दीन हीन का दुःख हरने को, जन गण मङ्गल करने को, शक्ति प्रकटी झुन्झुन धाम, पतित पावन दादी नाम। [1] यह शक्ति है माँ जगदम्बा, यही भवानी दुर्गे अम्बा, नारायणी है इसका नाम, पतित पावन दादी नाम। [2] पीढी दर पीढी का रिश्ता, तब ही दादी नाम है इसका, कुल देवी को करो प्रणाम, पतित पावन दादी नाम। [3] है अमोध दादी की शक्ति, सदियों से करते सब भक्ति, पूजते हैं त्रिशूल निशान, पतित पावन दादी नाम। [4] माँ शक्ति का अलख जगाऊं, दादी माँ की बात बताऊं, है स्वयं शक्ति दुर्गा महान, पतित पावन दादी नाम। [5] जानत हैं सबही नर नारी, युद्ध हुआ महाभारत भारी, था वो धर्म कर्म संग्राम, पतित पावन दादी नाम। [6] कौरव पाण्डव हुई लडाई, लीला प्रभु ने अज़ब दिखाई, बने सारथी स्वयं भगवान, पतित पावन दादी नाम। [7] गीता में उपदेश दिया है, जग को यह संदेश दिया है, कर्म करो तज फल का ध्यान, पतित पावन दादी नाम। [8] जब जब धरती पे धर्म लुटेगा, और पाप का कर्म बढ़ेगा, अवतारेंगे श्री भगवान, पतित पावन दादी नाम। [9] अभिमन्यु अर्जुन का लाल, मंडराया जब उसका काल, कूदा रण में वह बलवान, पतित पावन दादी नाम। [10] चक्रव्यूह की लड़ी लडाई, वीर गति अभिमन्यु पाई, गया वीर वह तो सुरधाम, पतित पावन दादी नाम। [11] उत्तरा अभिमन्यु की नारी, पति धर्म का सत था भारी, उस देवी को करों प्रणाम, पतित पावन दादी नाम। [12] देख़ पति परलोक सिधारे, उत्तरा ने यों वचन उचारे, जीवन हुआ आज निष्प्राण, पतित पावन दादी नाम। [13] जाऊँ मैंं भी संग पति के, ख़ूब चढ़ा यह रंग मति पे, सत से मैंं भी करूँ प्रयाण, पतित पावन दादी नाम। [14] देख नारी का हट अति भारी, बोले प्रभु से सब नर नारी, करो समस्या का समाधान, पतित पावन दादी नाम। [15] प्रभु ने सबको यों समझाया, छोड़ों सबही मोह और माया, होगा वही जो विधि विधान, पतित पावन दादी नाम। [16] बोले फिर उत्तरा से जाय, ऐसी घड़ी अभी नहीं आई, कर तू धर्म कर्म का ध्यान, पतित पावन दादी नाम। [17] तू है गर्भवती एक नारी, फिर कैसे ये बात विचारी, सोच ले क्या होगा अंजाम, पतित पावन दादी नाम। [18] अब तजे जीवन पाप लगेगा, कोख़ से तेरे निशा मिटेगा, नहीं है इसमें तेरी शान, पतित पावन दादी नाम। [19] कोख से जो बालक जन्मेगा, नाम परीक्षित उसका होगा, बनेगा राजा बड़ा महान, पतित पावन दादी नाम। [20]
बजेगी जग़ में उसकी भेरी, सुन ले बात आज तू मेरी, होगा तेरा अमर निशान, पतित पावन दादी नाम। [21]
बात सुन उत्तरा चकराई, बोली प्रभु से मन सकुचाई, तेरी लीला तेरे नाम, पतित पावन दादी नाम। [22] प्रभु जी फिर दया कर बोले, थोड़ा सा मुस्कुरा कर बोले, सुन लो अब तुम अमर ज्ञान, पतित पावन दादी नाम। [23] निराकार ने दे आकार, किया शृष्टि का है श्रृंगार, स्वयं रहता है अंतर्ध्यान, पतित पावन दादी नाम। [24] जो आया है वह जायेगा, नहीं यहाँ पर रुक पायेगा, जड़ चेतन सब एक समान, पतित पावन दादी नाम। [25] सत की शक्ति तन मन आई, तब उसने यह व्यथा बताई, इच्छा होती बड़ी बलवान, पतित पावन दादी नाम। [26] जग को सत्य का भान कराऊं सत शक्ति पहचान बताऊँ, देवों अभिलाषा पर ध्यान, पतित पावन दादी नाम। [27] सत्य ही है सत का आधार, बोले जग के करुणाधार, इस से ही सब का कल्याण, पतित पावन दादी नाम। [28] जो अभिलाषा रही अधूरी, होगी वह कलयुग में पूरी, देता तुझे आज वरदान, पतित पावन दादी नाम। [29] अभिमन्यु तनधन दास बनेगा, वैश्य के घर में वह जन्मेगा, होगा नारायणी तेरा नाम, पतित पावन दादी नाम। [30]
