शरण में आया हूँ श्री राम तुम्हारी तारो ना तारो
शरण में आया हूँ श्री राम तुम्हारी तारो ना तारो
शरण में आया हूँ श्रीराम,
तुम्हारी तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो,
सुना है नाम पतित पावन,
हे राघव तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
गिद्ध, अजामिल, गणिका को,
प्रभु तुम ही उबारे थे,
वही हमारी अर्जी है,
प्रभु तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
विप्र सुदामा को केशव कहो,
तुम ही तारे थे,
मैं भी वही दुखारी हूँ,
प्रभु तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
मध्य सभा में द्रौपदी सुता की,
लाज बचाई थी,
अब की हमारी बारी है प्रभु,
प्रभु तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
देखी अधमता भिक्षु की यदि,
दूर जो भागोगे,
होगी हँसी तुम्हारी प्रभु जी,
प्रभु तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
शरण में आया हूँ श्रीराम,
तुम्हारी तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो,
सुना है नाम पतित पावन,
हे राघव तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
तुम्हारी तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो,
सुना है नाम पतित पावन,
हे राघव तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
गिद्ध, अजामिल, गणिका को,
प्रभु तुम ही उबारे थे,
वही हमारी अर्जी है,
प्रभु तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
विप्र सुदामा को केशव कहो,
तुम ही तारे थे,
मैं भी वही दुखारी हूँ,
प्रभु तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
मध्य सभा में द्रौपदी सुता की,
लाज बचाई थी,
अब की हमारी बारी है प्रभु,
प्रभु तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
देखी अधमता भिक्षु की यदि,
दूर जो भागोगे,
होगी हँसी तुम्हारी प्रभु जी,
प्रभु तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
शरण में आया हूँ श्रीराम,
तुम्हारी तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो,
सुना है नाम पतित पावन,
हे राघव तारो ना तारो,
प्रभु जी तारो ना तारो।
#rajanji #bhajan प्रभु जी तारो ना तारो। PUJYA RAJAN JEE. DEVOTIONAL BHAJAN +919831877060
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
भजन को पूज्य राजन जी ने दमोह की श्री रामकथा में गाया है जो सितंबर 2019 में हुई थी । इस भजन की रचना प्रातः स्मरणीय परम पूज्य श्री गीतानंद जी महाराज "भिक्षु: जी " ने की है।
शरणागति की यह स्थिति वह बिंदु है जहाँ मनुष्य स्वयं को पूर्णतः समर्पित देखता है। दुनिया के सब उपाय व्यर्थ जान पड़ते हैं, सब मार्ग बंद हो जाते हैं, और तब प्रभु का द्वार ही अंतिम सहारा बन जाता है। हर बार “तारो ना तारो” की पुनरावृत्ति उस पीड़ा‑भरी पुकार को और गहराई देती है, जैसे आत्मा स्वयं को बार‑बार झुका कर क्षमायाचना कर रही हो।
वेदना के बीच भी स्मरण आता है कि प्रभु की दया असीम है। उन्होंने गिद्ध जटायु, अजामिल, गणिका, सुदामा और द्रौपदी जैसे असंख्य जनों का उद्धार किया है। वही करुणामय अब भी उस परंपरा को निभाते हैं, जो दीन‑दुखियों के रक्षक और पतितों के पावन करने वालों की है। यह स्मरण आत्मा को साहस देता है कि इतनी कृपा में उसका भी स्थान अवश्य है।
वेदना के बीच भी स्मरण आता है कि प्रभु की दया असीम है। उन्होंने गिद्ध जटायु, अजामिल, गणिका, सुदामा और द्रौपदी जैसे असंख्य जनों का उद्धार किया है। वही करुणामय अब भी उस परंपरा को निभाते हैं, जो दीन‑दुखियों के रक्षक और पतितों के पावन करने वालों की है। यह स्मरण आत्मा को साहस देता है कि इतनी कृपा में उसका भी स्थान अवश्य है।
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर हरियाणवी भजन भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |

