बड़ा प्यारा लागै है दरबार बाला जी भजन
बड़ा प्यारा लागै है, दरबार बाला जी,
हे, किस ने किया तेरा शृंगार, बाला जी,
बड़ा प्यारा लागै है, दरबार बाला जी,
बड़ा सोहणा लागे है, दरबार बालाजी।
केसरिया पटके पे श्री राम लिखाया है,
सिंदूर तेरे तन पे क्या ख़ूब सजाया है,
साँचे हैं फूलों के, गल हार बाला जी,
बड़ा प्यारा लागै है, दरबार बाला जी,
बड़ा सोहणा लागे है, दरबार बालाजी।
ये लाल लंगोटा है तेरे हाथ में सोटा है,
सब कहते हैं बाबा तू देव ना छोटा है,
शक्ति का तुझमे भण्डार बाला जी,
बड़ा प्यारा लागै है, दरबार बाला जी,
बड़ा सोहणा लागे है, दरबार बालाजी।
तेरे दर पे घूम रही लाखों नर नारी है,
तेरे नाम की भगतो पे छाई खुमारी है,
वो भगतों को देता तू प्यार बाला जी,
बड़ा प्यारा लागै है, दरबार बाला जी,
बड़ा सोहणा लागे है, दरबार बालाजी।
वो एसके पांचाल भी तेरी महिमा गा बैठा,
बस तुझको ही बाबा दिल में बसा बैठा,
क्यों करता राज मेहर जयकार बाला जी,
बड़ा प्यारा लागै है, दरबार बाला जी,
बड़ा सोहणा लागे है, दरबार बालाजी।