युद्ध वहाँ पर होगा भारी, जब तू सत दिखलाना नारी, कर शत्रु का काम तमाम, पतित पावन दादी नाम। [31] शक्ति रुप वहाँ दिखलाना, जग के सारे कष्ट मिटाना, पूजेंगे सब सुबह शाम, पतित पावन दादी नाम। [32 ] संवत तेरह सौ अड़तीस, प्रकटी शक्ति कलयुग बीच, पूरण करने सत अभियान, पतित पावन दादी नाम । [33] कार्तिक शुक्ला अष्टमी बीती, आई नवमी की शुभ तिथि, मंगलवार जन्मी गुण खान, पतित पावन दादी नाम । [34] महम डोकवा जिला हिसार, अग्रवाल घर लिया अवतार, बतलाने सत की पहचान, पतित पावन दादी नाम । [35] सेठ गुरसामल था बड़ा नामी, जन्मी उसके घर नारायणी, माता का सुलोचना नाम, पतित पावन दादी नाम । [36] बचपन से ही गज़ब वो ढाए, होनहार के रंग दिखलाए, जल्दी पढ़ लिए वेद पुराण, पतित पावन दादी नाम । [37] राधा रुक्मण कृष्ण मुरारी, त्रिमूर्ति संग बात विचारी, आज चले लेने इम्तिहान, पतित पावन दादी नाम । [38] झट साधु का वेश बनाया, द्वारे आकर अलख जगाया, बोले जय जय सियाराम, पतित पावन दादी नाम । [39] माता ने की है अगुवाई, चरणों में गिर धोक लगाई, स्वीकारो मेरा प्रणाम, पतित पावन दादी नाम । [40]
बड़े भाग्य जो आए साई, बोली सेठाणी मुस्काई, देखों बेटी के दिनमान, पतित पावन दादी नाम । [41] बेटी बड़े भाग्य जन्मी है, बस इसमें तो एक कमी है, सूनी होगी जल्दी माँग, पतित पावन दादी नाम । [42] सुनकर माँ को मूर्छा आई, बेटी ने जब नैन मिलाई, झट से गई उन्हें पहचान, पतित पावन दादी नाम । [43] करती हूँ प्रणाम मैं सबको, असली रुप दिखाओं मुझकों, विनती सुन लो दया निधान, पतित पावन दादी नाम । [44]
Dadi Sati Bhajan Lyrics in Hindi
सबने अपना रुप दिखाया, नारायणी ने आशीष पाया, हो गए फिर वो अंतर्ध्यान, पतित पावन दादी नाम । [45] अभिमन्यू जो वीर कहाए, कलयुग में तनधन बन आए, जन्मे गाँव हिसार है नाम, पतित पावन दादी नाम । [46] बंसल गौत्र में जनम लिया है, और शक्ति का वरण किया है, धन्य किया है कुल का नाम, पतित पावन दादी नाम । [47] माता शारदा, बहना श्यामा, अनुज है उनके कमलारामा, पिता श्री है झालीराम, पतित पावन दादी नाम । [48] मात पिता की सेवा करते, विपदा से वे कभी ना डरते, थे वे वीर धीर गुणवान, पतित पावन दादी नाम । [49] था नवाब हिसार का धड़कंद, आई है जब उसको अड़चन, सोचे किसे बनाऊँ दीवान, पतित पावन दादी नाम । [50]
मंत्रीगण ने उससे सुझाया, झालीराम जी का नाम बताया, देवो उनको यह सम्मान, पतित पावन दादी नाम । [51] झालीराम को झट बुलवाया, प्रेम सहित आदेश सुनाया, आप सम्भालो पद दीवान, पतित पावन दादी नाम । [52] विवाह योग्य जब हुई है बाई, मात पिता मन चिंता छाई, कर दे अब तो कन्यादान, पतित पावन दादी नाम । [53] लागे ढूंढ़ने वर उस लायक, गुणी वीर सुन्दर सुखदायक, मिला नहीं हो रहे हैरान, पतित पावन दादी नाम । [54] बाई ने जब ध्यान लगाया, प्रभु ने उसका हृदय जगाया, हुआ बोध पति तनधन नाम, पतित पावन दादी नाम । [55] मात