साजन हम तुम एक हैं कबीर के दोहे भजन लिरिक्स

साजन हम तुम एक हैं कबीर के दोहे भजन लिरिक्स Sajan Hum Tum Ek Hain Lyrics : Kabir Dohe Ke Bhajan


साजन हम तुम एक हैं कबीर के दोहे भजन लिरिक्स Sajan Hum Tum Ek Hain Lyrics

साजन हम तुम एक हैं,
और कहन सुनन को दो,
मन से मन को तोलिये,
सो दो मन कभऊ ना हो।
 
जब मैं था तब हरि नहीं,
अब हरि हैं मैं नांहि,
सब अँधियारा मिटी गया,
जब दीपक देख्या माँहि।

भला हुआ मोरी गगरी फूटी,
मैं पनियां भरन से छूटी
मोरे सिर से टली बला।

चलती चाकी देखकर,
दिया कबीरा रोए,
दो पाटन के बीच यार,
साबुत बचा ना कोए।

चाकी चाकी सब कहें,
और कीली कहे ना कोए,
जो कीली से लाग रहे,
बाका बाल ना बीका होए।

भला हुआ मोरी माला टूटी,
मैं तो राम भजन से छूटी रे,
मोरे सर से टली बला।

मौला-मौला लाख पुकारे,
मौला हाथ न आए,
लफ़्जों से हम खेल रहे हैं,
माना हाथ न आए।

जो पानी के नाम को,
पानी जाने यह नादानी है,
पानी-पानी रटते-रटते,
प्यासा ही मर जाए।

राँझा राँझा कर दी नी,
मैं आपे राँझा होई,
सद्दो नी मैनूँ धीदो राँझा,
हीर ना आखो कोई।
 
 

इस भजन का हिंदी मीनिंग

साजन हम तुम एक हैं और कहन सुनन को दो : साजन (परमात्मा) हम (जीवात्मा) और तुम एक ही हैं, कहने और सुनने में भले ही हम दो हों।
मन से मन को तोलिये सो दो मन कभऊ ना हो : मन को मन में ही मिलने दो, एक समझो, ये दो मन नहीं हो सकते हैं, एक ही हैं।
 
जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि हैं मैं नांहि : जब तक जीवात्मा के अहम् होता है तब तक वह ईश्वर को नहीं जान सकता है। जब ईश्वर होता है तो अहम् / मैं समाप्त हो जाता है।
सब अँधियारा मिटी गया, जब दीपक देख्या माँहि : समस्त सांसारिक माया जनित अन्धकार समाप्त हो जाता है जब हृदय में ईश्वर के प्रकाश से बोध होता है।

भला हुआ मोरी गगरी फूटी, मैं पनियां भरन से छूटी मोरे सिर से टली बला : भक्त का कथन है की अच्छा हुआ जो मेरा घड़ा फूट गया है, अब मैं पानी भरने की बाध्यता से मुक्त हो गई हूँ। मेरे सर पे से एक बला टली। आशय है की अब जीवात्मा सांसारिक बंधनों से मुक्त हो गई है।

चलती चाकी देखकर, दिया कबीरा रोए : संसार के बंधनों रूपी चक्की चलती है जिसके दोनों पाटों में जीवात्मा पीसी जाती है।
दो पाटन के बीच यार, साबुत बचा ना कोए : संसार रूपी चक्की के पाटों के बीच में कोई भी साबुत नहीं बच पाया है।

चाकी चाकी सब कहें, और कीली कहे ना कोए : चक्की के विषय में सभी बातें करते हैं लेकिन उसकी धुरी कीली के विषय में कोई बात नहीं करता है।
जो कीली से लाग रहे, बाका बाल ना बीका होए : यदि धुरी को पकड़ लिया जाय तो उसका कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता है।

भला हुआ मोरी माला टूटी,
मैं तो राम भजन से छूटी रे,
मोरे सर से टली बला।

मौला-मौला लाख पुकारे,
मौला हाथ न आए,
लफ़्जों से हम खेल रहे हैं,
माना हाथ न आए।

जो पानी के नाम को, पानी जाने यह नादानी है : पानी को जो केवल पानी समझता है यह उसकी नादानी ही है।
पानी-पानी रटते-रटते, प्यासा ही मर जाए : प्यासा व्यक्ति पानी पानी ही कहते हुए मर जाता है। आशय है की पानी को प्राप्त करने के लिए प्रयत्न आवश्यक हैं। ईश्वर के स्वरुप और अस्तित्व को समझने की आवश्यकता है।

राँझा राँझा कर दी नी, मैं आपे राँझा होई : जीवात्मा कहती है की रांझा (ईश्वर) रांझा कहते कहते वह स्वंय ही रांझा ही हो गई है, वह ईश्वर में एकाकार हो गई है।
सद्दो नी मैनूँ धीदो राँझा, हीर ना आखो कोई : सभी मुझे रांझा कहो, मुझे अब कोई हीर ना कहें।

Meaning in English

साजन हम तुम एक हैं,
और कहन सुनन को दो,
मन से मन को तोलिये,
सो दो मन कभऊ ना हो।

Sajan (God), we (soul) and you are one, even if we say and hear two things. Let the minds meet in the mind only, consider them to be one, these two minds cannot exist, they are one.

जब मैं था तब हरि नहीं,
अब हरि हैं मैं नांहि,
सब अँधियारा मिटी गया,
जब दीपक देख्या माँहि।

As long as the soul has ego, it cannot know God. When God is there, ego/I ends. All the darkness caused by the worldly illusion ends when the heart is enlightened by the light of God.

भला हुआ मोरी गगरी फूटी,
मैं पनियां भरन से छूटी
मोरे सिर से टली बला।

The devotee says that it is good that my pot has broken, now I am free from the compulsion of filling water. A problem has been solved from my head. It means that now the soul is free from the worldly bonds.

चलती चाकी देखकर,
दिया कबीरा रोए,
दो पाटन के बीच यार,
साबुत बचा ना कोए।

The mill of the worldly bonds keeps running and the soul is crushed on both its stones. Friend, no one is left whole between the two stones: No one has been able to remain whole between the stones of the mill of the world.

चाकी चाकी सब कहें,
और कीली कहे ना कोए,
जो कीली से लाग रहे,

बाका बाल ना बीका होए।
Everyone talks about the mill but no one talks about its pivot and pivot. If the pivot is caught, no one can harm him.

जो पानी के नाम को,
पानी जाने यह नादानी है,
पानी-पानी रटते-रटते,
प्यासा ही मर जाए।

It is foolish to know that water is only water. A thirsty person dies saying water water. It means that efforts are necessary to get water. It is necessary to understand the nature and existence of God.

राँझा राँझा कर दी नी,
मैं आपे राँझा होई,
सद्दो नी मैनूँ धीदो राँझा,
हीर ना आखो कोई।

The soul says that by calling Ranjha (God) Ranjha, it has itself become Ranjha, it has become one with God. Everyone calls me Ranjha, no one calls me Heer now.

साजन हम तुम एक हैं कबीर के दोहे भजन लिरिक्स Sajan Hum Tum Ek Hain Lyrics




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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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