ढूंढ्यो सारो म्हे संसार थांसों दूजो ना सरकार

ढूंढ्यो सारो म्हे संसार थांसों दूजो ना सरकार

ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थांसों दूजो ना सरकार,
सै की बिगड़ी बनाओ,
थे ऐसा कारीग़र।
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार.......।

समझ में आवे कोणी,
माया संसार की,
प्यार में पड़ोसयाँ बोले,
बातां व्यापार की,
साँचो थारो दरबार,
जग तै न्यारो थारो प्यार,
पल में रोतां ने हँसाओ,
थे ऐसा कारीग़र,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थांसों दूजो ना सरकार,
सै की बिगड़ी बनाओ,
थे ऐसा कारीग़र।
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार.......।

रीत जहाँ की ऐसी,
रोतां ने रुलावे,
बने सवा शेर ये तो,
हारया ने हरावे,
जग से आवे कोई हार,
बाबा थारे दरबार,
हारी बाजी जिताओ,
थे ऐसा बाज़ीगर,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थांसों दूजो ना सरकार,
सै की बिगड़ी बनाओ,
थे ऐसा कारीग़र।
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार.......।

उलझयो है जीव म्हारो,
माया के जाल में,
थांसे कुछ ना छानो बाबा,
बोलूं काई हाल मैं,
निर्मल ने थारी दरकार,
बाबा थारो ही आधार,
पत राखो थे म्हारी
बड़ी नाज़ुक या डगर,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थांसों दूजो ना सरकार,
सै की बिगड़ी बनाओ,
थे ऐसा कारीग़र।
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार.......।
 

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