थारो हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब Tharo Hindi Meaning Rajasthani Dictionary
आपको को राजस्थानी भाषा, विशेषकर शेखावाटी क्षेत्र में थारी कहा जाता है।
इसे अंग्रेजी के शब्द "Your/ Yours" के रूप में समझ सकते हैं। अतः थारा, थारी, थारो, थांको, थांकी आदि का अर्थ "आपका, आपकी होता है। जैसे हम कहें की आपका क्या नाम है तो इसे राजस्थानी में कहेंगे "थारो काई नाम है ?" इसे निचे दिए तरीके से समझें।
थारी सासु तो अड़कचूंट है।
आपकी सास तो बदमाश है।
your mother in law is a crook
सांवरिया थारा नाम हज़ार।
हे कृष्ण, आपके हजारो नाम हैं।
O Krishna, you have thousands of names
बन्नी थारो चंद सरिको मुखडो कोई नजर नहीं लग जाए.
तुम्हारा चेहरा तो चाँद जैसा है, कहीं नजर नहीं लग जाय।
Your face is like the moon,
थांको काई नाम है ?
आपका नाम क्या है ?
What is your name ?
थाकी करेड़ी थे ही भरोला।
आपकी करनी आपको ही भरनी पड़ेगी।
you have to pay for your deed.
थारी सासु तो अड़कचूंट है।
आपकी सास तो बदमाश है।
your mother in law is a crook
सांवरिया थारा नाम हज़ार।
हे कृष्ण, आपके हजारो नाम हैं।
O Krishna, you have thousands of names
बन्नी थारो चंद सरिको मुखडो कोई नजर नहीं लग जाए.
तुम्हारा चेहरा तो चाँद जैसा है, कहीं नजर नहीं लग जाय।
Your face is like the moon,
थांको काई नाम है ?
आपका नाम क्या है ?
What is your name ?
थाकी करेड़ी थे ही भरोला।
आपकी करनी आपको ही भरनी पड़ेगी।
you have to pay for your deed.
थारी म्हारी करता उमर बीती सारी रे।
तेरी मेरी करते हुए सारी उम्र बीत गई।
Your whole life has passed while doing useless things.
तेरी मेरी करते हुए सारी उम्र बीत गई।
Your whole life has passed while doing useless things.
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थारो के उदाहरण Tharo Rajasthani Word Examples in Hindi
थारो राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसके निम्न उदाहरण हैं, आइये इस शब्द को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। ईसरजी तो पेचो बांधै
गोरा बाई पेच संवारे हो
राज म्हे ईसर थारी साळी छाँ
ईसरजी तो डोरो पहनै
हांजी थेता सुनियो चित्त लगाय
समझ हर की प्यारो ,
जीससे मुक्ति होय थारी ।
सुसरैनै तीरथ मानल्यो ये सुन्दर नारी
थारी जग में तो जोत सवाई ।
प्रणा सजनसींघजी ने परच्यो दीधो
तो वणा मंगऱ्या के मांई ।
प्रो बावजी गाम खेमारणा रे मांई ।
थारी सोभा बढेगी जनकपुर मैं ||
कोसल्या जी का लाल हमारा बनड़ा ।
सीतापती राम हमारा बनड़ा ।।
बन्ने कुंडल तो पहनो अवध पुर मैं ।
काहे सू मंढावू पांख - पांखड़ली ,
काहे सू मंढावू थारी चांचड़ली ।
रूपं सू मंढावू थारी पांख - पांखड़ली ,
सोनै सू मंढावू थारी चांचड़ली ।
बनी बनी थारी चोटी कणी रे गूथी,
म्हारी चोटी गुथी ओ म्हारी माता सुजान।
म्हारी चोटी ओ गूंथी म्हारी काक्यां सुजान ।
मैं तो बन्नी थारी नथली पे वारी वारी जाऊँ ।
सुग्गे की चाँच जाणे नासा जी थारी शोभ रही वा में नथली भारी ।
बंसीवारा आज्यो म्हारो देस ,
थारी साँवरी सूरत , बालो भेस ।
बहेती सी गंगा थारी माय हो रनादेव ,
भरी तुरी बावड़ी थारी सासू हो रनादेव ।
सरावरण तीज थारी बइण हो रनादेव ,
थारी रुगट्यां घणो कै म्हारो बांक गोरी !