पिता को जब यह बताया, तनधन जी का लगन भिजवाया, आए पूरण कर सब काम, पतित पावन दादी नाम । [56] संवत तेरह सौ इक्यावन, विवाह घड़ी जब आई पावन, गूँजा शहनाई पर गान, पतित पावन दादी नाम । [57] मंगसर बदी नवमी मंगलवार, बनी नाराणी तनधन नार, आशीर्वाद दिया भगवान, पतित पावन दादी नाम । [58] मात पिता ने सीख बताई, और बेटी को दी है विदाई, रखना हमेशा कुल का मान, पतित पावन दादी नाम । [59] बाई जब ससुराल पधारी, देख के बतलाए नर नारी, आई देवी घर दीवान, पतित पावन दादी नाम । [60] धड़कंद का बेटा शहजादा, तनधन के संग खेलने जाता, दो शरीर पर एक थे प्राण, पतित पावन दादी नाम । [61] घोड़ी सुन्दर थी आती प्यारी, तनधन जिस पर करे सवारी, वही निमित्त हुई वरदान, पतित पावन दादी नाम । [62] शहज़ादे का मन ललचाया, तनधन जिस पर करे सवारी, छोड़ दे तू घौड़ी का ध्यान, पतित पावन दादी नाम । [63] होनी ने जब रंग दिखलाया, घोड़ी चुराने मन भरमाया, गया रात में वह नादान, पतित पावन दादी नाम । [64] जाग हुई जब भगा बेचारा, तनधन ने तब भाला मारा, निकले शहज़ादे के प्राण, पतित पावन दादी नाम । [65] लाश देख सभी घबराए, सीमा पार झुंझुनू आए, रातों रात चले अविराम, पतित पावन दादी नाम । [66] दुःख हुआ धड़कंद को भारी, करे विलाप मात और नारी, सूनी हुई कोख और माँग, पतित पावन दादी नाम । [67] धड़कंद कहे सुनो दरबारी, कर लो बदले की तैयारी,
सभी रखो तनधन का ध्यान, पतित पावन दादी नाम । [68] गौने का जब दिन है आया, तनधन को ससुराल पठाया, संग भेजा राणा बलवान, पतित पावन दादी नाम । [69] कर गौना जब हुई है विदाई, अपशकुनों की बाढ़ सी आई, चले बोलते जय जय राम, पतित पावन दादी नाम । [70] गुप्तचरों ने खबर सुनाई, धड़चंद ने फौजें भिजवाई, करो तनधन का काम तमाम, पतित पावन दादी नाम [71] जंगल बीच हुई है लड़ाई, तनधन ने वीरता दिखाई, मारे शत्रु के बहुत जवान, पतित पावन दादी नाम [72] पीछे से वार किया दुश्मन ने, वीरगति पाई तनधन ने, हुआ अमर उनका बलिदान, पतित पावन दादी नाम [73] नारायणी ने जब यह देखा, चढ़ा जोश तब उससे अनोख़ा, कूदी रण में भृकुटी तान, पतित पावन दादी नाम [74] हाथों में तलवार है चमकी, और साथ में चूड़िया ख़नकी, बोली मिटाऊँ तेरा नामो निशाँ, पतित पावन दादी नाम [75] रणचंडी जब रूप दिखाया, दुश्मन ने तब होश गँवाया, देख रूप विकराल महान, पतित पावन दादी नाम [76] कर दुश्मन का साफ़ सफाया, राणा को आदेश सुनाया, अब हम चलते अपने धाम, पतित पावन दादी नाम [77] वह संवत तेरह सौ बावन, जब यह धरती हुई है पावन, लहराया ध्वज सत का आन, पतित पावन दादी नाम [78] मंगसर बदी नवमी मंगलवार, सत चढ़ा है अपरम्पार, शक्ति का किया आव्हान, पतित पावन दादी नाम [79] मुख मण्डल पर तेज है दमके, जैसे नभ में बिजली चमके, छाई होठों पर मुस्कान, पतित पावन दादी नाम [80]
