सुर नर थाके मुनि जनां मीनिंग Sur Nar Thake Muni Jana Meaning Kabir Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Meaning (Hindi Arth/Hindi Bhavarth)
सुर नर थाके मुनि जनां, जहाँ न कोई जाइ।मोटे भाग कबीर के, तहाँ रहे घर छाइ॥
Sur Nar Thake Muni Jana, Jaha Na Koi Jaai,
Mote Bhaag Kabir Ke, Tahan Rahe Ghar Chhaai.
Sur Nar Thake Muni Jana, Jaha Na Koi Jaai,
Mote Bhaag Kabir Ke, Tahan Rahe Ghar Chhaai.
सुर नर थाके मुनि जनां : सुर नर, मुनिजन (सभी थक गए हैं.)
जहाँ न कोई जाइ : जहाँ पर कोई नहीं जा सकता है.
मोटे भाग कबीर के : कबीर के भाग्य उज्ज्वल हैं, अच्छे हैं.
तहाँ रहे घर छाइ : उस स्थान पर कबीर साहेब रह रहे हैं.
जहाँ न कोई जाइ : जहाँ पर कोई नहीं जा सकता है.
मोटे भाग कबीर के : कबीर के भाग्य उज्ज्वल हैं, अच्छे हैं.
तहाँ रहे घर छाइ : उस स्थान पर कबीर साहेब रह रहे हैं.
कबीर साहेब की वाणी है की पूर्ण ब्रह्म को प्राप्त करना कोई आसान नहीं है. जिस ब्रह्म को प्राप्त करने में सुर मुनि और आम जन सभी थक गए हैं, जहाँ पर (शून्य शिखर) पर पंहुचना आसान कार्य नहीं है. ऐसे स्थान पर कबीर साहेब निवास कर रहे हैं और इसके लिए साहेब अपने भाग्य को अच्छा बता रहे हैं. भक्ति मार्ग अत्यंत ही विकट है. ऐसे स्थान पर कोई साधारण व्यक्ति शास्त्रीय आधार पर प्राप्त ज्ञान प्राप्त करके भी नहीं पंहुच सकता है. सहज साधना से कबीर साहेब ने ऐसे गूढ़ स्थान पर अपना घर बना लिया है और वहीँ रहने लगा है.
श्रेणी : कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |