श्री कृष्ण की विरह में राधा है इतना रोई

श्री कृष्ण की विरह में राधा है इतना रोई

श्री कृष्ण की विरह में राधा है इतना रोई

श्री कृष्ण की विरह में राधा है इतना रोई
यमुना को कर दी काली, रोया ना इतना कोई।

आँखों से बहते आँसू, काजल को धो रहे हैं,
छाया अँधेरा जग में, ये कौन रो रहा है।

सूरज भी पड़े काले, काजल जो राधा धोई,
श्री कृष्ण की विरह में राधा है इतना रोई।

राधा ने अपनी नजर जब आसमां पे डाली,
बरसी गगन की बूंदें, बारिश की काली-काली।

मिलने की चाहत में, बरसों नहीं सोई,
श्री कृष्ण की विरह में राधा है इतना रोई।

अंतिम सांस है अटकी मिलने की आस में,
रो पड़े हैं कान्हा आके राधा के पास में।

देवता भी देख रहे प्रेम मिलन को,
काली कर डाली राधा ने यमुना के जल को।

राधा चली गई जब कन्हैया को छोड़ के,
मुरलियां धर बांसुरिया अपनी फेंक दी तोड़ के।

टूटी बांसुरिया देखे सुनी पायल को,
काली कर डाली राधा ने यमुना के जल को।

इस भजन में राधा की श्री कृष्ण के प्रति गहन प्रेम और विरह वेदना का वर्णन है, जो उनके आँसुओं से यमुना के जल को काला कर देने तक की कथा को दर्शाता है। 

दिल की धड़कने भी बंद होगई राधा की दर्द भरी दासता देख कर।आंसुओ से धोई काजल को | #SAD_SHYAM_BHAJAN

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