मेरा घुंघरूं बोले हरे हरे भजन
मेरा घुंघरूं बोले हरे हरे भजन Mera Ghunghru Bole Hare Chitra Vichitra Ji Maharaj
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,हरे कृष्ण, हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष, कृष्ण कृष,
हरे हरे हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम, राम राम,
हरे हरे, हरे हरे।
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
गोविन्द हरे, गोपाल हरे,
गोविन्द हरे, गोपाल हरे,
जय जय प्रभु दीन दयाल हरे,
जय जय प्रभु दीन दयाल हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
एह घुंघरू मेन्नु सतगुरु दित्ते,
एह घुंघरू मेन्नु सतगुरु दित्ते,
मैं तरले कित्ते बड़े बड़े,
मैं तरले कित्ते बड़े बड़े,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
दित्ते :- दिए, प्रदत्त किए।
तरले : मान मनुहार करना,
कृष्ण कृष, कृष्ण कृष,
हरे हरे हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम, राम राम,
हरे हरे, हरे हरे।
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
गोविन्द हरे, गोपाल हरे,
गोविन्द हरे, गोपाल हरे,
जय जय प्रभु दीन दयाल हरे,
जय जय प्रभु दीन दयाल हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
एह घुंघरू मेन्नु सतगुरु दित्ते,
एह घुंघरू मेन्नु सतगुरु दित्ते,
मैं तरले कित्ते बड़े बड़े,
मैं तरले कित्ते बड़े बड़े,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
दित्ते :- दिए, प्रदत्त किए।
तरले : मान मनुहार करना,
विनय करना, बहुत ही जतन करना।
मैं नच्चा मेरा गिरधर नच्चे,
मैं नच्चा मेरा गिरधर नच्चे,
मेन्नु होर भी मस्ती चढ़े चढ़े,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
नच्चा : नाचूं।
नच्चे : नाचे।
मेन्नु : मुझको।
होर : और भी, अधिक।
सुण घँघुरु मेरा देवर लड़दा,
सुण घँघुरु मेरा देवर लड़दा,
मेरी सस्सों रहन्दी मेथो परे परे,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
लड़दा : लड़ाई करता है।
सस्सों : सास।
रहन्दी : रहती है।
मेथो : मुझसे।
उल्टा पुल्टा कई कुछ कहन्दे,
उल्टा पुल्टा कई कुछ कहन्दे,
मेनू बोल सुनावण सड़े सड़े,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
उल्टा पुल्टा : अतार्किक और मिथ्या कथन।
सुनावण : सुनाती हैं।
बोल : ताने, कठोर और कड़वे वचन सुनाना।
सड़े सड़े : जले भुने, कटु वचन।
कहन्दे : कहते हैं।
छूट जाणे यह महल चौबारे,
छूट जाणे यह महल चौबारे,
एह रह जाने सुख धरे धरे,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
छूट जाणे : छूट जाएंगे।
महल चौबारे : महल भवन, विलासिता बिसर जायेगी।
एह रह जाने : यहीं पर रह जाने हैं, साथ में नहीं जाएंगे।
धरे धरे : यहीं पड़े रह जाएंगे।
गाले गीत मधुप गिरधर दे,
गाले गीत मधुप गिरधर दे,
अरी सुमिरण विच सुख बड़े बड़े,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
मैं नच्चा मेरा गिरधर नच्चे,
मैं नच्चा मेरा गिरधर नच्चे,
मेन्नु होर भी मस्ती चढ़े चढ़े,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
नच्चा : नाचूं।
नच्चे : नाचे।
मेन्नु : मुझको।
होर : और भी, अधिक।
सुण घँघुरु मेरा देवर लड़दा,
सुण घँघुरु मेरा देवर लड़दा,
मेरी सस्सों रहन्दी मेथो परे परे,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
लड़दा : लड़ाई करता है।
सस्सों : सास।
रहन्दी : रहती है।
मेथो : मुझसे।
उल्टा पुल्टा कई कुछ कहन्दे,
उल्टा पुल्टा कई कुछ कहन्दे,
मेनू बोल सुनावण सड़े सड़े,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
उल्टा पुल्टा : अतार्किक और मिथ्या कथन।
सुनावण : सुनाती हैं।
बोल : ताने, कठोर और कड़वे वचन सुनाना।
सड़े सड़े : जले भुने, कटु वचन।
कहन्दे : कहते हैं।
छूट जाणे यह महल चौबारे,
छूट जाणे यह महल चौबारे,
एह रह जाने सुख धरे धरे,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
छूट जाणे : छूट जाएंगे।
महल चौबारे : महल भवन, विलासिता बिसर जायेगी।
एह रह जाने : यहीं पर रह जाने हैं, साथ में नहीं जाएंगे।
धरे धरे : यहीं पड़े रह जाएंगे।
गाले गीत मधुप गिरधर दे,
गाले गीत मधुप गिरधर दे,
अरी सुमिरण विच सुख बड़े बड़े,
मेरा घुंघरूं बोले, हरे हरे,
मेरा घुँघरु बोले, हरे हरे।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन
बाबा चित्र विचित्र जी के इस भजन की धूम मची हुई है - ओ मेरा घुंघरू बोले हरे हरे | 5.2.2021 | बृज भाव
Mera Ghungharun Bole, Hare Hare,
Hare Krshn, Hare Krshn,
Krshn Krsh, Krshn Krsh,
Hare Hare Hare Hare,
Hare Raam Hare Raam,
Raam Raam, Raam Raam,
Hare Hare, Hare Hare.
Hare Krshn, Hare Krshn,
Krshn Krsh, Krshn Krsh,
Hare Hare Hare Hare,
Hare Raam Hare Raam,
Raam Raam, Raam Raam,
Hare Hare, Hare Hare.
ऐसे ही अन्य भजन देखने के लिए कृपया होम पेज पर अवश्य विजिट करें।