों,
पच पच मर गया कासा, रे कासा, बांऊ अगाडी म्हारा वासा रे धरमी, बांऊ अगाड़ी म्हारा वासा।
चौदह लोक जम चौदह बसत है, वहां लग काल का वासा, ज्योति स्वरूपी निरंजन देवा, अखे जोत के पासा, रे पासा, बांऊ अगाडी म्हारा वासा रे धरमी, बांऊ अगाड़ी म्हारा वासा।
Prahlad Singh Tipaniya Bhajan Lyrics in Hindi
सात शुन पर समरथ तकिया, अखे सुन्न परकासा, मेरा देश में रवि ना चंदा, नहीं धरण आकाश, रे आकाशा, बांऊ अगाडी म्हारा वासा रे धरमी, बांऊ अगाड़ी म्हारा वासा।
चेत देश म्हारों सदा फुलत है, बरसे सबद फुवासा, अमृत भोजन हँसा करत है, बैठ पुरुष के पासा, रे पासा,
बांऊ अगाडी म्हारा वासा रे धरमी, बांऊ अगाडी म्हारा वासा।
अमी कलश ज्यूं आप पुरुष है, आपेई आप एक रासा, कहै कबीर सुनो भाई साधू, छोड़े जगत की आसा, रे आशा, बांऊ अगाडी म्हारा वासा रे धरमी, बांऊ अगाड़ी म्हारा वासा।
Baaki Teg Kabir Ki, Ani Pade Jo Do Tuk, Maara Mir Mahaabali, Aisi Muth Achuk, Baaqa Gadhaka Kaam Ka, Na Baaki Gadh Ki Pol Kaachh Kabira Nikasa Jam Sir Ghaali Raul Vaanka Gadh Vaanka Mata Baanki Gadh Ki Pauli . Kaachhi Kavira Nikasa Jam Sir Ghaali Rauli . Aasha To Ek Naam Ki, Duji Ek Aas Niraas, Paani Ke Maahin Ghar Kare, To Bhi Mare Piyaas.