काळजा में ऊंडी थोड़ी झांक ए ।
थारी रुगटयां घणी के म्हारो बांक ए ॥
जोवू थारी वाट साँवरा जोवू थारी वाट रे । १
भोजन परसी थाल पड़ी रे ,
चम्बल जल से झारी विजना से झालो देवा मैं
थारी सासूजी की , थारी जिठयाणी की थारी दौराणी की ,
थारी बाईसा को गरब नमाय दू ,
थारी गरब चलाऊँ ऐ गूजरी सरणे म्हारे पाजे ।
बरसे नैणा से धार , याद थारी राधा करे छेरे ।
वृन्दावन की कुज गली में यातो निशदिन भटके ।
राधा प्यारी हुई बावरी , मोहन मोहन रटके ।
गोरा बाई पेच संवारे हो
राज म्हे ईसर थारी साळी छाँ
ईसरजी तो डोरो पहनै
हांजी थेता सुनियो चित्त लगाय
समझ हर की प्यारो ,
जीससे मुक्ति होय थारी ।
सुसरैनै तीरथ मानल्यो ये सुन्दर नारी
थारी जग में तो जोत सवाई ।
प्रणा सजनसींघजी ने परच्यो दीधो
तो वणा मंगऱ्या के मांई ।
प्रो बावजी गाम खेमारणा रे मांई ।
थारी सोभा बढेगी जनकपुर मैं ||
कोसल्या जी का लाल हमारा बनड़ा ।
सीतापती राम हमारा बनड़ा ।।
बन्ने कुंडल तो पहनो अवध पुर मैं ।
काहे सू मंढावू पांख - पांखड़ली ,
काहे सू मंढावू थारी चांचड़ली ।
रूपं सू मंढावू थारी पांख - पांखड़ली ,
सोनै सू मंढावू थारी चांचड़ली ।
बनी बनी थारी चोटी कणी रे गूथी,
म्हारी चोटी गुथी ओ म्हारी माता सुजान।
म्हारी चोटी ओ गूंथी म्हारी काक्यां सुजान ।
मैं तो बन्नी थारी नथली पे वारी वारी जाऊँ ।
सुग्गे की चाँच जाणे नासा जी थारी शोभ रही वा में नथली भारी ।
बंसीवारा आज्यो म्हारो देस ,
थारी साँवरी सूरत , बालो भेस ।
बहेती सी गंगा थारी माय हो रनादेव ,
भरी तुरी बावड़ी थारी सासू हो रनादेव ।
सरावरण तीज थारी बइण हो रनादेव ,
थारी रुगट्यां घणो कै म्हारो बांक गोरी !
काळजा में ऊंडी थोड़ी झांक ए ।
थारी रुगटयां घणी के म्हारो बांक ए ॥
जोवू थारी वाट साँवरा जोवू थारी वाट रे । १
भोजन परसी थाल पड़ी रे ,
चम्बल जल से झारी विजना से झालो देवा मैं
थारी सासूजी की , थारी जिठयाणी की थारी दौराणी की ,
थारी बाईसा को गरब नमाय दू ,
थारी गरब चलाऊँ ऐ गूजरी सरणे म्हारे पाजे ।
बरसे नैणा से धार , याद थारी राधा करे छेरे ।
वृन्दावन की कुज गली में यातो निशदिन भटके ।
राधा प्यारी हुई बावरी , मोहन मोहन रटके ।
थारी उमर रा रा गिणयोड़ा दिनड़ा जावे रे, मिजाजी,
थोड़ो राम ने सुमिर ले रे,
थारो राजस्थानी भाषा शब्द के समानार्थी शब्द / Synonyms of Tharo (Tharo Ke Samanarthi Shabd in Rajasthani Language/Bhasha)
थोड़ो राम ने सुमिर ले रे,
थारो राजस्थानी भाषा शब्द के समानार्थी शब्द / Synonyms of Tharo (Tharo Ke Samanarthi Shabd in Rajasthani Language/Bhasha)
थारो का अर्थ हिंदी में आपका, आपको (Your) होता है जिसके हिंदी में पर्यायवाची (अंग्रेज़ी Synonyms) निम्न होते हैं -
थारा, थारी, थारो, थांको, थांकी
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