अग्नि सत से स्वयं प्रकटी, शक्ति ने सत की ज्योत दिखाई, चमके धरती और आसमान, पतित पावन दादी नाम [81] पञ्चतत्व देह हुआ विलीन, शक्ति हुई शक्ति में लीन, शेष भस्मी अवशेष समान, पतित पावन दादी नाम [82 ] दृश्य देख राणा चकराया, झट दुर्गा का रूप दिखाया, कर रही वर्षा पुष्प विमान, पतित पावन दादी नाम [83 ] बाएँ कर त्रिशूल है चमके, दाएँ में स्वास्तिक भी दमके, आभा मुख मण्डल की महान, पतित पावन दादी नाम [84 ] धन्य हुआ राणा का जीवन, बोला विनती कर मन ही मन, जय भवानी जय दुर्गा नाम, पतित पावन दादी नाम [85 ] राणा ने प्रणाम किया है, माँ ने आशीवाद दिया है, संग मेरे पुजेगा तेरा नाम, पतित पावन दादी नाम [86 ] भस्मी कलश ले झुंझुनू आया, घौड़ा रुका वहीँ पे लगाया, समाधी मंदिर है आलिशान, पतित पावन दादी नाम [87 ] बरस सात सौ की यह दादी, हो गई दादी की पड़दादी, अमर रहेगा इसका नाम, पतित पावन दादी नाम [88 ] जनम मरण और परण दादी का, वार मंगल और नौमी तिथि का, संगम और संयोग महान, पतित पावन दादी नाम [89 ] नौ का अंक पूरण कहलाता, मङ्गल भी मंगल का दाता, दादी पूरण शक्ति निधान, पतित पावन दादी नाम [90 ] हुई नारायणी जग में विख्यात, बन कर दादी राणी शक्ति मात, पूजे माँ को सारा जहान, पतित पावन दादी नाम [91 ] माँ दुर्गा की है अवतार, कोई ना पावै इसका पार, युग युग में अवतारी नाम, पतित पावन दादी नाम [92 ] लक्ष्मी शारदा उमा काली, वैष्णवी काली में झुंझुनू वाली, सब पर्यायवाची इसके नाम, पतित पावन दादी नाम [93 ] शक्ति की जो बात है मूल, वाही दादी निशाँ त्रिशूल, है इसका स्पष्ट प्रमाण, पतित पावन दादी नाम [94 ] देख शक्ति का धाम निराला, सब देवों ने डेरा डाला, सुर संगम हैं दादी धाम, पतित पावन दादी नाम [95 ] इतर देव सब यहाँ बिराजै, बैठे शिव दरबार लगाके, हनुमत कंधे लक्ष्मण राम, पतित पावन दादी नाम [96 ] षोडष शक्ति नव दुर्गाये, त्रिमूर्ति नवग्रह मुस्काए, सब दिग्पाल संभाले काम, पतित पावन दादी नाम [97] कुल देवी दादी महारानी, नहींं है इसका कोई सानी, करती कली में माँ कल्याण, पतित पावन दादी नाम [98 ] दादी की जग में है ख़्याति, संग में बहिनों को पुजवाती, तनधन पित्तर शक्तिमान, पतित पावन दादी नाम [99 ] जो भी मन से पूजे इसको, दादी दर्शन देती उसको, जात पात का नहींं है काम, पतित पावन दादी नाम [100 ] रोळी मोली मेहंदी चावल, धूप पुष्प दीपक और श्रीफल, पूजा का इनसे ही विधान, पतित पावन दादी नाम। [101] चूड़ा चुनड़ भेंट चढ़ावे, बहिन बेटी के काम वो आवै, रखती दादी सबका मान, पतित पावन दादी नाम [102 ] माँ दादी सब शक्ति के रूप, नारी स्वयं भी शक्ति स्वरुप, शक्ति पूजा नारी सम्मान, पतित पावन दादी नाम [103] जितनी भी शक्तियां है कलि में, राणीशक्ति सिरमौर सभी में, इस शक्ति को करो प्रणाम, पतित पावन दादी नाम [104 ] महिमा दादी की अतिभारी, मंगल भवन अमंगल हारी, गुण गावे सब वेद पुराण, पतित पावन दादी नाम [105] यहाँ मंगल मनका पुष्पोहार, कर दे तुझको भाव से पार, कर अर्पण दादी के नाम, पतित पावन दादी नाम [106] पाठ करे जो मंगल मनका, कष्ट हरे माँ उसके तनका, पूरे हो उसके अरमान, पतित पावन दादी नाम [107] श्री कृष्ण ने लीला गाई, दयाकर सुन ले मेरी माई, भूलूँ नहीं मैंं तेरा नाम, पतित पावन दादी नाम [108] मंगल माला पूरी हुई , मनका एक सौ आठ, मनोकामना पूर्ण हो, नित्य करे जो पाठ, नित्य करे जो पाठ, नित्य करे जो पाठ।
राणी सती दादी मंगल मनका 108 | shri rani sati bhajan | rani sati dadi mangal path
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